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संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव ने शुरू किया 34 बिस्तरीय शिशु वार्ड - Collector Shyam Dhawade

वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में वायरल फीवर से 80 बच्चे पीड़ित है. जिसे लेकर कलेक्टर श्याम धावड़े ने संज्ञान लेते हुए नया शिशु वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए. आज 34 बिस्तरीय शिशु वार्ड का उद्घाटन विधायक अम्बिका सिंहदेव (MLA Ambika Singhdeo) ने किया है.

Vaikunthpur District Hospital
वैकुंठपुर जिला अस्पताल
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Published : Sep 20, 2021, 10:34 PM IST

कोरिया: वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में बीमार बच्चों की संख्या अचानक बढ़ गई है. जिसे लेकर सोमवार को कलेक्टर श्याम धावड़े (Collector Shyam Dhawade) ने जानकारी ली. उन्होंने नया शिशु वार्ड तैयार करने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा 34 बिस्तरीय शिशु वार्ड तैयार किया गया. जिसका उद्घाटन विधायक अम्बिका सिंहदेव (MLA Ambika Singhdeo) ने किया है. अब बैकुंठपुर में नव निर्मित शिशु वार्ड शुरू हो जाने से 60 बिस्तरीय शिशु वार्ड संचालित होगा.

बच्चों में मौसमी बीमारी, प्रशासन हुआ परेशान

कोरिया में लगातार बढ़ते बच्चों में मौसमी बीमारी शासन-प्रशासन के लिए चिंता का बिषय बनी हुई. बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए कलेक्टर द्वारा नया शिशु वार्ड तैयार करने कहा था. जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में नव निर्मित शिशु वार्ड शुरू हो जाने से 60 बिस्तरीय शिशु वार्ड संचालित होगा.

अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध

सीएचएमओ ने बताया कि मौसमी बीमारी से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सभी बच्चों की आरटीपीसीआर कोविड -19 की जांच करा दिया गया है. जिसमें सभी बच्चों का जांच रिपोर्ट निगेटिव पाया गया है. जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन एवं दवाईयों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है.

शिशु वार्ड में 34 बिस्तरों की क्षमता

उन्होंने कहा कि शिशु वार्ड में 34 बिस्तरीय क्षमता का है, जिसमें जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में शिशु वार्ड में हो रही कमी पूरी हो जाएगी. नव निर्मित शिशु बच्चा वार्ड में नेबुलाइजेशन एवं सिलेण्डर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. जिससे मौसमी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सकेगा.

वायरल फीवर से 80 बच्चे पीड़ित

बता दें कि वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में 80 बच्चे भर्ती हैं. उनमें से 75 सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. 20 बच्चाें काे सांस लेने में तकलीफ हाे रही है. जिन्हें ऑक्सीजन सपाेर्ट पर रखा गया है. इनमें नवजात से लेकर 7 साल तक के बच्चे शामिल हैं.

बड़ी चिंता की बात यह है कि इस लक्षण से इस महीने यहां एक बच्चे की मौत हो चुकी है. अस्पताल में हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टर बच्चों को ओपीडी के बाहर जमीन पर चादर बिछा कर भर्ती किये हुए हैं. भर्ती बच्चों में 70 फीसदी की उम्र एक साल से कम है.

कोरिया: वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में बीमार बच्चों की संख्या अचानक बढ़ गई है. जिसे लेकर सोमवार को कलेक्टर श्याम धावड़े (Collector Shyam Dhawade) ने जानकारी ली. उन्होंने नया शिशु वार्ड तैयार करने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा 34 बिस्तरीय शिशु वार्ड तैयार किया गया. जिसका उद्घाटन विधायक अम्बिका सिंहदेव (MLA Ambika Singhdeo) ने किया है. अब बैकुंठपुर में नव निर्मित शिशु वार्ड शुरू हो जाने से 60 बिस्तरीय शिशु वार्ड संचालित होगा.

बच्चों में मौसमी बीमारी, प्रशासन हुआ परेशान

कोरिया में लगातार बढ़ते बच्चों में मौसमी बीमारी शासन-प्रशासन के लिए चिंता का बिषय बनी हुई. बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए कलेक्टर द्वारा नया शिशु वार्ड तैयार करने कहा था. जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में नव निर्मित शिशु वार्ड शुरू हो जाने से 60 बिस्तरीय शिशु वार्ड संचालित होगा.

अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध

सीएचएमओ ने बताया कि मौसमी बीमारी से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सभी बच्चों की आरटीपीसीआर कोविड -19 की जांच करा दिया गया है. जिसमें सभी बच्चों का जांच रिपोर्ट निगेटिव पाया गया है. जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन एवं दवाईयों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है.

शिशु वार्ड में 34 बिस्तरों की क्षमता

उन्होंने कहा कि शिशु वार्ड में 34 बिस्तरीय क्षमता का है, जिसमें जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में शिशु वार्ड में हो रही कमी पूरी हो जाएगी. नव निर्मित शिशु बच्चा वार्ड में नेबुलाइजेशन एवं सिलेण्डर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. जिससे मौसमी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सकेगा.

वायरल फीवर से 80 बच्चे पीड़ित

बता दें कि वैकुंठपुर जिला अस्पताल (Vaikunthpur District Hospital) में 80 बच्चे भर्ती हैं. उनमें से 75 सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. 20 बच्चाें काे सांस लेने में तकलीफ हाे रही है. जिन्हें ऑक्सीजन सपाेर्ट पर रखा गया है. इनमें नवजात से लेकर 7 साल तक के बच्चे शामिल हैं.

बड़ी चिंता की बात यह है कि इस लक्षण से इस महीने यहां एक बच्चे की मौत हो चुकी है. अस्पताल में हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टर बच्चों को ओपीडी के बाहर जमीन पर चादर बिछा कर भर्ती किये हुए हैं. भर्ती बच्चों में 70 फीसदी की उम्र एक साल से कम है.

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