कोरिया: श्रीराम को 25 साल की उम्र में 14 वर्ष का वनवास हुआ था. वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने अपने 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे. प्रशासन ने छत्तीसगढ़ में स्थित राम वनगमन मार्ग को पर्यटन के रूप में विकसित करने का फैसला किया है. इसमें 8 पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है. इसमें पहला पर्यटन स्थल सीतामढ़ी हरचौका है. इस जगह को वनवास के दौरान श्रीराम के छत्तीसगढ़ प्रवेश के रूप में माना जाता है.
17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना
बताया जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम सबसे पहले छत्तीसगढ़ के कोरिया पहुंचे थे. पुजारी के अनुसार सीतामढ़ी मंदिर भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान का है. जब उनका वनवास हुआ था तो श्रीराम चित्रकूट के बाद छत्तीसगढ़ के हरचौका में आए थे. यहां भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था. बताया जाता है कि यहां उन्होंने 17 कमरे और 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी और तब से ये जगह सीतामढ़ी-हरचौका के नाम से विख्यात हुआ.
पुजारी का कहना है कि यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. यहां सच्चे मन से मांगी हुई सारी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि ये जगह सालों पुरानी है और इस मंदिर में स्थानीय लोग त्योहार के दिन विशेष पूजा पाठ करते हैं.
योजना शुरू करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सविप्रा उपाध्यक्ष गुलाब कमरो की पहल पर सीतामढ़ी-हरचौका को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की गई है. इसके लिए कोरिया कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम को जगह का निरीक्षण कर कार्य योजना को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. गांव के सरपंच ने बताया कि इस जगह को पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया. शासन ने यहां पर मंदिर निर्माण कराने के लिए काम शुरू कर दिया है. यहां रोड, शौचालय, यात्री प्रतीकक्षालय की सुविधा कराई जा रही है.