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श्रीराम ने छत्तीसगढ़ के सीतामढ़ी हरचौका में रखा था पहला कदम - श्रीराम का छत्तीसगढ़ आगमन

14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम सबसे पहले छत्तीसगढ़ के कोरिया पहुंचे थे. पुजारी के अनुसार सीतामढ़ी मंदिर भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान का है. जब उनका वनवास हुआ था तो श्रीराम चित्रकूट के बाद छत्तीसगढ़ के हरचौका में आए थे.

श्रीराम ने छत्तीसगढ़ के सीतामढ़ी हरचौका में रखा था पहला कदम
श्रीराम ने छत्तीसगढ़ के सीतामढ़ी हरचौका में रखा था पहला कदम
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Published : Nov 30, 2019, 3:30 PM IST

कोरिया: श्रीराम को 25 साल की उम्र में 14 वर्ष का वनवास हुआ था. वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने अपने 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे. प्रशासन ने छत्तीसगढ़ में स्थित राम वनगमन मार्ग को पर्यटन के रूप में विकसित करने का फैसला किया है. इसमें 8 पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है. इसमें पहला पर्यटन स्थल सीतामढ़ी हरचौका है. इस जगह को वनवास के दौरान श्रीराम के छत्तीसगढ़ प्रवेश के रूप में माना जाता है.

श्रीराम ने छत्तीसगढ़ के सीतामढ़ी हरचौका में रखा था पहला कदम

17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना
बताया जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम सबसे पहले छत्तीसगढ़ के कोरिया पहुंचे थे. पुजारी के अनुसार सीतामढ़ी मंदिर भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान का है. जब उनका वनवास हुआ था तो श्रीराम चित्रकूट के बाद छत्तीसगढ़ के हरचौका में आए थे. यहां भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था. बताया जाता है कि यहां उन्होंने 17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी और तब से ये जगह सीतामढ़ी-हरचौका के नाम से विख्यात हुआ.

पुजारी का कहना है कि यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. यहां सच्चे मन से मांगी हुई सारी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि ये जगह सालों पुरानी है और इस मंदिर में स्थानीय लोग त्योहार के दिन विशेष पूजा पाठ करते हैं.

योजना शुरू करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो की पहल पर सीतामढ़ी-हरचौका को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की गई है. इसके लिए कोरिया कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम को जगह का निरीक्षण कर कार्य योजना को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. गांव के सरपंच ने बताया कि इस जगह को पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया. शासन ने यहां पर मंदिर निर्माण कराने के लिए काम शुरू कर दिया है. यहां रोड, शौचालय, यात्री प्रतीकक्षालय की सुविधा कराई जा रही है.

कोरिया: श्रीराम को 25 साल की उम्र में 14 वर्ष का वनवास हुआ था. वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने अपने 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे. प्रशासन ने छत्तीसगढ़ में स्थित राम वनगमन मार्ग को पर्यटन के रूप में विकसित करने का फैसला किया है. इसमें 8 पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है. इसमें पहला पर्यटन स्थल सीतामढ़ी हरचौका है. इस जगह को वनवास के दौरान श्रीराम के छत्तीसगढ़ प्रवेश के रूप में माना जाता है.

श्रीराम ने छत्तीसगढ़ के सीतामढ़ी हरचौका में रखा था पहला कदम

17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना
बताया जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम सबसे पहले छत्तीसगढ़ के कोरिया पहुंचे थे. पुजारी के अनुसार सीतामढ़ी मंदिर भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान का है. जब उनका वनवास हुआ था तो श्रीराम चित्रकूट के बाद छत्तीसगढ़ के हरचौका में आए थे. यहां भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था. बताया जाता है कि यहां उन्होंने 17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी और तब से ये जगह सीतामढ़ी-हरचौका के नाम से विख्यात हुआ.

पुजारी का कहना है कि यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. यहां सच्चे मन से मांगी हुई सारी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि ये जगह सालों पुरानी है और इस मंदिर में स्थानीय लोग त्योहार के दिन विशेष पूजा पाठ करते हैं.

योजना शुरू करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो की पहल पर सीतामढ़ी-हरचौका को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की गई है. इसके लिए कोरिया कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम को जगह का निरीक्षण कर कार्य योजना को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. गांव के सरपंच ने बताया कि इस जगह को पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया. शासन ने यहां पर मंदिर निर्माण कराने के लिए काम शुरू कर दिया है. यहां रोड, शौचालय, यात्री प्रतीकक्षालय की सुविधा कराई जा रही है.

Intro:एंकर - 14 बरस वनवास के दौरान भगवान राम का छत्तीसगढ़ में सबसे पहले कोरिया जिले में हुआ था आगमन, जहाँ भगवान राम ने किया था रात्रि विश्राम, वहीं एक रात में 17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग का किये थे निर्माण, तब से यह जगह सीतामढ़ी-हरचौक के नाम से जाने लगी।


Body:वीओ - छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की मंशा व सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो की पहल पर सीतामढ़ी-हरचौक को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा के बाद कोरिया कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम को जगह का निरीक्षण कर तत्काल कार्य योजना को चालू करने का निर्देश दिया। छत्तीसगढ़ में स्थित राम वन गमन मार्ग को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने का फैसला किया गया है जिसमे 8 पर्यटन स्थल शामिल किया गया है। जिसमे पहला पर्यटन सीतामढ़ी हरचौका जिसे श्री रामचन्द्र का वनवास के समय छत्तीसगढ़ में प्रवेश के रूप में माना जाता है। पुजारी के अनुसार सीतामढ़ी मंदिर भगवान श्री राम के वनवास दौरान का जब श्री राम का वनवास हुआ था तो चित्रकोट से छत्तीसगढ़ में प्रथम आगमन हरचौका में हुआ था। जहाँ भगवान श्री राम ने रात्रि विश्राम भी किये थे, ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने एक ही रात्रि में 17 कमरे बनाए थे, और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी, पुजारी का कहना है कि यहाँ श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह जगह युगों युगों पुरानी इस मंदिर पे स्थानीय लोगो के द्वारा त्योहार के दिन विशेष पूजा पाठ भी किया जाता है।
बाइट - दीपनारायण मिश्रा (पुजारी)

Conclusion:वीओ - वही इस सम्बंध में जब हमने सरपंच से बात की तो उनका कहना था पुरातत्व विभाग ने अपने अंदर ले लिया है, शाशन द्वारा यहाँ पर मंदिर निर्माण के लिए जो कार्य किए जा रहे है। रोड की सुविधा, शौचालय की सुविधा, यात्री प्रतीकक्षालय की सुविधा कराई जा रही है।
बाइट - लालसाय (सरपंच,हरचोखा ग्राम पंचायत)
बाइट - डोमेन सिंह (कलेक्टर,कोरिया)
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