कोरिया: सरकार भले ही विकास के लाख दावे करती हो, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है. सरकार योजनाएं तो बना रही है, लेकिन इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण इलाके के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. भरतपुर विकासखंड के गांव भगवानपुर के लोग आज भी पानी के तरस रहे हैं. इस इलाके में 2 साल पहले टंकी का निर्माण किया गया था, जिसका लाभ आज तक ग्रामीणों को नहीं मिला है.
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नल जल योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. भरतपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत भगवानपुर का गांव डोंगरी टोला आज भी पानी के लिए तरस रहा है. इस गांव में सरकार की ये योजना फेल होती नजर आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल पहले गांव में टंकी का निर्माण कराया गया था. टंकी बनने से ग्रामीणों में पानी की आपूर्ति को लेकर चिंता खत्म हो गई थी. कई घरों में पाइपलाइन भी जोड़ी गई, लेकिन आज तक इस योजना के तहत बने टंकी से एक बूंद भी पानी ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है.
हैंडपंप भी हटा दिया गया
पानी की आपूर्ति के लिए हैंडपंप लगाया गया था, जिसे टंकी निर्माण के समय हटा दिया गया था. लाखों रूपये की लागत से बना पानी टंकी ग्रामीणों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो सका. हैंडपंप हटा देने की वजह से ग्रामीण गांव के दूसरे हैंडपंप से पानी निकालने जाने लगे, लेकिन उस हैंडपंप में साफ पानी नहीं आने की वजह से उन्हें दूर चलकर पीने का पानी लाना पड़ता है.
विभाग से मिला केवल आश्वासन
ग्रामीणों ने कहा कि इस बात की शिकायत वे कई बार ग्राम पंचायत और पीएचई विभाग में दे चुके हैं. 2 साल से लगातार शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों को विभाग से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.