ETV Bharat / state

कोरबा: प्रशासन के आश्वासन पर माकपा ने खत्म किया रेल रोको आंदोलन - कोरबा न्यूज

माकपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता कुसमुंडा में रेल रोको आंदोलन के लिए निकले थे. पटरियों तक पहुंचने से पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. माकपा ने कुसमुंडा से यात्री ट्रेन के संचालन की मांग की है.

protest of CPI M in korba
रेल रोको आंदोलन
author img

By

Published : Feb 3, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 12:52 AM IST

कोरबा: गेवरा रोड रेलवे फाटक पर मालगाड़ी रोककर रेल रोको आंदोलन करने जा रहे माकपा नेताओं को सुरक्षाकर्मियों ने सड़क पर ही रोक लिया. प्रदर्शनकारी सड़क लांघकर पटरियों तक नहीं पहुंच पाए. माकपा नेताओं के साथ ही बड़ी तादाद में पहुंचे स्थानीय लोग सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. माकपा ने कुसमुंडा से यात्री ट्रेन के संचालन की मांग की है. धरना स्थल पर मौजूद पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात की. रेलवे ने मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है. रेलवे का कहना है कि वह प्रशासन को भी एक पत्र लिखेंगे. गेवरा रोड से ट्रेन चलाने के लिए एक पत्र उन्होंने रेलवे मुख्यालय को पहले ही भेज दिया है. 15 दिन में मांग पूरी करने के आश्वासन पर आंदोलन खत्म हुआ.

रेल रोको आंदोलन

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार माकपा नेता दोपहर इमलीछापर चौक कुसमुंडा में रेल रोकने पहुंच गए थे. जिन्हें पटरियों से 200 मीटर की दूरी पर पुलिस ने रोक लिया. आंदोलन लगभग 4 घंटे तक चलता रहा. दर्री सीएसपी खोमन सिन्हा, क्षेत्रीय रेल प्रबंधक मनीष अग्रवाल और नायब तहसीलदार शशि भूषण सिंह सोनी मौके पर मौजूद थे. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रशांत झा, वीएम मनोहर, पार्षद सुरती कुलदीप ने रेलवे के अधिकारियों से बातचीत की. 15 दिन में समस्या को हल करने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त किया. माकपा नेताओं ने यह भी कहा है कि 15 दिन के अंदर मांग पूरी होगी, इसका उन्हें भरोसा नहीं है. इसलिए वे 15 दिन के बाद फिर से आंदोलन करेंगे. इस बार या तो वे पटरियों पर होंगे या फिर जेल में.

protest of CPI M in korba
प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए अधिकारी

पढ़ें-SPECIAL: बस्तर में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद होने से लोगों को हो रही परेशानी

तहसीलदार ने लिखित में दिया आश्वासन

प्रदर्शनकारियों को क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष अग्रवाल नहीं समझा पाए. उन्हें वापस जाना पड़ा. सीएसपी दर्री सिन्हा, एआरएम अग्रवाल और नायब तहसीलदार सोनी भी प्रदर्शनकारियों को मनाने पहुंचे. सीएसपी सिन्हा और अग्रवाल काफी देर तक समझाते रहे, लेकिन सफल नहीं हुए. माकपा ने लिखित में एक निश्चित तिथि की मांग की. जब दोनों अधिकारी नहीं मना पाए तब तहसीलदार ने 15 दिन बाद ट्रेन शुरू करने का लिखित आश्वासन दे दिया. आंदोलन को रेल संघर्ष समिति ने भी अपना समर्थन दिया है.

कोरबा: गेवरा रोड रेलवे फाटक पर मालगाड़ी रोककर रेल रोको आंदोलन करने जा रहे माकपा नेताओं को सुरक्षाकर्मियों ने सड़क पर ही रोक लिया. प्रदर्शनकारी सड़क लांघकर पटरियों तक नहीं पहुंच पाए. माकपा नेताओं के साथ ही बड़ी तादाद में पहुंचे स्थानीय लोग सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. माकपा ने कुसमुंडा से यात्री ट्रेन के संचालन की मांग की है. धरना स्थल पर मौजूद पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात की. रेलवे ने मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है. रेलवे का कहना है कि वह प्रशासन को भी एक पत्र लिखेंगे. गेवरा रोड से ट्रेन चलाने के लिए एक पत्र उन्होंने रेलवे मुख्यालय को पहले ही भेज दिया है. 15 दिन में मांग पूरी करने के आश्वासन पर आंदोलन खत्म हुआ.

रेल रोको आंदोलन

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार माकपा नेता दोपहर इमलीछापर चौक कुसमुंडा में रेल रोकने पहुंच गए थे. जिन्हें पटरियों से 200 मीटर की दूरी पर पुलिस ने रोक लिया. आंदोलन लगभग 4 घंटे तक चलता रहा. दर्री सीएसपी खोमन सिन्हा, क्षेत्रीय रेल प्रबंधक मनीष अग्रवाल और नायब तहसीलदार शशि भूषण सिंह सोनी मौके पर मौजूद थे. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रशांत झा, वीएम मनोहर, पार्षद सुरती कुलदीप ने रेलवे के अधिकारियों से बातचीत की. 15 दिन में समस्या को हल करने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त किया. माकपा नेताओं ने यह भी कहा है कि 15 दिन के अंदर मांग पूरी होगी, इसका उन्हें भरोसा नहीं है. इसलिए वे 15 दिन के बाद फिर से आंदोलन करेंगे. इस बार या तो वे पटरियों पर होंगे या फिर जेल में.

protest of CPI M in korba
प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए अधिकारी

पढ़ें-SPECIAL: बस्तर में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद होने से लोगों को हो रही परेशानी

तहसीलदार ने लिखित में दिया आश्वासन

प्रदर्शनकारियों को क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष अग्रवाल नहीं समझा पाए. उन्हें वापस जाना पड़ा. सीएसपी दर्री सिन्हा, एआरएम अग्रवाल और नायब तहसीलदार सोनी भी प्रदर्शनकारियों को मनाने पहुंचे. सीएसपी सिन्हा और अग्रवाल काफी देर तक समझाते रहे, लेकिन सफल नहीं हुए. माकपा ने लिखित में एक निश्चित तिथि की मांग की. जब दोनों अधिकारी नहीं मना पाए तब तहसीलदार ने 15 दिन बाद ट्रेन शुरू करने का लिखित आश्वासन दे दिया. आंदोलन को रेल संघर्ष समिति ने भी अपना समर्थन दिया है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 12:52 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.