ETV Bharat / state

गांधीनगर से बिलासपुर होते हुए कोरबा पहुंचा प्रदीप कुमार का परिवार - Shramik Special Train

कोरबा के नवाडीह गांव के रहने वाले प्रदीप कुमार चौहान अपनी पत्नी संतोषी बाई चौहान और दो छोटे बच्चों के साथ बिलासपुर पहुंचे. बता दें कि प्रदीप कुमार अपने परिवार के साथ गांधीनगर कमाने-खाने पहुंचे गए थे. जो लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए थे. फिलहाल बिलासपुर पहुंचने के बाद प्रदीप और उनके परिवार को आने वाले 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा.

Pradeep Kumar family reached Korba via Gandhinagar to Bilaspur
कोरबा पहुंचा प्रदीप कुमार का परिवार
author img

By

Published : May 12, 2020, 12:59 PM IST

Updated : May 12, 2020, 1:05 PM IST

कोरबा: अहमदाबाद से चली विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे कोरबा के प्रदीप कुमार ने महीनों बाद राहत की सांस ली है. कोरबा के नवाडीह गांव के रहने वाले प्रदीप कुमार चौहान अपनी पत्नी संतोषी बाई चौहान और दो छोटे बच्चों के साथ बिलासपुर पहुंचे. इस परिवार को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष दल बिलासपुर भेजा गया था. वहीं बिलासपुर पहुंचने के बाद प्रदीप कुमार को परिवार के साथ आने वाले 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा.

Pradeep Kumar family reached Korba via Gandhinagar to Bilaspur
कोरबा पहुंचा प्रदीप कुमार का परिवार

फोन पर बात करने पर प्रदीप कुमार चौहान ने बताया कि 'पिछले साल दीपावली के बाद वे अपने परिवार के साथ गांधीनगर कमाने-खाने गए थे. अपनी पत्नी और एक पांच साल और ढाई साल की दो बेटियों को साथ लेकर वे गांधीनगर के पास के गांव में ईंट बनाने का काम करते थे. प्रदीप ने बताया कि 'कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से ईंट भट्ठे का व्यवसाय बंद हो गया है'.

पहली ट्रेन से परिवार के साथ बिलासपुर पहुंचे प्रदीप

प्रदीप ने बताया कि 'कुछ दिन तक उसके सेठ ने बैठाकर खिलाया, लेकिन बाद में उसने भी हाथ खड़े कर दिए. वहीं कमाई की रकम भी खत्म होने के कगार पर थी. ऐसे में लॉकडाउन की सख्ती के कारण जरूरी सामान लेने के लिए भी नहीं निकल पा रहे थे. इसलिए जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी'. प्रदीप ने बताया कि 'ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है. प्रदीप कुमार ने अपने परिवार का पूरा विवरण स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराकर पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गए'.

पढ़ें: बिलासपुर: गुजरात से पहुंचा प्रवासी मजदूरों का पहला जत्था, श्रमिकों के खिले चेहरे

बता दें कि अहमदाबाद से छत्तीसगढ़ राज्य के 1100 से अधिक प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन सोमवार को बिलासपुर पहुंची. इस ट्रेन से बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और रायपुर जिले के मजदूर बिलासपुर पहुंचे हैं. इन सभी मजदूरों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है. साथ ही मजदूरों को सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराए गए. वहीं सभी मजदूरों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया. जहां फिर से उनकी मेडिकल जांच कराई गई. साथ ही सभी को आने वाले 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा.

कोरबा: अहमदाबाद से चली विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे कोरबा के प्रदीप कुमार ने महीनों बाद राहत की सांस ली है. कोरबा के नवाडीह गांव के रहने वाले प्रदीप कुमार चौहान अपनी पत्नी संतोषी बाई चौहान और दो छोटे बच्चों के साथ बिलासपुर पहुंचे. इस परिवार को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष दल बिलासपुर भेजा गया था. वहीं बिलासपुर पहुंचने के बाद प्रदीप कुमार को परिवार के साथ आने वाले 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा.

Pradeep Kumar family reached Korba via Gandhinagar to Bilaspur
कोरबा पहुंचा प्रदीप कुमार का परिवार

फोन पर बात करने पर प्रदीप कुमार चौहान ने बताया कि 'पिछले साल दीपावली के बाद वे अपने परिवार के साथ गांधीनगर कमाने-खाने गए थे. अपनी पत्नी और एक पांच साल और ढाई साल की दो बेटियों को साथ लेकर वे गांधीनगर के पास के गांव में ईंट बनाने का काम करते थे. प्रदीप ने बताया कि 'कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से ईंट भट्ठे का व्यवसाय बंद हो गया है'.

पहली ट्रेन से परिवार के साथ बिलासपुर पहुंचे प्रदीप

प्रदीप ने बताया कि 'कुछ दिन तक उसके सेठ ने बैठाकर खिलाया, लेकिन बाद में उसने भी हाथ खड़े कर दिए. वहीं कमाई की रकम भी खत्म होने के कगार पर थी. ऐसे में लॉकडाउन की सख्ती के कारण जरूरी सामान लेने के लिए भी नहीं निकल पा रहे थे. इसलिए जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी'. प्रदीप ने बताया कि 'ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है. प्रदीप कुमार ने अपने परिवार का पूरा विवरण स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराकर पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गए'.

पढ़ें: बिलासपुर: गुजरात से पहुंचा प्रवासी मजदूरों का पहला जत्था, श्रमिकों के खिले चेहरे

बता दें कि अहमदाबाद से छत्तीसगढ़ राज्य के 1100 से अधिक प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन सोमवार को बिलासपुर पहुंची. इस ट्रेन से बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और रायपुर जिले के मजदूर बिलासपुर पहुंचे हैं. इन सभी मजदूरों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है. साथ ही मजदूरों को सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराए गए. वहीं सभी मजदूरों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया. जहां फिर से उनकी मेडिकल जांच कराई गई. साथ ही सभी को आने वाले 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा.

Last Updated : May 12, 2020, 1:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.