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कोरोना काल में नहीं बज रहा बैंड बाजा, बंशोर समाज के हालात खराब

बैंड बाजा वाले कोरोना काल से पहले शादी, विवाह, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बैंड बाजा बजा कर जीविकोपार्जन करते थे. कोरिया में बंशोर समाज के लोग बैंड के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. फिलहाल बंशोर समाज के लोगों के आर्थिक हालात बिगड़ रहे हैं.

corona effect on band parties of banshor society
कोरोना काल में नहीं बज रहा बैंड बाजा
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Published : May 28, 2021, 9:40 PM IST

Updated : May 29, 2021, 3:39 PM IST

कोरिया: लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के कारण बैंड बाजा वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें इस दौरान आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. क्योंकी शादी विवाह के कार्यक्रमों के साथ अन्य आयोजनों को धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बैंड बाजा भी शादी कार्यक्रमों में फिलहाल नहीं बजाया जा सकता.

कोरोना काल में नहीं बज रहा बैंड बाजा

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बंशोर समाज के हालात खराब

बैंडबाजा वाले कोरोना काल से पहले शादी, विवाह, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बैंडबाजा बजा कर जीविकोपार्जन करते थे. वर्तमान परिस्थितियों में संभव नहीं है. बंशोर समाज को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. बंशोर समाज ने कहा है कि पूर्व में समाज के लोग बांस की टोकनी और अन्य सामग्री बनाकर किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर लेते थे, लेकिन बांस की सामग्री की जगह आधुनिक वस्तुओं ने ले ली है. जिससे यह व्यवसाय लगभग समाप्त हो गया है.

बंशोर समाज के लोग मुख्य व्यवसाय के रूप में बैंड बाजा पर आश्रित हैं. भरतपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बसे बंशोर समाज भी बैंड बाजा का व्यवसाय में जुड़े हुए हैं. इनके परिवार के लोग शादी विवाह और अन्य समारोहों में बैंड बजाकर गुजर बसर करते आ रहे थे. शादी के सीजन में ये लोग बाजा बजाकर गुजर-बसर के लिए अच्छी आमदनी कर लिया करते थे.

SPECIAL: कोरोना के बीच शादियां शुरू, बैंड-बाजा-बारात से जुड़े कारोबार में आएगी तेजी

साल 2020 से आर्थिक संकट

साल 2020 के मार्च महीने में कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया. इस दौरान सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध था. संक्रमण के कम होने के बाद आयोजनों में थोड़ी छूट दी गई थी लेकिनपिछले डेढ़ सालों से कोरोना के कारण बंशोर समाज के लोगों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. बैंडबाजा के व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगार हैं.

कोरिया: लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के कारण बैंड बाजा वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें इस दौरान आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. क्योंकी शादी विवाह के कार्यक्रमों के साथ अन्य आयोजनों को धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बैंड बाजा भी शादी कार्यक्रमों में फिलहाल नहीं बजाया जा सकता.

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इनसे सीखिए: कवर्धा में बिना बैंड-बाजा 4 बाराती लेकर दुल्हनिया लाने गया दूल्हा

बंशोर समाज के हालात खराब

बैंडबाजा वाले कोरोना काल से पहले शादी, विवाह, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बैंडबाजा बजा कर जीविकोपार्जन करते थे. वर्तमान परिस्थितियों में संभव नहीं है. बंशोर समाज को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. बंशोर समाज ने कहा है कि पूर्व में समाज के लोग बांस की टोकनी और अन्य सामग्री बनाकर किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर लेते थे, लेकिन बांस की सामग्री की जगह आधुनिक वस्तुओं ने ले ली है. जिससे यह व्यवसाय लगभग समाप्त हो गया है.

बंशोर समाज के लोग मुख्य व्यवसाय के रूप में बैंड बाजा पर आश्रित हैं. भरतपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बसे बंशोर समाज भी बैंड बाजा का व्यवसाय में जुड़े हुए हैं. इनके परिवार के लोग शादी विवाह और अन्य समारोहों में बैंड बजाकर गुजर बसर करते आ रहे थे. शादी के सीजन में ये लोग बाजा बजाकर गुजर-बसर के लिए अच्छी आमदनी कर लिया करते थे.

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साल 2020 से आर्थिक संकट

साल 2020 के मार्च महीने में कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया. इस दौरान सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध था. संक्रमण के कम होने के बाद आयोजनों में थोड़ी छूट दी गई थी लेकिनपिछले डेढ़ सालों से कोरोना के कारण बंशोर समाज के लोगों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. बैंडबाजा के व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगार हैं.

Last Updated : May 29, 2021, 3:39 PM IST
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