महासमुंद: राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक अमृत दूध योजना जिले में दम तोड़ रही है. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहालों को बीते चार महीनों से अमृत दूध नहीं मिल रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को कई बार दी. इसके बावजूद महिला एवं बाल विकास विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं.
अप्रैल 2017 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दूध देने अमृत दूध योजना की शुरुआत की थी, जिसका अब बुरा हाल है.
महासमुंद के 1780 आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग सवा लाख बच्चे आते हैं, जिनमें से 35 हजार बच्चों को अमृत दूध पिलाया जा रहा था, लेकिन वर्तमान में 4 महीनों से आंगनबाड़ियों में दूध की सप्लाई नहीं हुई है. आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, '4 महीने से दूध नहीं आ रहा है, जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है.'