महासमुंद: जिले की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है, उसका मुख्य व्यवसाय धान की खेती है. लेकिन, इस सीजन में ये किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं, इसकी वजह है, कभी पानी की कमी, तो कभी वन प्राणी और रही बाकी कसर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने पूरी कर दी. जिले के 40 गांव में फसल प्रभावित हुई है. गांव में लगभग 611 हेक्टेयर है, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है.
इसके साथ ही बागबाहरा ब्लॉक के 8 गांवों के लगभग 350 हेक्टेयर धान की फसल नष्ट हो गई है. जहां किसान परेशान हैं, वहीं अधिकारी मुआवजा प्रकरण तैयार करवाने की बात कर रहे हैं.
जिले के बागबाहरा ब्लॉक के 8 गांव सिमगांव, रेवा, खुड़मुड़ी, चारभाठा, डोगरीपाली, डोंगाखम्हरिया, खेमड़ा और डोंगागांव में सोमवार को हुई तेज बारिश और ओलावृष्ठि से सैकड़ों किसानों के लगभग 350 हैक्टेयर धान की फसल जो पक कर तैयार थी ,वह नष्ट हो गई है. धान के पौधे गिर गए हैं और उसमें लगी धान की बालिया भी झड़ गई है. टमाटर, लौकी के खेतों में भी भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने अपने खेतों में कर्ज लेकर पूरी लागत लगा दिया है. जब धान काटने की बारी आई तो ओलावृष्टि के कारण फसल नुकसान हो गया है.
वहीं राजस्व अधिकारी भी नुकसान की बात स्वीकार की है और आरबीसी 6-4 के तहत इन पीड़ित किसानों के प्रकरण तैयार कर रहे हैं. लगातार किसानी में हो रहे नुकसान के कारण छोटे किसान अब खेती से दूर हो रहे है और अब आय के लिए दूसरा साधन तलाश कर रहे हैं.