कोरबा: अकसर देखने को मिलता है कि सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों के पीछे न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही पीछे वाली लाइटें जल रही होती हैं. इसी वजह से पीछे आ रहे वाहन चालकों को आगे जा रहे वाहन नजर नहीं आते, जिससे हादसे हो जाते हैं. शहर में भी ऐसे सैकड़ों वाहन मिल जाएंगे जिनके पीछे रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं. ट्रैफिक पुलिस चौराहों, पुल या फिर सड़क पर खड़े होकर वाहन चालकों का चालान करती है. लेकिन उनके सामने ही ऐसी कई बसें, ऑटो ट्रैक्टर-ट्रालियां और ट्रक गुजरते हैं जिनके पीछे न तो रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही लाइटें जल रही होती हैं. यातायात विभाग इन सब चीजों को देखते हुए भी अनजान बनकर और कार्रवाई नहीं करता.
लोगों को दी गई समझाइश
कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130, तानाखार मुख्य मार्ग पर शनिवार को 'यातायात सड़क सुरक्षा अभियान' के तहत हाईवे रोड सेफ्टी संस्था ने बिना रिफ्लेक्टर वाली गाड़ियों को रोककर रेडियम रिफ्लेक्टर लगाया. साथ ही उन्हें सड़क सुरक्षा को लेकर समझाइस दी गई.
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गाड़ियों में लगाया गया रिफ्लेक्टर
इसके अलावा वाहन चलाते समय सुरक्षा और मास्क पर विशेष ध्यान देने की समझाइस दी गई. हाइवे रोड सेफ्टी संस्था के प्रदीप कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटना रोकने के लिए इनकी NGO संस्था रोड सेफ्टी की ओर से चारपहिया वाहनों को रोककर उनकी गाड़ी में लगे रिफ्लेक्टर की जांच कर उन गाड़ियों में रिफ्लेक्टर लगाया गया. ताकि रात में होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके.
समय-समय पर की जानी चाहिए जांच
प्रदीप कुमार ने कहा कि यातायात विभाग को समय-समय पर वाहनों की जांच की जानी चाहिए. वाहनों को रोककर उनमें परावर्ती टेप भी लगवाए जाने चाहिए. सर्दियों के मौसम में इस अभियान में और तेजी लाकर वाहनों की जांच कर कोहरे में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.