ETV Bharat / state

'स्कूल जाबो पढ़ के आबो' की हकीकत: किताब के लिए बुला, हाथ में झाड़ू थमा दिए गुरुजी - children work in koriya school

कोरिया के प्राथमिक पाठशाला स्कूल ककलेडी में बच्चों से न सिर्फ स्कूल के गोबर उठवाए जा रहे हैं, बल्कि उनसे झाड़ू लगवाने के साथ-साथ स्कूल की साफ-सफाई भी कराई जा रही है. वहीं इसपर स्कूल बच्चों का कहना है कि स्कूल टीचर के कहने पर वे ये काम कर रहे थे, लेकिन टीचर का कहना है कि वे बच्चों से काम नहीं करा रहे थे.

kakledy school
ककलेडी स्कूल
author img

By

Published : Aug 11, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 7:03 PM IST

कोरिया: स्कूल जाबो पढ़ के आबो ये नारा छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के बच्चों को दिया था, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है. ऐसा लग रहा है जिम्मेदारों ने इस नारे को बदलकर स्कूल जाबो कोरोना संक्रमण लेके आबो कर दिया है. ये तस्वीरें कोरिया जिले के ककलेडी स्कूल की है, जहां बच्चों को किताब बांटने के लिए स्कूल बुलाया गया था.लेकिन किताब के बदले उन्हें झाड़ू थमा दिया गया और 15 अगस्त की तैयारी में लगा दिया गया. इतना ही नहीं जिम्मेदारों ने इन बच्चों को न तो मास्क दिए न हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां तो तस्वीरों में दिख ही रही है.

'स्कूल जाबो पढ़ के आबो' की हकीकत

दरअसल, जिले में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए जिम्मेदारों के द्वारा कई तरह की बातें कही जाती रही है, लेकिन आज भी जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. कोरिया जिले के प्राथमिक पाठशाला स्कूल ककलेडी में बच्चों से न सिर्फ स्कूल में गोबर उठावाए जा रहे हैं, बल्कि उनसे झाड़ू लगाना और स्कूल की साफ सफाई भी कराई जा रही है. सरकार भले ही सरकारी स्कूल के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधा देने का दम भर रही हो. मगर, इनमें से कई स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे साफ-सफाई करवा रहे हैं.

बच्चों के हाथ में झाड़ू
ETV भारत की टीम जब स्कूल पहुंची तो घबराये शिक्षक बच्चों को झाड़ू रखकर क्लास में बैठने के लिए कहने लगे. बातचीत में स्कूल के प्रधान पाठक ने कहा कि स्कूल में कोई सफाईकर्मी नहीं आता है, बावजूद इसके उन्होंने बच्चों से साफ-सफाई करने के लिए नहीं कहा है. वहीं बच्चों का कहना है कि स्कूल टीचर के कहने पर वे ये सब काम कर रहे हैं.

पढ़ें: पुण्यतिथि विशेष: मीनाक्षी देवी बनीं छत्तीसगढ़ की मिनीमाता, घर-घर गूंजती है इनके बलिदान की कहानी

सरपंच बोले होगी सख्त कार्रवाई
इसपर सरपंच का कहना है कि इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारी से करेंगे. अगर आरोप सिद्ध होता है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी

  • स्कूली छात्र या स्टाफ जहां पर कोरोना का असर हो, तो उसे तुरंत चेक कराय जाए.
  • अगर किसी बच्चे को खांसी-जुकाम-बुखार है तो माता-पिता से कहें कि बच्चे को डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
  • टीचर्स की तरफ से बच्चों को हाथ धोने, छींक के दौरान मुंह ढंकने, टिशू के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देनी चाहिए.
  • दरवाजे के हैंडल, स्विचबोर्ड, डेस्कटॉप, हैंड रेलिंग को बार-बार छूने से बचें.
  • स्कूल में जगह-जगह हैंड सैनिटाइजर रखें, जिनमें एल्कोहल की मात्रा हो.
  • रेस्ट रूम में साबुन-पानी की सही सुविधा दें.
  • हॉस्टल में सफाई का ध्यान रखें, स्थानीय अस्पताल के अधिकारियों को समय पर बुलाएं.
  • अगर किसी को खांसी-जुकाम या बुखार होता है तो उसे तुरंत 01123978046 पर संपर्क करना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्रालय की इस एडवाइजरी के अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की ओर से सभी राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें स्कूल में बच्चों का ध्यान रखने की बात कही गई है. खैर वजह जो भी हो, लेकिन एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं और बच्चों के हाथ में किताबों की जगह झाड़ू थमा रहे हैं.

कोरिया: स्कूल जाबो पढ़ के आबो ये नारा छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के बच्चों को दिया था, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है. ऐसा लग रहा है जिम्मेदारों ने इस नारे को बदलकर स्कूल जाबो कोरोना संक्रमण लेके आबो कर दिया है. ये तस्वीरें कोरिया जिले के ककलेडी स्कूल की है, जहां बच्चों को किताब बांटने के लिए स्कूल बुलाया गया था.लेकिन किताब के बदले उन्हें झाड़ू थमा दिया गया और 15 अगस्त की तैयारी में लगा दिया गया. इतना ही नहीं जिम्मेदारों ने इन बच्चों को न तो मास्क दिए न हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां तो तस्वीरों में दिख ही रही है.

'स्कूल जाबो पढ़ के आबो' की हकीकत

दरअसल, जिले में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए जिम्मेदारों के द्वारा कई तरह की बातें कही जाती रही है, लेकिन आज भी जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. कोरिया जिले के प्राथमिक पाठशाला स्कूल ककलेडी में बच्चों से न सिर्फ स्कूल में गोबर उठावाए जा रहे हैं, बल्कि उनसे झाड़ू लगाना और स्कूल की साफ सफाई भी कराई जा रही है. सरकार भले ही सरकारी स्कूल के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधा देने का दम भर रही हो. मगर, इनमें से कई स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे साफ-सफाई करवा रहे हैं.

बच्चों के हाथ में झाड़ू
ETV भारत की टीम जब स्कूल पहुंची तो घबराये शिक्षक बच्चों को झाड़ू रखकर क्लास में बैठने के लिए कहने लगे. बातचीत में स्कूल के प्रधान पाठक ने कहा कि स्कूल में कोई सफाईकर्मी नहीं आता है, बावजूद इसके उन्होंने बच्चों से साफ-सफाई करने के लिए नहीं कहा है. वहीं बच्चों का कहना है कि स्कूल टीचर के कहने पर वे ये सब काम कर रहे हैं.

पढ़ें: पुण्यतिथि विशेष: मीनाक्षी देवी बनीं छत्तीसगढ़ की मिनीमाता, घर-घर गूंजती है इनके बलिदान की कहानी

सरपंच बोले होगी सख्त कार्रवाई
इसपर सरपंच का कहना है कि इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारी से करेंगे. अगर आरोप सिद्ध होता है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी

  • स्कूली छात्र या स्टाफ जहां पर कोरोना का असर हो, तो उसे तुरंत चेक कराय जाए.
  • अगर किसी बच्चे को खांसी-जुकाम-बुखार है तो माता-पिता से कहें कि बच्चे को डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
  • टीचर्स की तरफ से बच्चों को हाथ धोने, छींक के दौरान मुंह ढंकने, टिशू के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देनी चाहिए.
  • दरवाजे के हैंडल, स्विचबोर्ड, डेस्कटॉप, हैंड रेलिंग को बार-बार छूने से बचें.
  • स्कूल में जगह-जगह हैंड सैनिटाइजर रखें, जिनमें एल्कोहल की मात्रा हो.
  • रेस्ट रूम में साबुन-पानी की सही सुविधा दें.
  • हॉस्टल में सफाई का ध्यान रखें, स्थानीय अस्पताल के अधिकारियों को समय पर बुलाएं.
  • अगर किसी को खांसी-जुकाम या बुखार होता है तो उसे तुरंत 01123978046 पर संपर्क करना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्रालय की इस एडवाइजरी के अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की ओर से सभी राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें स्कूल में बच्चों का ध्यान रखने की बात कही गई है. खैर वजह जो भी हो, लेकिन एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं और बच्चों के हाथ में किताबों की जगह झाड़ू थमा रहे हैं.

Last Updated : Aug 11, 2020, 7:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.