कोरिया: मंगलवार अतिक्रमण के नाम पर एक गरीब के आशियाने तो तोड़ दिया गया. इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी वीरेंद्र लकड़ा और तहसीलदार मनमोहन प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार और पटवारी मौजूद थे. बता दें कि जमीन के बगल में चर्च बना हुआ है और गरीब का मकान चर्च के पहले से निर्मित था. ग्राम पंचायत जनकपुर के खसरा नंबर के अनुसार यह शासकीय भूमि है. आरोप है कि बाद में चर्च का अवैध पट्टा बनाया गया और आवास की भूमि को चर्च में सम्मलित करने के लिए ईसाई मिशनरियों ने षडयंत्र के तहत इस कार्य को अंजाम दिया है.
पीड़ित मोहम्मद कलीम ने बताया कि उसके साथ अन्याय किया गया है, उन्होंने कलेक्टर कोरिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार को लिखित में निवेदन किया गया था कि ग्राम पंचायत जनकपुर में रह रहे नगरवासियों को 5-10 डिसमिल का पट्टा दिया जाए. ताकि बार-बार तहसील न्यायालय के चक्कर काटने से उन्हें मुक्ति मिले.
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साल 1995 में मोहम्मद कलीम को ग्राम पंचायत जनकपुर के द्वारा इंदिरा आवास मिला था और ग्राम पंचायत से भूमि भी आवंटित की गई थी. 3 किस्तों में इंदिरा आवास का भुगतान जनपद एवं ग्राम पंचायत ने चेक के माध्यम से भुगतान किया गया था. समय के साथ मकान जर्जर हो गया और भारी बारिश से मकान ध्वस्त हो गया. जिसके कारण वह उसी भूमि पर नये मकान का निर्माण करा रहा था. रुपये की कमी की वजह से नवंबर 2019 में नींव का काम करा के बाकी काम अधूरा छोड़ दिया था.