एमसीबी: जिले के भरतपुर, कुवारपुर, तोजा, सिंगरौली केल्हारी सहित 150 से ज्यादा गांवों में लोग आदमखोर जानवर से लोग खौफ के बीच जीने को मजबूर हैं. तेंदुए से निजात मिलने के बाद अब आदमखोर बाघ ने लोगों की नींद उड़ा दी है. रविवार को ग्राम देऊरा के जंगल में चर रहे मवेशियों पर बाघ ने अचानक एक बछिया को अपना शिकार बनाया था कि तभी मवेशियों की झुंड मे शामिल भैसों ने बाघ को खदेड़ दिया. केल्हारी वन परिक्षेत्र के देउरा जंगल पहुंची वन विभाग की टीम ने भी बाघ की तेज दहाड़ सुनी. विभाग बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने के साथ ही लोगों को जंगल की ओर न जाने की हिदायत दे रहा है.
मछली पकड़ने गए ग्रामीण पर बाघ ने किया था हमला: आदमखोर तेंदुए के पकड़े जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो कुछ ही अरसे के लिए थी. मध्य प्रदेश की सीमा से सटे ग्राम सीधी से आए एक बाघ ने जब कुछ मवेशियों को अपना शिकार बनाया तो वनविभाग को लगा कि यह आदमखोर नहीं है. लेकिन जब बीते दिन मछली पकड़ने गए ग्रामीण को अपना शिकार बनाया तो विभाग भी सकते में आ गया. ऐसे में एक बार फिर आदमखोर जानवर की दहशत ने लोगों की रातों की उड़ाकर रख दी है.
वन विभाग की टीम को सुनाई दी बाघ की दहाड़ : शासन प्रशासन भी अब दिन रात एक कर लोगों को बाघ से निजात दिलाने में जुटा है. जिला कलेक्टर पीएस ध्रुव खुद भी मैदान में हैं और अभियान की माॅनीटरिंग कर रहे हैं. वन विभाग ने जानकारी दी कि बाघ चपलीपानी, बैरागी या शिवगढ़ की ओर जा सकता है. इसलिए वन अमले की ओर से बाजार और गांवों में मुनादी करा कर बाघ से सतर्क और सुरक्षित रहते हुए जंगल की ओर न जाने की चेतावनी दी जा रही है.
तेंदुए ने तीन लोगों का किया था शिकार: पिछले महीने शिकार की तलाश में कई बार आदमखोर तेंदुए ने लोगों पर हमला किया. तीन लोगों समेत आधा दर्जन मवेशियों को अपना शिकार बनाया. लोगों ने अपनी आंखों से अपनों के शिकार बनते देखा. कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने आदमखोर तेंदुए को पकड़कर रायपुर के जंगल सफारी भेजा था. मगर अब बाघ के रूप नई मुसीबत ने दस्तक दी है. प्रशासन जहां आदमखोर हो चुके बाघ को वापस गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान भेजने की कोशिशों में जुटा है तो वहीं उसके मूवमेंट पर नजर रखते वन विभाग का अमला ग्रामीणों को सतर्क कर रहा है.
एक जगह पर नहीं रुकता है बाघ: वन मंडलाधिकारी लोकनाथ पटेल ने बताया कि " बाघ मध्य प्रदेश की तरफ से बार्डर पार करके आया है. जिस तरह से लगातार आगे बढ़ते जा रहा है, निश्चित ही यह एक जगह स्थिर नहीं रहता है. वनविभाग मौके पर पहुंच रहा है. कोशिश यही है कि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों और बाघ को सुरक्षित तरीके से उसके स्थान पर वापस भेज दिया जाए."
तेंदुआ या बाघ दिखे ताे विभाग को दें सूचना: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर रामा कृष्णा का कहना है कि "हम लोग बाघ की लगातार टैकिंग कर रहे हैं. बाघ या तेंदुआ दिखे तो विभाग को सूचना दें, उन्हें घेरे नहीं. सुबह करीब 6 बजे से लेकर 8 बजे तक और शाम को 4 बजे के बाद ग्रामीण जंगल की ओर ना जाएं, क्योंकि ये उनके मूवमेंट का समय होता है."