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कोरिया में कम बारिश ने किसानों की बढ़ाई चिंता

छत्तीसगढ़ में बारिश की लुकाछिपी चल रही है. कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश हो रही है जिससे किसान परेशान है. कोरियो में किसान कम बारिश होने से परेशान है. (Farmers upset in Koriya )

less rain in koriya
कोरिया में कम बारिश
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Published : Jul 15, 2022, 2:27 PM IST

कोरिया: छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक होते ही कई जिलों में जलजमाव के साथ-साथ उफनते नदी-नालों की तस्वीरें सामने आ रही है. बावजूद इसके किसान चिंतित हैं, क्योंकि किसानों के मुताबित खेती के लिए इतनी बारिश काफी नहीं है. (Farmers upset due to less rain in Koriya )

कोरिया में कम बारिश ने किसानों की बढ़ाई चिंता

कोरिया जिले में मानसून शुरू होने के बावजूद अपेक्षाकृत बारिश न होने से किसान परेशान हैं. कम बारिश से खेती कार्य प्रभावित हो रहा है. मानसून कमजोर होने से इस साल धान की बुवाई पिछड़ गई है. बरसात के शुरुआती दौर में जिन किसानों ने बुवाई कर ली थी, उन्हें रोपा लगाने के लिए 1 हफ्ते के भीतर अच्छी बारिश की जरूरत है. दूसरी ओर दलहन और अन्य फसलों की बुआई भी शुरू नहीं हो पाई है.

किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार: जुलाई में अभी तक 35.6 मिलीमीटर दर्ज गई है. जिले में लगभग पिछले 10 दिनों से बारिश रुक जाने से खेतों में पर्याप्त पानी जमा नहीं हो सका है. जिले के किसान भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

कई फसलों की खेती शुरू नहीं हुई: जिले में लगी खरीफ फसल की बात करें तो में इस साल 20 हजार 900 हेक्टेयर में धान बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अब तक करीब 10 फीसद ही बुवाई पूरी हो सकी है. जबकि 2 फीसद किसानों ने ही रोपा लगाया है. इसी तरह 9 हजार 115 हेक्टेयर में मक्का का लक्ष्य है, इसमें 500 हेक्टेयर में ही मक्का लगाया जा सका है. 6827 में अरहर, 400 मूंग और 10 हजार में उड़द लगाने का लक्ष्य है, जबकि इसकी खेती शुरू नहीं हुई है.

यह भी पढ़ें: कांकेर में भारी बारिश में बहा सड़क और पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा !

बरसात न होने से किसान परेशान: इस विषय में कोरिया के किसान राजकुमार ने बताया कि बरसात नहीं गिरने से बहुत परेशानी हो रही है. खेत को जोतने के बाद इसमें धान की नर्सरी भी लगा दी गई है. बरसात नहीं होने से हम किसान परेशान हैं.

जिले में कम वर्षा से दिक्कत: इस विषय में जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक पी.आर बोबड ने बताया कि जुलाई में अब तक 35.6 मिलीमीटर दर्ज गई है. जिले में कम वर्षा होने से धान की खेती में दिक्कतें आ रही हैं. बाकी दलहनी-तिलहनी फसलों के लिए जमीनों में नमी है. वहां फसल लगा रहे है. हालांकि जून माह के अंतिम सप्ताह में धान के बीज डालने से अभी नर्सरी तैयार हो चुकी है. इसलिए अभी सीमित खेतों में ही धान की रोपनी शुरू हो सकी है.

कोरिया: छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक होते ही कई जिलों में जलजमाव के साथ-साथ उफनते नदी-नालों की तस्वीरें सामने आ रही है. बावजूद इसके किसान चिंतित हैं, क्योंकि किसानों के मुताबित खेती के लिए इतनी बारिश काफी नहीं है. (Farmers upset due to less rain in Koriya )

कोरिया में कम बारिश ने किसानों की बढ़ाई चिंता

कोरिया जिले में मानसून शुरू होने के बावजूद अपेक्षाकृत बारिश न होने से किसान परेशान हैं. कम बारिश से खेती कार्य प्रभावित हो रहा है. मानसून कमजोर होने से इस साल धान की बुवाई पिछड़ गई है. बरसात के शुरुआती दौर में जिन किसानों ने बुवाई कर ली थी, उन्हें रोपा लगाने के लिए 1 हफ्ते के भीतर अच्छी बारिश की जरूरत है. दूसरी ओर दलहन और अन्य फसलों की बुआई भी शुरू नहीं हो पाई है.

किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार: जुलाई में अभी तक 35.6 मिलीमीटर दर्ज गई है. जिले में लगभग पिछले 10 दिनों से बारिश रुक जाने से खेतों में पर्याप्त पानी जमा नहीं हो सका है. जिले के किसान भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

कई फसलों की खेती शुरू नहीं हुई: जिले में लगी खरीफ फसल की बात करें तो में इस साल 20 हजार 900 हेक्टेयर में धान बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अब तक करीब 10 फीसद ही बुवाई पूरी हो सकी है. जबकि 2 फीसद किसानों ने ही रोपा लगाया है. इसी तरह 9 हजार 115 हेक्टेयर में मक्का का लक्ष्य है, इसमें 500 हेक्टेयर में ही मक्का लगाया जा सका है. 6827 में अरहर, 400 मूंग और 10 हजार में उड़द लगाने का लक्ष्य है, जबकि इसकी खेती शुरू नहीं हुई है.

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बरसात न होने से किसान परेशान: इस विषय में कोरिया के किसान राजकुमार ने बताया कि बरसात नहीं गिरने से बहुत परेशानी हो रही है. खेत को जोतने के बाद इसमें धान की नर्सरी भी लगा दी गई है. बरसात नहीं होने से हम किसान परेशान हैं.

जिले में कम वर्षा से दिक्कत: इस विषय में जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक पी.आर बोबड ने बताया कि जुलाई में अब तक 35.6 मिलीमीटर दर्ज गई है. जिले में कम वर्षा होने से धान की खेती में दिक्कतें आ रही हैं. बाकी दलहनी-तिलहनी फसलों के लिए जमीनों में नमी है. वहां फसल लगा रहे है. हालांकि जून माह के अंतिम सप्ताह में धान के बीज डालने से अभी नर्सरी तैयार हो चुकी है. इसलिए अभी सीमित खेतों में ही धान की रोपनी शुरू हो सकी है.

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