कटघोरा: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम शनिवार को कोरबा जिले के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने कटघोरा के लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह में प्रेसवार्ता की, और पार्टी की आगामी रणनीतियों को सामने रखा. तुलेश्वर सिंह मरकाम ने पत्रकारों से विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से चर्चा की. उन्होंने मौजूदा प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा. वन्यप्राणियों की मौत व भ्रष्टाचार के मामलो में घिरी वनमंडल की विवादित वनमंडलाधिकारी शमां फारूकी को भी आड़े हाथों लिया. मरकाम ने बताया की वनमंडल कटघोरा के खिलाफ हुए आंदोलन पर सरकार ने कोई संज्ञान अबतक नहीं लिया है, लिहाजा वे फरवरी महीने की 15 तारीख को बड़ी संख्या में कोरबा में एकजुट होंगे और कलेक्टर परिसर में ही धरना भी देंगे.
'रोजगार के लिए पलायन कर रहे लोग'
तुलेश्वर सिंह मरकाम ने बताया की कोरबा सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सबसे खनिज संसाधन संपन्न जिले में शुमार है. यहां अनेक कल-कारखाने व उद्योग है. बावजूद आज जिले के लोगों को रोजगार की तलाश में प्रदेश से पलायन करना पड़ रहा है. वे इन्ही जनहित के मुद्दों के साथ 15 फरवरी को कलेक्टर से भेंट करेंगे. जिले के भीतर वनाधिकार पट्टों का वितरण अबतक नहीं हो सका है. पेसा कानून को लागू करने में भी लेटलतीफी की जा रही है. उन्होंने इन मसलों पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
'डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप'
डीएफओ शमां फारूकी के खिलाफ जारी आंदोलन के सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की ना ही वह और न ही उनकी पार्टी किसी अफसर अथवा नेता से कोई निजी दुश्मनी रखती. वे चाहते है की इस पद पर जो भी आसीन हो वह आमजनो के हित में काम करे, क्षेत्र व वन विकास की दिशा में काम करे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के बड़े आरोप है. इसके अलावा वन्यप्राणियों की मौत और वन्यप्राणियों के हमले से आम लोगों की हर दिन मौत हो रही है. वनमंडल और सरकार इन मुद्दों पर भी आँखे मूंदे हुए है. वनमंडल के तहत जिन मजदूरों ने काम किया था उनका भुगतान भी लम्बे समय से बकाया है. उनका आंदोलन इन्ही व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में एक प्रयास है.
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प्रदेश सरकार पर निशाना
तुलेश्वर मरकाम पत्रकारों के सामने प्रदेश सरकार पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा की जनभावनाओं से जुड़े मुद्दों पर चुनाव लड़कर और बड़े वादे करके कांग्रेस को 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का मौका मिला लेकिन यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. शराबबंदी से लेकर आदिवासी कानूनों को लागू करने में सरकार नाकाम रही है. सरकार सही ढंग से धान की खरीदी भी नहीं कर पाई है. मरकाम ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की नीति में कोई खास अंतर नहीं है. जो नेता कल भाजपा में थे, आज वही कांग्रेस के साथ मिलकर काम कर रहे है.
केंद्र पर भी बरसे मरकाम
मरकाम ने जिले के भीतर प्रस्तावित नए कोल ब्लॉक व खनन के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया. उन्होंने कहा की जमीन जिसकी खनिज उसकी' नियम के उलट कार्य किया जा रहा है. आदेश में स्पष्ट है की जब तक ग्रामीण ग्राम सभा के माध्यम से अपनी सहमति नहीं देंगे कोई भी सरकार ग्रामीणों की जमीन नहीं छीन सकती. उन्होंने कहा की कोल ब्लॉक आबंटन के मामले में राज्य सरकार की भूमिका भी संदिग्ध है. बिना राज्य के अनुमति केंद्र सरकार ऐसे फैसले नहीं ले सकती.
संगठनात्मक मजबूती के सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की दादा हीरासिंह मरकाम के निधन से जरूर एक शून्य पैदा हुआ है लेकिन उनकी ही प्रेरणा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपने विचारधारा के साथ आगे बढ़ती रहेगी. वे सरकार में रहे या नहीं लेकिन जनहित और जनकल्याण के मुद्दों पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी. पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कुलदीप मरकाम, शरद देवांगन व लाल बहादुर कोर्राम के तौर पर गोंगपा के बड़े नेता व आम कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे.