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24 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया पोस्टमार्टम, परिजन होते रहे परेशान

कोरिया में मंगलवार को ट्रेन की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी, लेकिन शव आठ घंटे तक ट्रैक पर ही पड़ा रहा. वहीं 24 घंटे बीत जाने के बाद शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया, जिसके कारण मृतकों के परिजन परेशान होते रहे. वहीं यह घटना प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे है.

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ट्रेन की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत
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Published : May 23, 2020, 12:14 PM IST

कोरिया: जिले में मंगलवार की सुबह तकरीबन 7 बजे उदलकचार और दररिटोला के बीच मालगाड़ी की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी, जिसकी सूचना रेलवे के कर्मचारियों ने मनेन्द्रगढ़ पुलिस थाने में दी थी. सूचना मिलने के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो गई, लेकिन शव आठ घंटे तक ट्रैक पर ही पड़ा रहा. वहीं 8 घंटे बाद बॉडी का पंचनामा तैयार कर बॉडी को मनेन्द्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन शाम होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से मृतक के परिजनों को पूरी रात हॉस्पिटल में रूकना पड़ा.

24 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया पोस्टमार्टम

वहीं दूसरे दिन बुधवार को पोस्टमार्टम संभव हो पाया. जब ETV भारत की टीम ने मृतकों के परिवार से बात की तो उनका कहना था कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी गई थी, जिस वजह से वे यहां से वहां पूरा दिन भटकते रहे.

मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत

बता दें चार युवक पेंड्रा से रेल लाइन के माध्यम से अपने घर सूरजपुर के लिए निकले थे, जिनमें से दो की मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसकी घटना को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवार को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी.

बड़ा सवाल -

  • सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं हो पाया.
  • मुख्यमंत्री के संज्ञान में बात आने के बाद भी प्रशासन इतने सुस्त तरीके से काम क्यों करता रहा.
  • 8 घंटे तक मृतकों का शव रेलवे ट्रैक पर ही क्यों पड़ा रहा.

कोरिया: जिले में मंगलवार की सुबह तकरीबन 7 बजे उदलकचार और दररिटोला के बीच मालगाड़ी की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी, जिसकी सूचना रेलवे के कर्मचारियों ने मनेन्द्रगढ़ पुलिस थाने में दी थी. सूचना मिलने के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो गई, लेकिन शव आठ घंटे तक ट्रैक पर ही पड़ा रहा. वहीं 8 घंटे बाद बॉडी का पंचनामा तैयार कर बॉडी को मनेन्द्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन शाम होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से मृतक के परिजनों को पूरी रात हॉस्पिटल में रूकना पड़ा.

24 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया पोस्टमार्टम

वहीं दूसरे दिन बुधवार को पोस्टमार्टम संभव हो पाया. जब ETV भारत की टीम ने मृतकों के परिवार से बात की तो उनका कहना था कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी गई थी, जिस वजह से वे यहां से वहां पूरा दिन भटकते रहे.

मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत

बता दें चार युवक पेंड्रा से रेल लाइन के माध्यम से अपने घर सूरजपुर के लिए निकले थे, जिनमें से दो की मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसकी घटना को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवार को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी.

बड़ा सवाल -

  • सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं हो पाया.
  • मुख्यमंत्री के संज्ञान में बात आने के बाद भी प्रशासन इतने सुस्त तरीके से काम क्यों करता रहा.
  • 8 घंटे तक मृतकों का शव रेलवे ट्रैक पर ही क्यों पड़ा रहा.
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