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SPECIAL: रक्षाबंधन पर बहनों को फ्री में भाइयों के पास पहुंचाते हैं जितेंद्र

रक्षाबंधन के पर्व पर हम आपको एक ऐसे भाई से मिलाने जा रहे है जो सिर्फ अपनी बहन को ही नहीं, बल्कि मनेद्रगढ़ की हर बहन को रक्षाबंधन पर खास उपहार देते है. जिसकी चर्चा हर गलियों में है.

जितेंद्र खटीक की ऑटो
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Published : Aug 14, 2019, 11:52 PM IST

कोरिया: रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम का त्योहार है. बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपने लिए हक से उपहार मांगती है और भाई भी पूरे प्यार से तोहफा देकर जिंदगीभर रक्षा का वचन देता है. इन सब के बीच एक भाई ऐसा भी है, जो पिछले 6 साल से शहर की बहनों को ऐसा तोहफा देता है, जिसे जानकर आप भी बेहद खुश होंगे. बहनें इनकी तारीफ करते भी नहीं थकती हैं.

रक्षाबंधन पर बहनों को फ्री में भाइयों के पास पहुंचाते हैं जितेंद्र

कौन है ये जितेंद्र खटीक

  • ये हैं जितेंद्र खटीक है, मनेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और ऑटो चलाते हैं.
  • राखी के दिन ये अपनी जेब नहीं बल्कि बहनों की खुशियों का ख्याल रखते हैं और देते हैं बेहद खास तोहफा.
  • आप ज्यादा न सोचें इसके लिए हम बता ही देते हैं. जितेंद्र रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को मुफ्त में सवारी कराते हैं, जिससे वे अपने भाइयों को तय वक्त पर राखी बांध आएं. वो ऐसा क्यों करते हैं उनसे ही जान लीजिए.

जितेंद्र ने बताया कि राखी के लिए वो खास तैयारी भी करते हैं. साथ ही वो ये काम हमेशा करते रहेंगे.

वहीं जितेंद्र द्वारा शहर की महिलाओं को ये खास तोहफा दिए जाने पर उनकी बहन कहती हैं कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है. साथ ही अन्य महिलाओं को भी उन पर गर्व है.

हमारे देश में तो स्कूल की प्रार्थना से ही विश्व को परिवार मानते के संस्कार दिए जाते हैं. पूरी वसुधा को अपना परिवार मानने वाले इस देश में जितेंद्र जैसे लोग ही हैं, जिन्होंने परंपराओं और संस्कारों को सहेज रखा है.

कोरिया: रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम का त्योहार है. बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपने लिए हक से उपहार मांगती है और भाई भी पूरे प्यार से तोहफा देकर जिंदगीभर रक्षा का वचन देता है. इन सब के बीच एक भाई ऐसा भी है, जो पिछले 6 साल से शहर की बहनों को ऐसा तोहफा देता है, जिसे जानकर आप भी बेहद खुश होंगे. बहनें इनकी तारीफ करते भी नहीं थकती हैं.

रक्षाबंधन पर बहनों को फ्री में भाइयों के पास पहुंचाते हैं जितेंद्र

कौन है ये जितेंद्र खटीक

  • ये हैं जितेंद्र खटीक है, मनेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और ऑटो चलाते हैं.
  • राखी के दिन ये अपनी जेब नहीं बल्कि बहनों की खुशियों का ख्याल रखते हैं और देते हैं बेहद खास तोहफा.
  • आप ज्यादा न सोचें इसके लिए हम बता ही देते हैं. जितेंद्र रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को मुफ्त में सवारी कराते हैं, जिससे वे अपने भाइयों को तय वक्त पर राखी बांध आएं. वो ऐसा क्यों करते हैं उनसे ही जान लीजिए.

जितेंद्र ने बताया कि राखी के लिए वो खास तैयारी भी करते हैं. साथ ही वो ये काम हमेशा करते रहेंगे.

वहीं जितेंद्र द्वारा शहर की महिलाओं को ये खास तोहफा दिए जाने पर उनकी बहन कहती हैं कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है. साथ ही अन्य महिलाओं को भी उन पर गर्व है.

हमारे देश में तो स्कूल की प्रार्थना से ही विश्व को परिवार मानते के संस्कार दिए जाते हैं. पूरी वसुधा को अपना परिवार मानने वाले इस देश में जितेंद्र जैसे लोग ही हैं, जिन्होंने परंपराओं और संस्कारों को सहेज रखा है.

Intro:एंकर - रक्षाबंधन के आने से कुछ हफ्ते पहले ही बाजारों में राखियों और मिठाइयों की भरमार नजर आने लगती है. जहां भी नजर डालो राखियां और बहनों को उपहार में दिए जाने वाले गिफ्ट ही नजर आते हैं. ये त्योहार ही कुछ अनूठा है जो भाई-बहन के प्यार को बयां करते है. इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. इसके बदले में भाई उन्हें गिफ्ट के रूप में कुछ उपहार देते हैं । मनेन्द्रगढ़ एक ऐसा भाई जो राखी के दिन मिलने वाली सभी बहनों को अनोखा उपहार देता है ।
Body:वी.ओ.- ये सुनकर शायद आपको अपने कानों पर विश्वास नही हो पा रहा होगा लेकिन ये सच है जो भाई अपनी बहनों से दूर रहते हैं वे अपने अपने साधन से राखियां बाधाने भाइयो के घर जाते है । पवन पर्व होने बहुत यात्रियों गाड़िया नही चलती है जिसे बहनों को बहुत परेशानी होती है । यह बात जब जितेंद्र खटीक को महसूस हुई जो पेशे से ऑटो चालक है तो उन्होंने संकल्प लिया कि वो अपनी बहन से राखी बंधवाने के बाद निशुल्क ऑटो चलाएंगे । जिसे बहने अपने भाइयों तक जल्दी और आसानी से पहुँच सके । जितेंद्र खटीक 5 सालो से यह उपहार दे रहे है । शुरुवाती दौर में उनके पास 2 ऑटो थी आज वो 5 ऑटो के मालिक है और राखी के दिन उनके पांचों ऑटो निशुल्क चलते है । जितेंद्र अपने 5 ऑटो में राखी के दिन के 15 दिन पहले फेलेक्स लगवा लेते है जिसमे निशुल्क होने वाली बात बहनों तक पहुँच सके साथ ही फेलेक्स में उनका मोबाइल नंबर भी लिखा है । ताकि राखी के दिन बहने उन्हें फोन करके भी बुला सके ।जितेंद्र बताते है कि जब वो बहनों को उनके भाइयो के घर छोड़ते है और पैसे देने पर पैसे नही लेते है तो बहने उन्हें बहुत दुआएं देती है । जितेंद्र खटीक की बहन तो कहती है उन्हें अपने भाई पर गर्व है क्योंकि इस प्रकार का उपहार शायद ही किसी भाई ने राखी के दिन मिलने वाली सारी बहनों के लिए सोचा होगा लेकिन उनका भाई 5 सालो से निरंतर यह कार्य करता आ रहा है । Conclusion:जितेंद्र खटीक आगे भी ये उपहार बहनों को देता रहेगा ।
बाइट - जितेंद्र खटीक (सेवाकर्ता)
बाइट - आरती खटीक (जितेंद्र की बहन)
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