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खबर का असर: अहिरन नदी का मुआयना करने पहुंचे अफसर

अहिरन नदी में प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त राखड़ की समस्या सामने आई थी. ETV भारत के प्रमुखता से दिखाने के बाद राज्य विद्युत मंडल के अधिकारी ने आकर निरीक्षण किया.

अहिरन नदी का निरीक्षण
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Published : Nov 23, 2019, 11:55 AM IST

Updated : Nov 23, 2019, 2:55 PM IST

कोरबा: हसदेव की सहायक अहिरन नदी में प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त राखड़ छोड़े जाने के मामले में ETV भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. शुक्रवार की शाम छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अधिकारी डिंडोलभाठा पहुंचे और नदी का निरीक्षण कर यह जाने की कोशिश की कि, राखड़ डैम से कितनी राखड़ नदी मे छोड़ी गई है. अफसर ने मौके पर यह स्वीकार किया कि कंपनी से भूलवश ऐसा हुआ है. इसके बाद यहां मौजूद ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर अधिकारी को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा.

अहिरन नदी का अधिकारी ने किया निरीक्षण

दरअसल कुछ दिन पहले ETV भारत ने नदी में राखड़ बहाए जाने वाली खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर के बाद विधुत मंडल के अधिकारी अहिरन नदी का निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने नदी में बहाए जा रहे राखड़ को तुरंत बंद करने की बात कही. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि राखड़ डैम में पहुंचे CSEB पश्चिम के मुख्य अभियंता फोन पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दे रहे थे. लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश देख वह वापस लौट गए.

पढ़े:देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, लेकिन रायपुर में धड़ल्ले से हो रहा उपयोग

प्रदूषण का स्तर बढ़ा
कटघोरा विकासखंड के डिंडोलभाठा में 4-5 गांव की जमीन का अधिग्रहण कर CSEB ने राखड़ डैम का निर्माण किया है. यहां से नियमित तौर पर राखड़ नदी में बहाने की शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अक्सर नदी में प्लांट की राख बहती है. जिससे अहिरन के साथ ही हसदेव नदी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

कोरबा: हसदेव की सहायक अहिरन नदी में प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त राखड़ छोड़े जाने के मामले में ETV भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. शुक्रवार की शाम छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अधिकारी डिंडोलभाठा पहुंचे और नदी का निरीक्षण कर यह जाने की कोशिश की कि, राखड़ डैम से कितनी राखड़ नदी मे छोड़ी गई है. अफसर ने मौके पर यह स्वीकार किया कि कंपनी से भूलवश ऐसा हुआ है. इसके बाद यहां मौजूद ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर अधिकारी को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा.

अहिरन नदी का अधिकारी ने किया निरीक्षण

दरअसल कुछ दिन पहले ETV भारत ने नदी में राखड़ बहाए जाने वाली खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर के बाद विधुत मंडल के अधिकारी अहिरन नदी का निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने नदी में बहाए जा रहे राखड़ को तुरंत बंद करने की बात कही. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि राखड़ डैम में पहुंचे CSEB पश्चिम के मुख्य अभियंता फोन पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दे रहे थे. लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश देख वह वापस लौट गए.

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प्रदूषण का स्तर बढ़ा
कटघोरा विकासखंड के डिंडोलभाठा में 4-5 गांव की जमीन का अधिग्रहण कर CSEB ने राखड़ डैम का निर्माण किया है. यहां से नियमित तौर पर राखड़ नदी में बहाने की शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अक्सर नदी में प्लांट की राख बहती है. जिससे अहिरन के साथ ही हसदेव नदी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

Intro:कोरबा। हसदेव की सहायक अहिरन नदी में प्लांट से उत्सर्जित केमिकल युक्त राख छोड़े जाने वाली खबर का बड़ा असर हुआ है। शुक्रवार की शाम छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अधिकारी डिंडोलभाठा पहुंचे और राखड़ डैम से उत्सर्जित राख के नदी में बहने का निरीक्षण किया। अफसर ने मौके पर यह स्वीकार किया कि कंपनी से भूलवश ऐसा हुआ है। इसके बाद यहां मौजूद ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर अधिकारी को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा

Body:दरअसल कुछ दिन पहले etv भारत द्वारा नदी में रख बहाये जाने वाली खबर को प्रमुखता से दिखाया था।
खबर के बाद विधुत मंडल के अधिकारी अहिरन नदी का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। गुस्साए लोगों ने विभाग के अधिकारी से नदी को राख बहाकर दूषित करने की वजह पूछी तो अधिकारी ने विभाग की गलती स्वीकार करते हुए नदी में बहाए जा रहे राखड़ को तुरंत बंद करने की बात कही। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि डिंडोलभांठा ऐश डैम में पहुंचे सीएसईबी पश्चिम के मुख्य अभियंता फोन पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दे रहे थे। लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश देख वह वापस लौट गए।Conclusion: कटघोरा विकासखंड के डिंडोलभाठा में 4-5 गांव की भूमि का अधिग्रहण कर सीएसईबी ने राखड़ डैम का निर्माण किया है।
यहां से नियमित तौर पर राख नदी में बहाने की शिकायतें मिलती रहती हैं। लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अक्सर नदी में प्लांट का राख बहता है। जिससे अहिरन के साथ ही हसदेव नदी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

बाइट। 1. एसएस टिकरिहा, एसई सिविल, सीएसईबी
2. रामेश्वर सिंह कंवर, सरपंच।
Last Updated : Nov 23, 2019, 2:55 PM IST
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