कोरिया: पाकिस्तान से निकला टिड्डी दल मध्यप्रदेश की सीमा से होते हुए कोरिया जिले के वनांचल क्षेत्र भरतपुर के ग्राम धोरधरा के जवारीटोला पहुंच चुका है. बताया जा रहा है कि टिड्डी दल शनिवार की शाम करीब 5 बजकर 30 मिनट में पहुंचा है.
इतनी बड़ी तादाद में टिड्डियों को देखकर ग्रामीणों की आंखें खुली की खुली रह गईं. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी कृषि विभाग को दी है. ग्रामीणों का कहना है कि जवारीटोला में सबसे अधिक टिड्डी दल देखे जा रहे हैं. ग्रामीण किसानों की चिंता वाजिब है क्योंकि टिड्डियों का ये दल पूरी खड़ी फसल मिनटों में ही चट कर जाते हैं.
किसानों ने दी टिड्डी के आने की जानकारी
कृषि विभाग ने टिड्डी दल और अन्य समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम बनाया है जहां ग्रामीण किसी भी प्रकार की समस्या की जानकारी दे सकते हैं. फिलहाल जिले की पूरी टीम भरतपुर विकासखंड के जवारीटोला और घोड़धरा पर नजर बनाए हुए हैं ताकि टिड्डी कोई नुकसान न पहुंचा सके.
टिड्डी को रोकना ही उपाय
बता दें कि टिड्डियों की ब्रीडिंग एरिया भारत नहीं है, इसलिए इसे हम रोक नहीं सकते हैं. यह प्राकृतिक आपदा के रूप में है. इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही उपाय है वो है स्प्रे इसके अलावा कोई उपाय नहीं है. कोशिश की जाती है कि टिड्डियों को बढ़ने ना दिया जाए. एक टिड्डी तीन बार अंडे देती है, एक बार में 80 अंडे देती है. यही अंडे आगे जाकर टिड्डी के रूप में निकल कर आगे आते हैं.ऐसे में अगर डेजर्ट में ही इन अण्डों को नष्ट कर दिया जाए तो इस टिड्डी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. अगर टिड्डी अंडे से टिड्डी बाहर आ गई तो उसे रोकने के पर्याप्त संसाधन हमारे पास नहीं हैं.
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टिड्डी के मूवमेंट पर रखी जाती है नजर
टिड्डी के मूवमेंट पर नजर रखी जाती है और किसान को भी कहा जाता है कि वह अपने पुराने उपाय, जिसमें धुआं करना, बर्तन बजाना ये सब करें जिसके जरिए टिड्डी फसल पर न बैठे. विभाग की तरफ से टिड्डी के मूवमेंट को देखकर पहले से जहां वो रात को बैठने वाली हैं, वहां स्प्रे किया जाता है. हालांकि स्प्रे से पूरी तरह नष्ट नहीं होती. लेकिन 30 से 40 फीसदी टिड्डी मर जाती हैं. बाकी आगे निकल जाती हैं, फिर विभाग उनके मूवमेंट पर नजर रखता है.