कोरिया: भरतपुर के उचेहरा ग्राम पंचायत में बैगा जनजाति की महिलाओं से किया वादा पूरा नहीं हुआ. प्रशासन ने महिलाओं से बकरी पालन के लिए 30 बकरी देने का वादा किया था. लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी महिलाओं को बकरियां नहीं मिली. ETV भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर दिखाने के दूसरे दिन ही काम चालू हो गया.
रोहिणी महिला समूह के सदस्यों और ग्रामीण ने ETV भारत का धन्यवाद किया. छत्तीसगढ़ राज्य बकरी उद्यमिता विकास योजना के तहत भरतपुर में बकरी पालन के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया. बकरी पालन के लिए शेड निर्माण कराया गया. अब 4 साल से बकरी यूनिट में लगा ताला खुल गया है. बकरी यूनिट की छत में मरम्मत की जाने लगी. बकरी यूनिट में बोर में समर्सिबल पंप डाल दिया गया. शेड की साफ-सफाई चालू कर दी गई है.
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50 बकरियां देने का था वादा
उचेहरा ग्राम पंचायत में बैगा जनजाति बकरी यूनिट का निर्माण कराया गया. अब देखने वाली बात ये है कि प्रशासन इन्हें उन्नत नस्ल की 50 बकरी देता है कि नहीं. फिलहाल बकरी प्रोजेक्ट में पिछले 3 सालों से ताला लटका था. शेड को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था. लेकिन ETV भारत के खबर दिखाने के बाद शेड, गोदाम सहित अन्य भवन निर्माण मरम्मत का काम चालू हो गया.
राजस्थान से लाई जानी है बकरियां
बैकुंठपुर कृषि विभाग निर्माण एजेंसी से शेड, गोदाम सहित अन्य भवन निर्माण का काम करा रही है. शेड में राजस्थान से उन्नत नस्ल की बकरियां खरीद कर पालने की प्लानिंग थी.