महासमुंद: महासमुंद जिले में शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर (Anganwadi workers protest in Mahasamund ) दिया. छत्तीसगढ़ सरकार के जनघोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया. जहां अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग पूरा करने की बात कही. (Anganwadi workers protest in Mahasamund )
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन: बीते दो दिनों से पटवारी कार्यालय के सामने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. विरोध के दौरान कोई प्रशासनिक अमला के नहीं पहुंचने पर आहत होकर छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सहायिका कल्याण संघ के बैनर तले रैली निकाली. कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपनी 9 सूत्रीय मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
ये है मांगे: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की मांग है कि सरकार के घोषणा पत्र में शासकीय कर्मचारी घोषित करने का वादा किया गया था, उसे पूरा किया जाए. कलेक्टर दर को पूरा किया जाए.सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन दिया जाए. समूह बीमा योजना के लिए नीति निर्धारित कर लागू किया जाए. सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओ का 5 लाख एवं सहायिकाओं का 3 लाख एक मुश्त भुगतान किया जाए. आंगनबाडी कार्यकर्ता और सुपरवाईजर के रिक्त पदों पर शत-प्रतिशत बिना उम्र बंधन के परिक्षा लिया जाए. ये सभी मांगें सहायिकाओं के मांग में शामिल है.
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अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी: पूरे मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर प्रदेश की सरकार उनकी जायज मांगो को पूरा नहीं करती है. तो पूरे प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आंगंगबाड़ी बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगी. इसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश की भूपेश सरकार की होगी.
बच्चे और गर्भवती महिलाओं को हो रही दिक्कत: दूसरी ओर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से सभी आंगनबाड़ी में ताला लटक गया है. बच्चों को पोषक आहार और गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन नहीं मिल पा रहा है.बच्चे वापस अपने घर लौटने को मजबूर हो रहे है.