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कोरिया : हरचोका में नहीं रुक रहा अवैध उत्खनन - हरचोका

ग्राम हरचोका में बहने वाली मवई नदी के किनारे प्रसिद्ध सीतामढ़ी है. जहां भगवान राम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रवेश किए थे. इस स्थान को पर्यटन के रूप में राज्य सरकार तेजी से विकसित कर रही है.

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नही रुक पा रहा अवैध उत्खनन
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Published : Jan 30, 2021, 12:31 AM IST

Updated : Jan 30, 2021, 4:24 PM IST

कोरियाः छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा से लगे मवई नदी में इन दिनों लगातार रेत का उत्खनन जारी है. रेत के ठेकेदार दिनरात मनमानी तरीके से रेत का परिवहन कर रहे हैं. प्रशासन मौन बैठा है.

नही रुक पा रहा अवैध उत्खनन

रेत का अवैध उत्खनन

हरचोका गांव में बहने वाली मवई नदी के किनारे प्रसिद्ध सीतामढ़ी है. जहां भगवान राम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रवेश किए थे. इस स्थान को पर्यटन के रूप में राज्य सरकार तेजी से विकसित कर रही है. सीतामढ़ी को सरकार पर्यटन स्थल बना रही है. पहले सीतामढ़ी के मवई नदी को रेत उत्खनन के लिए लीज पर दिया गया था. अब सरकार रामपथ गमन के रूप में पर्यटक स्थल के लिए विकसित कर रही है. उत्खनन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. बावजूद इसके मवई नदी में तेजी से रेत का उत्खनन किया जा रहा है.

शासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

भरतपुर में पहले भी नियम कायदों को ताक पर रखकर रेत निकाली जा रही थी. अब भी रेत माफिया पोकलेन मशीन लगाकर रेत निकाल रहे हैं. माफिया की मनमानी को रोका नहीं गया, तो सीतामढ़ी का अस्तित्व पर ही सवाल उठ खड़े होंगे. रेत ठेकेदार की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. राजस्व विभाग को रोजाना भारी नुकसान हो रहा है.

लंबे समय से हो रहा रेत का खननपढ़ेंः बेमेतरा: एक साल में अवैध उत्खनन के केस में 13 लाख की वसूली

भरतपुर के इलाके में नदी का चौड़ा पाट होने के कारण काफी रेत है. स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण रेत उत्खनन जारी है.

भरतपुर तहसीलदार ने कहा कि पांच हेक्टेयर का पट्टा शासन से दिया गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि माफिया पर कौन कार्रवाई करेगा. माफिया ने नदी को बांधकर उसके प्रवाह की दिशा को बदल दिया है. ऐसे में लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नदी लगातार खाई बनती जा रही है.

कोरियाः छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा से लगे मवई नदी में इन दिनों लगातार रेत का उत्खनन जारी है. रेत के ठेकेदार दिनरात मनमानी तरीके से रेत का परिवहन कर रहे हैं. प्रशासन मौन बैठा है.

नही रुक पा रहा अवैध उत्खनन

रेत का अवैध उत्खनन

हरचोका गांव में बहने वाली मवई नदी के किनारे प्रसिद्ध सीतामढ़ी है. जहां भगवान राम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रवेश किए थे. इस स्थान को पर्यटन के रूप में राज्य सरकार तेजी से विकसित कर रही है. सीतामढ़ी को सरकार पर्यटन स्थल बना रही है. पहले सीतामढ़ी के मवई नदी को रेत उत्खनन के लिए लीज पर दिया गया था. अब सरकार रामपथ गमन के रूप में पर्यटक स्थल के लिए विकसित कर रही है. उत्खनन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. बावजूद इसके मवई नदी में तेजी से रेत का उत्खनन किया जा रहा है.

शासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

भरतपुर में पहले भी नियम कायदों को ताक पर रखकर रेत निकाली जा रही थी. अब भी रेत माफिया पोकलेन मशीन लगाकर रेत निकाल रहे हैं. माफिया की मनमानी को रोका नहीं गया, तो सीतामढ़ी का अस्तित्व पर ही सवाल उठ खड़े होंगे. रेत ठेकेदार की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. राजस्व विभाग को रोजाना भारी नुकसान हो रहा है.

लंबे समय से हो रहा रेत का खननपढ़ेंः बेमेतरा: एक साल में अवैध उत्खनन के केस में 13 लाख की वसूली

भरतपुर के इलाके में नदी का चौड़ा पाट होने के कारण काफी रेत है. स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण रेत उत्खनन जारी है.

भरतपुर तहसीलदार ने कहा कि पांच हेक्टेयर का पट्टा शासन से दिया गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि माफिया पर कौन कार्रवाई करेगा. माफिया ने नदी को बांधकर उसके प्रवाह की दिशा को बदल दिया है. ऐसे में लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नदी लगातार खाई बनती जा रही है.

Last Updated : Jan 30, 2021, 4:24 PM IST
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