कोरबा : 4 साल बाद एक बार फिर प्रशासन शहरी क्षेत्रों में सिगड़ी से निकलने वाले धुएं के खिलाफ अभियान छेड़ने जा रही है. 2016-17 में तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद ने स्मोकलेस कोरबा अभियान शुरू किया था. शहर की जरूरत और समस्या को समझ कर सिगड़ी से होने वाले धुएं के प्रदूषण से मुक्ति के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी. कलेक्टर के बदलते ही ये अभियान पूरी तरह ठप हो गया था. अब कलेक्टर किरण कौशल इस अभियान को फिर से शुरू करने जा रही हैं. इस बार सिगड़ी के धुएं से मुक्ति के लिए सिगड़ी दान अभियान शुरू किया जाएगा.
जिला प्रशासन एक बार फिर कोरबा शहर को कोयला से निकलने वाले धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान के लिए कलेक्टर किरण कौशल ने बुधवार को बैठक ली. इस बैठक में नगर निगम, राजस्व, खनिज, खाद्य विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित स्वयंसेवी संस्थाओं और एलपीजी गैस प्रदाता एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ रणनीति तैयार की गई. बैठक में अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया, कोरबा एसडीएम सुनील नायक भी मौजूद रहे.
सिगड़ी दान अभियान
कोरबा शहर को धुआं रहित बनाने के लिए सिगड़ी दान अभियान की शुरुआत की जाएगी. अभियान के पहले चरण में शहर में कोयला जलाने से होने वाले धुएं से प्रभावित इलाकों की पहचान की जाएगी. इन इलाकों में से सर्वाधिक धुआं प्रभावित इलाके से अभियान शुरू होगा. इस तरह का अभियान 2016-17 में भी चला था. तब अधिकारी गली कूचों में जाकर सिगड़ी जलाने वाले लोगों को चिन्हित करते थे और उनकी काउंसलिंग भी करते थे.
बंद खदान का सुरंग धंसने से एक लड़की की मौत
इन क्षेत्रों में ज्यादा होता है सिगड़ी का उपयोग
कोरबा तहसीलदार सुरेश साहू ने बताया कि सिगड़ियां जलने से निकलने वाले धुएं से प्रभावित इलाकों की पहचान की गई है.
- सीतामणि क्षेत्र में रेलवे क्राॅसिंग से सीतामणि तक
- संजय नगर
- मुड़ापार
- राताखार क्षेत्र में तुलसीनगर
- रामसागरपारा
- पंपहाउस का क्षेत्र
- पुरानी बस्ती का इलाका
- सीएसईबी काॅलोनी के आगे कोहड़िया-ढोंढीपारा
- बालको क्षेत्र में परसाभाठा
- भदारापारा
- नेहरूनगर
- रूमगढ़ा
- दर्री क्षेत्र
- रामपुर
- डिंगापुर
- दादर
- खरमोरा और रिसदी
सर्वाधिक धुआं प्रभावित इलाके में रहने वाले परिवारों, सिगड़ी जलाने वाले परिवारों, एलपीजी गैस धारकों, उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस कनेक्शन प्राप्त परिवारों का सर्वे कर उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा. अभियान की सफलता के लिए इन इलाकों में जन जागरूकता संबंधी विशेष कैम्पेन चलाये जाएंगे.इस अभियान में खनिज एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों की भी सहभागिता होगी.
आबकारी विभाग की वसूली से परेशान व्यक्ति बिजली के टावर पर चढ़ा
चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा काम
बेतरतीब तरीके से कोयला लदे वाहनों, कोयला चोरी की घटना वाले क्षेत्रों, कोयला जलाने वाली होटलों और ढाबों का भी चिन्हांकन अभियान के तहत किया जाएगा. शहरी स्लम क्षेत्रों के लोगों से कोयला बिनने वाली जगहों की भी पहचान की जाएगी. अभियान के पहले चरण में ही शहर में सिगड़ी बेचने वालों और सिगड़ी बनाने वालों की भी पहचान की जाएगी. कलेक्टर कौशल ने अगले एक सप्ताह में अभियान के प्रथम चरण के निर्धारित लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक सर्वे करते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. अभियान के दूसरे चरण में सर्वे से प्राप्त निष्कर्षों और जानकारियों के आधार पर कोयला जलाने से उठने वाले धुएं को रोकने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर उस पर अमल किया जाएगा.