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चिरमिरी में करोड़ों का प्रोजेक्ट अधर में लटका, जल संसाधन विभाग ने मूंदी आंखें - Department of Water Resources

koriya latest news एमसीबी जिले में जल संसाधन विभाग का एक ऐसा प्रोजेक्ट 7 वर्षों से अधर में लटका हुआ है. कई बार मीडिया में इस प्रोजेक्ट के बारे में समाचार प्रकाशित होने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है.

चिरमिरी में करोड़ों का प्रोजेक्ट अधर में लटका
चिरमिरी में करोड़ों का प्रोजेक्ट अधर में लटका
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Published : Oct 15, 2022, 7:06 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : चिरमिरी जलाशय से किसानों के लिए सुगमता से सिंचाई हेतु जल मिल सके इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने 13 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से जलाशय से पाइप के माध्यम से गांव को जोड़ने का प्रोजेक्ट चालू किया था. लेकिन यह प्रोजेक्ट 2016-17 से बंद हो गया. इसके बाद जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) ने इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरु करने के लिए पहल नहीं (Project worth crores stuck in Chirmiri ) की.

क्या है जलसंसाधन विभाग का कहना : जल संसाधन के मुख्य अभियंता से बात करने पर पता चला कि भौगोलिक परिवेश के कारण यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. कई बार छत्तीसगढ़ शासन को पत्राचार भी किया गया है. लेकिन किसी भी प्रकार से अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ.

किसकी गलती से अटका प्रोजेक्ट : चाहे जल संसाधन विभाग की लापरवाही हो या फिर छत्तीसगढ़ सरकार की.कहीं ना कहीं शासन के पैसों को जिस प्रकार से योजना के नाम पर अधर में लटकाया गया. इससे नुकसान सिर्फ किसानों को ही हो रहा है. koriya latest news

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : चिरमिरी जलाशय से किसानों के लिए सुगमता से सिंचाई हेतु जल मिल सके इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने 13 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से जलाशय से पाइप के माध्यम से गांव को जोड़ने का प्रोजेक्ट चालू किया था. लेकिन यह प्रोजेक्ट 2016-17 से बंद हो गया. इसके बाद जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) ने इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरु करने के लिए पहल नहीं (Project worth crores stuck in Chirmiri ) की.

क्या है जलसंसाधन विभाग का कहना : जल संसाधन के मुख्य अभियंता से बात करने पर पता चला कि भौगोलिक परिवेश के कारण यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. कई बार छत्तीसगढ़ शासन को पत्राचार भी किया गया है. लेकिन किसी भी प्रकार से अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ.

किसकी गलती से अटका प्रोजेक्ट : चाहे जल संसाधन विभाग की लापरवाही हो या फिर छत्तीसगढ़ सरकार की.कहीं ना कहीं शासन के पैसों को जिस प्रकार से योजना के नाम पर अधर में लटकाया गया. इससे नुकसान सिर्फ किसानों को ही हो रहा है. koriya latest news

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