कोरिया : चार मानवीय शिकार कर चुके आदमखोर तेंदुए के पकड़े जाने के बाद मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में फिर एक बार खौफ के साए में है. अक भटकता हुआ बाघ कुंवारपुर से केल्हारी होते हुए बिहारपुर के जंगल में पहुंचा था, जो अब कोरिया वनमंडल के जंगल से गुरूघासी राष्ट्रीय उद्यान की ओर जा रहा है.
क्या है चीतामाड़ा और बाघमाड़ा: इस जगह को अस्सी और नब्बे के दशक के जमाने के लोग इसी जगह को चीतामाड़ा और बाघमाड़ा के नाम से जानते थे. बाघ और चीता जैसे जानवर अपने शिकार की तलाश में इन जगहों पर आते थे. फिर किसी गुफा में आश्रय लेकर शिकार का इंतजार करते. उस जमाने के लोग कम भौतिक संसाधन में अपना जीवन समझदारी और सतर्कता से गुजारा करते थे.
क्यों आ रहे हैं बाघ और तेंदुआ : अब एक बार फिर इस तरह अचानक से आदमखोर तेंदुए और बाघ का यहां के जंगलों से बस्तियों की तरफ रूख करना ग्रामीणों के लिए दहशत का सबब बन गया है. अब सवाल ये उठ रहा है कि यहां बाघ क्यों आया. क्या वो अपने पुरानी डेरे की तलाश में है या फिर कोई और कारण है. क्योंकि बाघ जिन इलाकों में घूम रहा है. वहां बेतरतीब तरीके से पहाड़ों को काटकर आधुनिकता की चीजें बना दी गई है. कहीं डैम बन गए हैं तो कहीं तालाब. ऐसे में बाघ जैसे ही उन जगहों पर पहुंच रहा है. तो वहां का बदला नजारा और मवेशियों की मौजूदगी उसके लिए शिकार का माहौल तैयार कर रही है. केल्हारी के जंगल में एक बछड़े को मारने के बाद सोमवार को भी बाघ ने दो और बछड़ों को घायल कर दिया.जिसके बाद अब वो कोरिया के जंगल की तरफ बढ़ रहा है.
बाघ के कारण लोगों में दहशत : मंगलवार को भी सोनहत के अकलासरई जंगल में एक टाइगर की मौजूदगी की बात विभाग ने कही है. बताया जा रहा है कि घनी आबादी वाले इलाके में एक बाघ की मौजूदगी को ग्रामीणों ने देखा है. बाघ झाड़ियों में छिपा हुआ था. अब वन विभाग का अमला बाघ को सुरक्षित यहां से जंगल की ओर भेजने के लिए प्रयास कर रहा है. गुरु घासीदास के टाइगर रिजर्व की पूर्णता से पूर्व टाइगर और बाघों ने अपना अहसास पिछले एक महीने से लगातार कराना शुरु कर दिया है. क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी लोगों में भय का संचार कर रही है.इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इस बार टाइगर आबादी वाले इलाके में घूम रहा है.
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कहां दिख रहा है बाघ का मूवमेंट : कोरिया वनमण्डल के देवगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगल की ओर घनी आबादी वाले इलाके में एक बाघ की मौजूदगी को ग्रामीणों ने देखा है. विभाग की मानें तो केल्हारी वन परिक्षेत्र की सीमा से आए टाइगर ने रात को एक बछड़े को शिकार बनाया. सोमवार को दो बछड़े पर हमला कर घायल कर दिया है. वहीं टाइगर का मूवमेंट केल्हारी, बिहारपुर वनपरिक्षेत्र से होता हुआ कोरिया वनमंडल में हो रहा है.
टाइगर मूवमेंट की मॉनिटरिंग में जुटा वन अमला: मामले में वन विभाग की टीम गांव पहुंची और लगातार टाइगर मूवमेंट की मॉनिटरिंग में जुटी रही. आसपास के गांवों में मुनादी कराई जा रही है. ग्रामीण को जंगल नहीं जाने और रात को घर से बाहर नहीं निकलने समझाइश दे रही है. प्रभावित ग्राम निगमोहर, कचोहर, देवतीडांड़, मनियारी, छापर, बडेरा, गिधेर चंदहा में ग्रामीणों को सावधानी बरतने सलाह दी जा रही है.