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MCB News : बडेरा गांव में शासकीय स्कूल का हाल बदहाल, शिक्षक रहते हैं नदारद - एमसीबी

एमसीबी जिले के विकासखंड भरतपुर में बडेरा गांव में शासकीय स्कूल भगवान भरोसे हैं. इस स्कूल में कहने के लिए तो शिक्षक और बच्चे हैं लेकिन ना तो स्कूल का ताला खुलता है और ना ही शिक्षकों के दर्शन होते हैं.वहीं मामला सामने आने के बाद अब जिलाशिक्षाधिकारी ने कार्रवाई की बात कही है.

Bad condition of government school
बडेरा गांव में शासकीय स्कूल का हाल बदहाल
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Published : Feb 23, 2023, 1:40 PM IST

एमसीबी : जिला के विकासखंड भरतपुर के ग्राम बडेरा के शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल साफ सफाई कर्मचारी के भरोसे संचालित किया जा रहा है. स्कूल के शिक्षक स्कूल से आए दिन नदारद रहते हैं. वहीं स्कूल के सफाई कर्मचारी भी स्कूल में ताला लगाकर मनमाने तरीके से घूमते हैं. स्कूल की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस स्कूल में मध्यान्ह भोजन से भी बच्चे वंचित हैं.

भगवान भरोसे है स्कूल : बच्चों के परिजनों का कहना है कि ''स्कूल में 2 टीचर हैं. दोनों हफ्ते 10 दिन में एक बार स्कूल आते हैं और घूम फिर कर वापस चले जाते हैं. स्कूल में जब पढ़ाई नहीं होती, टीचर ही नहीं रहते तो हम बच्चों को स्कूल में किसके भरोसे पढ़ने के लिए भेजें. बच्चे स्कूल में खेलते कूदते ही रह जाते हैं. आपस में लड़ते झगड़ते भी हैं देखरेख करने वाला भी कोई नहीं रहता.''


''स्कूल है लेकिन गुरुजी नहीं आते'' : गांव के राम नंदी ने बताया कि '' इस स्कूल में दो गुरुजी की ड्यूटी लगी है. एक चक्रधारी और एक लहरे सर. लेकिन दोनों गुरुजी यहां नहीं रहते हैं. स्कूल में बच्चे आते हैं, लेकिन कोई टीचर ही नहीं रहता है. यहां मध्यान्ह भोजन भी नहीं बनता है. स्कूल में ताला लगा रहता है. इसीलिए हम अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेजते हैं. एक भी गुरुजी कम से कम रहते तो बच्चों की पढ़ाई होती है.''

गांव की बेगम बाई महिला ने बताया कि ''जब गुरुजी ही नहीं आते हैं तो स्कूल कैसे खोलें. कैसे पढ़ाई होगी. इसलिए बच्चे ही स्कूल में नहीं आते. बच्चे स्कूल में आपस में झगड़ लेते हैं. इसलिए बच्चों को हम लोग स्कूल भेजते ही नहीं है. स्कूल में जो मध्यान्ह भोजन बनता है. अब जब स्कूल ही नहीं खुल रहा है तो मध्यान्ह भोजन कहां से बनेगा. कहां से बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिलेगा.''

ये भी पढ़ें- मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में सड़क निर्माण को लेकर घोर लापरवाही

जिलाशिक्षाधिकारी का कार्रवाई का भरोसा : जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ''बडेरा स्कूल के संबंध में शिकायत मुझे मिली है. शिकायत ये है कि शिक्षक विद्यालय नियमित रूप से नहीं जाते हैं. मध्यान्ह भोजन का संचालन भी नियमित रूप से नहीं हो रहा है. जो वहां पर संकुल का सीएससी है, स्कूल विजिट करने भी नहीं जाता. ग्रामीणों की ओर से एक मांग आई है. वहां जो शिक्षक है, उसे वहां से हटाकर दूसरे शिक्षक को वहां पदस्थ करें. मैं आज ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित करता हूं. जांच रिपोर्ट 2 दिन के अंदर मंगाकर उस पर कार्रवाई करूंगा.''

एमसीबी : जिला के विकासखंड भरतपुर के ग्राम बडेरा के शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल साफ सफाई कर्मचारी के भरोसे संचालित किया जा रहा है. स्कूल के शिक्षक स्कूल से आए दिन नदारद रहते हैं. वहीं स्कूल के सफाई कर्मचारी भी स्कूल में ताला लगाकर मनमाने तरीके से घूमते हैं. स्कूल की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस स्कूल में मध्यान्ह भोजन से भी बच्चे वंचित हैं.

भगवान भरोसे है स्कूल : बच्चों के परिजनों का कहना है कि ''स्कूल में 2 टीचर हैं. दोनों हफ्ते 10 दिन में एक बार स्कूल आते हैं और घूम फिर कर वापस चले जाते हैं. स्कूल में जब पढ़ाई नहीं होती, टीचर ही नहीं रहते तो हम बच्चों को स्कूल में किसके भरोसे पढ़ने के लिए भेजें. बच्चे स्कूल में खेलते कूदते ही रह जाते हैं. आपस में लड़ते झगड़ते भी हैं देखरेख करने वाला भी कोई नहीं रहता.''


''स्कूल है लेकिन गुरुजी नहीं आते'' : गांव के राम नंदी ने बताया कि '' इस स्कूल में दो गुरुजी की ड्यूटी लगी है. एक चक्रधारी और एक लहरे सर. लेकिन दोनों गुरुजी यहां नहीं रहते हैं. स्कूल में बच्चे आते हैं, लेकिन कोई टीचर ही नहीं रहता है. यहां मध्यान्ह भोजन भी नहीं बनता है. स्कूल में ताला लगा रहता है. इसीलिए हम अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेजते हैं. एक भी गुरुजी कम से कम रहते तो बच्चों की पढ़ाई होती है.''

गांव की बेगम बाई महिला ने बताया कि ''जब गुरुजी ही नहीं आते हैं तो स्कूल कैसे खोलें. कैसे पढ़ाई होगी. इसलिए बच्चे ही स्कूल में नहीं आते. बच्चे स्कूल में आपस में झगड़ लेते हैं. इसलिए बच्चों को हम लोग स्कूल भेजते ही नहीं है. स्कूल में जो मध्यान्ह भोजन बनता है. अब जब स्कूल ही नहीं खुल रहा है तो मध्यान्ह भोजन कहां से बनेगा. कहां से बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिलेगा.''

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जिलाशिक्षाधिकारी का कार्रवाई का भरोसा : जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ''बडेरा स्कूल के संबंध में शिकायत मुझे मिली है. शिकायत ये है कि शिक्षक विद्यालय नियमित रूप से नहीं जाते हैं. मध्यान्ह भोजन का संचालन भी नियमित रूप से नहीं हो रहा है. जो वहां पर संकुल का सीएससी है, स्कूल विजिट करने भी नहीं जाता. ग्रामीणों की ओर से एक मांग आई है. वहां जो शिक्षक है, उसे वहां से हटाकर दूसरे शिक्षक को वहां पदस्थ करें. मैं आज ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित करता हूं. जांच रिपोर्ट 2 दिन के अंदर मंगाकर उस पर कार्रवाई करूंगा.''

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