एमसीबी : मनेंद्रगढ़ कलेक्टर कार्यालय में सैकड़ों की तादाद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. आपको बता दें कि एमसीडी जिला के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ मनेंद्रगढ़ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची . इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई.आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नौ सूत्रीय मांग को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अपनी मांगों में कहा कि ''आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करें और शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक 21000 हजार रुपए स्वीकृत की जाए. मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समान वेतन दिया जाए .सुपरवाइजर के पद पर कार्यकर्तों को सीधी भर्ती की जाए.''
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन सिंह ने बताया कि '' हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. हमें शासकीय कर्मचारी घोषित करें जो आंगनबाड़ी सुपरवाइजर हैं. हमको सीधी भर्ती की जाए. हमारा ईपीएफ ग्रेजुएटी फंड काटा जाए. हम लोगों का वेतन ₹21000 दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा था कि '' हमारी सरकार आएगी. तो हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधी भर्ती करेंगे. लेकिन 4 साल पूर्व हो जाने पर भी छत्तीसगढ़ सरकार हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बारे में अभी तक कुछ नहीं की है. हमारी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंप रहे हैं.''
ज्योति साहा ने कहा कि '' प्रदेश के मुख्यमंत्री के ने घोषणा में कहा था कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में अगर आती है तो सर्वप्रथम हम आंगनबाड़ी दीदीयों को उनका अधिकार देंगे. उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित करेंगे. लेकिन आज तक हम लोगों को रेगुलर नहीं किया गया है. हम भी चाहते हैं कि हम लोगों को अपना हक मिलना चाहिए. हम भी शान से जीना चाहती हैं कुछ करके दिखाना चाहती हैं. अब हम लोग भी घर में बैठकर नहीं रहना चाहते हैं. कुछ करके दिखाएंगे.''
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प्रशासन को सौंपा ज्ञापन :इस बारे में अपर कलेक्टर प्रवीण भगत का कहना है कि ''आज जो ज्ञापन सौंपा गया है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नौ सूत्रीय मांगें की है. जिसे हमने ले लिया है और हम इनकी इस मांगों को राज्यपाल तक पहुंचा देंगे जो उन्होंने मांग अपनी रखी है.''लेकिन अब देखना ये होगा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग को सरकार मानती है कि नहीं.क्योंकि इसके पहले भी आंदोलन हो चुके हैं,बावजूद इसके सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.