जीपीएम: बेमौसम बरसात और आंधी तूफान की वजह से बिजली के सीमेंट वाले पोल गिर गए हैं. बेमौसम बरसात ने ही बिलजी खंभो के गुणवत्ता की पोल खोल दी है. हवा से सीमेंट पोल टूटने की वजह से ग्रामीणों ने इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी मामले में जांच की बात कह रहे हैं.
66 पोल टूट कर गिरे: पिछले दिनों जिले में हुई बेमौसम बरसात के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के 66 पोल टूट गए. जिस वजह से कई इलाकों की बिलजी सप्लाई बाधित हो गई है. विद्युत व्यवस्था वापस बहाल करने में विद्युत मंडल को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. टूटने वाले ज्यादातर बिजली के पोल सीमेंट के थे. पहले के सालों में भी तूफान में इसी तरह के सैकड़ों विद्युत पोल के टूटने की बात सामने आई थी. इस बार तूफान इतनी तेज भी नहीं थी. बावजूद जिस तरह से विद्युत पोल टूटे हैं, विद्युत पोल की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लग गए है.
ग्रामीणों ने खोला मोर्चा: ग्रामीणों ने विद्युत पोल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि "उनके गांव में 20-20 वर्षों से लगे विद्युत पोल नहीं टूटे. जबकि पिछले दो-तीन वर्षों से में लगे विद्युत पोल हल्की आंधी बरसात में टूट जा रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है."
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला: बिलजी विभाग बिलजी सप्लाई के लिए ज्यादातर सीमेंट के ही पोल का इस्तेमाल करती है. जिसके इतनी बड़ी संख्या में टूटने की वजह से सीमेंट पोल की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजमी है. मामले पर 38 राज्य विद्युत वितरण कंपनी के डिविजनल इंजीनियर का कहना है कि "ज्यादातर पोल पेड़ गिरने की वजह से टूटे हैं. लेकिन फिर भी मैं खुद मौके पर जाकर विद्युत पोलों के गुणवत्ता की जांच करूंगा और उच्च कार्यालय को इसके संबंध में सूचना भी दूंगा."
सिविल डिपार्टमेंट सवाल के घेरे में: सीमेंट पोल के गुणवत्ता और जांच की जिम्मेदारी विद्युत वितरण कंपनी के सिविल डिपार्टमेंट की है. लेकन जिस तरह से पोल टूटे हैं. सिविल विभाग भी सवालों के घेरे में आ गया है. अब देखना यह होगा मामले में जांच के बाद क्या निष्कर्ष निकल कर आता है.