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कोरबा: रोका-छेका अभियान फेल ! कलेक्टर के आदेश के बाद खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी के तहत आवारा पशुओं के लिए रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई थी, लेकिन कोरबा में यह अभियान दम तोड़ती नजर आ रही है.

roka cheka yojana not performed in panchayat level
रोका-छेका
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Published : Jul 19, 2020, 8:50 AM IST

Updated : Jul 19, 2020, 2:01 PM IST

कोरबा: जिला कलेक्टर ने सभी विकासखंड अधिकारी, पंचायत कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी अभियान रोका-छेका को सफल बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देश के महज एक महीने के भीतर यह अभियान दम तोड़ती नजर आ रही है. ऐसा लग रहा है, कलेक्टर ने महज खानापूर्ति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे.

रोका-छेका अभियान फेल?

जबकि कलेक्टर ने इसे लेकर कई बार अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक ली है. इसमें इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए गए थे, लेकिन आज भी जिले के करतला विकासखंड में हालात जस के तस हैं. यहां आवारा पशु न सिर्फ किसानों के खेतों में फसल बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि खोतों से फसल खाने के बाद ये आवारा पशु सड़कों पर बैठे रहते हैं. जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं.

जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप

राहगीरों ने जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि यहां के जनप्रतिनिधी रोका-छेका अभियान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण आवारा पशु दिन भर सड़कों और खेतों में घूमते दिख रहे हैं. जबकि पंचायत स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक में रोका-छेका के बारे में जानकारी दी गई है.

पढ़ें- सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा, फेल होता नजर आ रहा रोका-छेका अभियान

एक महीने में ही फेल हुई योजना

बता दें, आज से ठीक एक महीने पहले 19 जून को पूरे छत्तीसगढ़ में रोका-छेका संकल्प योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन कई जिलों में यह संकल्प सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत करती आई है. इसमें से नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी जैसी योजना सरकार ने सत्ता में आते ही शुरू की थी, लेकिन घरातल पर ये तमाम योजनाएं जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण फेल होती दिख रही है.

छत्तीसगढ़ की प्रथा 'नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी'

नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी योजना के बाद इसी साल 19 जून को राज्य सरकार 'रोका-छेका संकल्प अभियान' की शुरुआत की थी. रोका छेका की प्रथा छत्तीसगढ़ में वर्षों से चली आ रही है, जिसे अब सरकार अभियान के रूप में लेकर आई है. किसान संगठनों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है.

कोरबा: जिला कलेक्टर ने सभी विकासखंड अधिकारी, पंचायत कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी अभियान रोका-छेका को सफल बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देश के महज एक महीने के भीतर यह अभियान दम तोड़ती नजर आ रही है. ऐसा लग रहा है, कलेक्टर ने महज खानापूर्ति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे.

रोका-छेका अभियान फेल?

जबकि कलेक्टर ने इसे लेकर कई बार अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक ली है. इसमें इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए गए थे, लेकिन आज भी जिले के करतला विकासखंड में हालात जस के तस हैं. यहां आवारा पशु न सिर्फ किसानों के खेतों में फसल बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि खोतों से फसल खाने के बाद ये आवारा पशु सड़कों पर बैठे रहते हैं. जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं.

जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप

राहगीरों ने जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि यहां के जनप्रतिनिधी रोका-छेका अभियान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण आवारा पशु दिन भर सड़कों और खेतों में घूमते दिख रहे हैं. जबकि पंचायत स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक में रोका-छेका के बारे में जानकारी दी गई है.

पढ़ें- सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा, फेल होता नजर आ रहा रोका-छेका अभियान

एक महीने में ही फेल हुई योजना

बता दें, आज से ठीक एक महीने पहले 19 जून को पूरे छत्तीसगढ़ में रोका-छेका संकल्प योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन कई जिलों में यह संकल्प सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत करती आई है. इसमें से नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी जैसी योजना सरकार ने सत्ता में आते ही शुरू की थी, लेकिन घरातल पर ये तमाम योजनाएं जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण फेल होती दिख रही है.

छत्तीसगढ़ की प्रथा 'नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी'

नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी योजना के बाद इसी साल 19 जून को राज्य सरकार 'रोका-छेका संकल्प अभियान' की शुरुआत की थी. रोका छेका की प्रथा छत्तीसगढ़ में वर्षों से चली आ रही है, जिसे अब सरकार अभियान के रूप में लेकर आई है. किसान संगठनों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है.

Last Updated : Jul 19, 2020, 2:01 PM IST
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