कोरिया: जनकपुर सरपंच ने अवैध निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए एसडीएम और तहसीलदार भरतपुर को पत्र लिखा है. प्रशासनिक लापरवाही से जनकपुर के पुराने ग्राम पंचायत भवन में बनी दुकानों पर खुलेआम 15 दिनों से अवैध निर्माण कार्य जारी है. पंचायत की संपत्ती को बचाने के लिए सरपंच ने एसडीएम और तहसीलदार भरतपुर को पत्र लिखकर अवैध निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए गुहार लगाई है.
पंचायत को नहीं मिला किराया
जानकारी के अनुसार जनकपुर के पुराना बस स्टैंड स्थित पुराना ग्राम पंचायत भवन के तीन तरफ सड़क होने के कारण पंचायत की आमदनी बढ़ाने के लिए पंचायत ने 10 दुकानों का निर्माण कराकर किराए पर दिया था. इनमें से एक किरायादार मोहनलाल आसुदानी ने ग्राम पंचायत जनकपुर से दुकान क्रमांक 02, 04, 05, तीन दुकानों को किराया में लेकर अपने भाई राधामल जगवानी के साथ व्यवसाय शुरू किया. प्रारंभ मे कुछ सालों तक नियमित रूप से दुकान का किराया पंचायत को दे रहा था. इस बीच पंचायत के चुनाव में जीतकर आने वाले कई सरपंचों से मित्रता और अच्छा सम्बन्ध होने की वजह से व्यवसायी मोहनलाल आसुदानी ने दुकान का किराया पंचायत को देना बंद कर दिया.
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प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
वर्तमान सरपंच जयमनिया बाई ने बताया कि अपने पिछले दो पंचवर्षीय कार्यकाल में लगातार कई नोटिस जारी कर दुकान का किराया पंचायत में जमा करने को कहा है. लेकिन व्यावसायी मोहनलाल आसुदानी ने दुकान का किराया अब तक नहीं दिया है. बल्कि पंचायत की दुकान और जमीन को हड़पने के लिए अवैध निर्माण कराने में जुटा हुआ है. ग्राम पंचायत की सरपंच ने पुराना बस स्टैंड स्थित पुराना पंचायत भवन की सम्पत्ति को बचाने के लिए 13 अक्टूबर को एसडीएम भरतपुर और तहसीलदार भरतपुर को पत्र लिखकर निर्माण कार्य रोकने गुहार लगाई है. लेकिन एक हफ्ते बाद भी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लग सका है. जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.