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मृत कर्मचारी के खाते से गायब हो रहा था पैसा, जानिए वजह - Withdrawal

कोरिया जिले के चिरमिरी थाना क्षेत्र में मृत एसईसीएल कर्मचारी के खाते से लाखों रुपए गायब हो रहे थे. पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है. आइये जानते हैं कैसे हुआ खुलासा.

accused in police custody
पुलिस कस्टडी में आरोपी
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Published : Aug 22, 2021, 10:19 AM IST

कोरिया: इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मृत एसईसीएल कर्मचारी की बेटी ही थी. जिसे उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है. 11 जून 2021 को मृत एसईसीएल कर्मचारी के बेटे संजय दास ने कोरिया चौकी में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत में कहा गया कि स्वर्गीय जगत दास के सेंट्रल बैंक के खाते से करीब 4 लाख 50 हजार किसी अज्ञात व्यक्ति ने विड्रॉल कराए हैं. इस आवेदन पर थाना चिरमिरी में केस दर्ज कर जांच की गई. अज्ञात आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई.

थाना चिरमिरी, पुलिस चौकी कोरिया और साइबर सेल की टीम ने पतासाजी की. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पेटीएम एप के जरिए 30 जनवरी 2021 से 4 जून 2021 के बीच 419800 रुपए भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए. फिर एटीएम के जरिए अंबिकापुर से पैसे निकाले गए.

यह पता चलने पर विशेष टीम अंबिकापुर पहुंची. आरोपी के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई. पूछताछ में पता चला की मृत एसईसीएल कर्मचारी की बेटी शीला दास ही अपने स्वर्गीय पिता जगत दास के खाते से पेटीएम के जरिए पैसे निकाल रही थी. उसने अपने प्रेमी सूरज सिंह के साथ मिलकर भारतीय स्टेट बैंक के खाता में ट्रांसफर कर एटीएम से पैसा निकाल कर खर्च करना कबूल किया है.

जानिए कैसे कैदी जेल प्रहरी को चकमा देकर हुआ फरार

आरोपी सूरज ने इस धोखाधड़ी के पैसे से 3 मोबाइल, एक सोने की अंगूठी, 1 सेकंड हैंड बाइक खरीदी. यही नहीं उसने अपनी गिरवी रखी हुई कार को छुड़ाया. बाकी पैसे से उसने अपना कर्जा भी चुकाया. आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, पेटीएम कार्ड, एटीएम कार्ड, एक सोने की अंगूठी, बाइक, कार और साढ़े तीन लाख रुपए जब्त किए गए हैं. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया है.

पुलिस अधीक्षक ने अपील की है कि अपना बैंक एकाउंट नंबर, पासवर्ड किसी को न बताएं. अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिग ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसे साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न करें.

अपना एटीएम (ATM) का पिन लिख कर नहीं रखें और न ही किसी को ओटीपी बताएं. फर्जी कॉल से बचें. परिवार के सदस्यों खासकर बच्चों को ऐसी जानकारी न दें, जिससे वह पैसे का आसानी से ट्रांजेक्शन कर सके. आपकी सावधानी ही आपकी सतर्कता है.

कोरिया: इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मृत एसईसीएल कर्मचारी की बेटी ही थी. जिसे उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है. 11 जून 2021 को मृत एसईसीएल कर्मचारी के बेटे संजय दास ने कोरिया चौकी में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत में कहा गया कि स्वर्गीय जगत दास के सेंट्रल बैंक के खाते से करीब 4 लाख 50 हजार किसी अज्ञात व्यक्ति ने विड्रॉल कराए हैं. इस आवेदन पर थाना चिरमिरी में केस दर्ज कर जांच की गई. अज्ञात आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई.

थाना चिरमिरी, पुलिस चौकी कोरिया और साइबर सेल की टीम ने पतासाजी की. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पेटीएम एप के जरिए 30 जनवरी 2021 से 4 जून 2021 के बीच 419800 रुपए भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए. फिर एटीएम के जरिए अंबिकापुर से पैसे निकाले गए.

यह पता चलने पर विशेष टीम अंबिकापुर पहुंची. आरोपी के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई. पूछताछ में पता चला की मृत एसईसीएल कर्मचारी की बेटी शीला दास ही अपने स्वर्गीय पिता जगत दास के खाते से पेटीएम के जरिए पैसे निकाल रही थी. उसने अपने प्रेमी सूरज सिंह के साथ मिलकर भारतीय स्टेट बैंक के खाता में ट्रांसफर कर एटीएम से पैसा निकाल कर खर्च करना कबूल किया है.

जानिए कैसे कैदी जेल प्रहरी को चकमा देकर हुआ फरार

आरोपी सूरज ने इस धोखाधड़ी के पैसे से 3 मोबाइल, एक सोने की अंगूठी, 1 सेकंड हैंड बाइक खरीदी. यही नहीं उसने अपनी गिरवी रखी हुई कार को छुड़ाया. बाकी पैसे से उसने अपना कर्जा भी चुकाया. आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, पेटीएम कार्ड, एटीएम कार्ड, एक सोने की अंगूठी, बाइक, कार और साढ़े तीन लाख रुपए जब्त किए गए हैं. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया है.

पुलिस अधीक्षक ने अपील की है कि अपना बैंक एकाउंट नंबर, पासवर्ड किसी को न बताएं. अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिग ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसे साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न करें.

अपना एटीएम (ATM) का पिन लिख कर नहीं रखें और न ही किसी को ओटीपी बताएं. फर्जी कॉल से बचें. परिवार के सदस्यों खासकर बच्चों को ऐसी जानकारी न दें, जिससे वह पैसे का आसानी से ट्रांजेक्शन कर सके. आपकी सावधानी ही आपकी सतर्कता है.

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