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कोर्ट ने दिया ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय के कुर्सी, टेबल, आलमारी बेचने का आदेश, ये है वजह - koriya news

जनकपुर निवासी मिठाई लाल सोनी ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग में 1998 में निर्माण संबंधी कार्य करने के लिए सामग्री दिलाई थी, जिसकी कुल कीमत 26 हजार 250 रुपए थी, जिसका बिल बनाकर विभाग में भुगतान करना था, लेकिन विभाग के अफसर फंड के अभाव में बिल भुगतान नहीं कर पा रहे थे.

कार्यालय के सामानों की हुई नीलामी
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Published : Sep 13, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Sep 13, 2019, 10:38 AM IST

कोरिया : जनकपुर व्यवहार न्यायालय ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की कुर्सी-टेबल, अलमारी-कंप्यूटर सिस्टम की नीलामी का फैसला सुनाया है और इसकी राशि मिठाई लाल सोनी नामक व्यक्ति को देने की आदेश दिया.

कोर्ट ने दिया ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय के कुर्सी

जनकपुर निवासी मिठाई लाल सोनी ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग में 1998 में निर्माण संबंधी कार्य करने के लिए सामग्री दिलाई थी, जिसकी कुल कीमत 26 हजार 250 रुपए थी, जिसका बिल बनाकर विभाग में भुगतान करना था, लेकिन विभाग के अफसर फंड के अभाव में बिल भुगतान नहीं कर पा रहे थे.

इससे परेशान ग्रामीण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर कर बकाया बिल भुगतान कराने की गुहार लगाई थी, जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया और न्यायालय के आदेश के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की संपत्ति का पंचनामा तैयार कर नीलामी के लिए समान जब्ती करवाया.

सामानों की जब्ती के बाद अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया और तुरंत ग्रामीण को बुलाकर बिल भुगतान कर दिया. इसके बाद मिठाई लाल सोनी ने व्यवहार न्यायालय को लिखित में ये लिखकर दिया कि उसे पूरा भुगतान विभाग द्वारा कर दिया गया है. इसके बाद न्यायालय ने सभी सामान ले जाने की अनुमति दी.

कोरिया : जनकपुर व्यवहार न्यायालय ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की कुर्सी-टेबल, अलमारी-कंप्यूटर सिस्टम की नीलामी का फैसला सुनाया है और इसकी राशि मिठाई लाल सोनी नामक व्यक्ति को देने की आदेश दिया.

कोर्ट ने दिया ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय के कुर्सी

जनकपुर निवासी मिठाई लाल सोनी ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग में 1998 में निर्माण संबंधी कार्य करने के लिए सामग्री दिलाई थी, जिसकी कुल कीमत 26 हजार 250 रुपए थी, जिसका बिल बनाकर विभाग में भुगतान करना था, लेकिन विभाग के अफसर फंड के अभाव में बिल भुगतान नहीं कर पा रहे थे.

इससे परेशान ग्रामीण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर कर बकाया बिल भुगतान कराने की गुहार लगाई थी, जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया और न्यायालय के आदेश के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की संपत्ति का पंचनामा तैयार कर नीलामी के लिए समान जब्ती करवाया.

सामानों की जब्ती के बाद अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया और तुरंत ग्रामीण को बुलाकर बिल भुगतान कर दिया. इसके बाद मिठाई लाल सोनी ने व्यवहार न्यायालय को लिखित में ये लिखकर दिया कि उसे पूरा भुगतान विभाग द्वारा कर दिया गया है. इसके बाद न्यायालय ने सभी सामान ले जाने की अनुमति दी.

Intro:कोरिया जिले के व्यवहार न्यायालय जनकपुर ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की कुर्सी-टेबल, अलमारी-कंप्यूटर सिस्टम की नीलामी का फैसला सुनाकर सामग्री आपूर्ति करने वाले मिठाई लाल सोनी को देने को कहा । विभाग ने आनन फानन में ग्रामीण को किया भुगतान । तब जा कर कार्यालय का मिला समान ।

Body:जनकपुर निवासी मिठाई लाल सोनी द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग जनकपुर में 1998 में निर्माण संबंधी कार्य करने सामग्री की पूर्ति कराई थी जिसका कुल 26250 बिल बनाकर विभाग में भुगतान कराने प्रस्तुत किया था, लेकिन विभाग के अफसर फंड के अभाव में बिल भुगतान नहीं कर पा रहे थे, इससे परेसान ग्रामीण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से व्यवहार न्यायालय जनकपुर में परिवाद दायर कर बकाया बिल भुगतान कराने गुहार लगाई थी जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया और न्यायालय के आदेश के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय की संपत्ति का पंचनामा तैयार कर नीलामी के लिए समान जप्ती करवाया गया । आपको बता दें जनपद पंचायत भरतपुर कार्यालय भवन में एक छोटे से कमरे में आर.ई.एस. का उप संभाग कार्यालय संचालित है जिसमें एसडीओ सब इंजीनियर लिपिक सहित अन्य स्थान कार्यरत हैं । वही जनपद पंचायत भरतपुर के क्षेत्र में आने वाले समस्त ग्राम पंचायत व आश्रित ग्राम में निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग की जाती है । सामानों की जप्ती के बाद अधिकारियों के बीच हडकंप मच गया और तुरंत ग्रामीण को बुलाकर बिल भुगतान कर दिया । उसके बाद मिठाई लाल सोनी में व्यवहार न्यायालय में लिखित में दिया कि उसे पूरा भुगतान विभाग द्वारा कर दिया गया है ।उनके बाद न्यायालय में विभाग को सभी सामान ले जाने की अनुमति दी ।Conclusion: इस मामले के बाद विभाग को निश्चित ही सबक मिला होगा ।
बाइट - आदित्य गुप्ता (मिठाई लाल सोनी का वकील)
Last Updated : Sep 13, 2019, 10:38 AM IST
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