कोरबा: हसदेव की सहायक अहिरन नदी में प्लांट से निकलने वाले केमिकल युक्त राखड़ छोड़े जाने के मामले में ETV भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. शुक्रवार की शाम छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अधिकारी डिंडोलभाठा पहुंचे और नदी का निरीक्षण कर यह जाने की कोशिश की कि, राखड़ डैम से कितनी राखड़ नदी मे छोड़ी गई है. अफसर ने मौके पर यह स्वीकार किया कि कंपनी से भूलवश ऐसा हुआ है. इसके बाद यहां मौजूद ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर अधिकारी को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा.
दरअसल कुछ दिन पहले ETV भारत ने नदी में राखड़ बहाए जाने वाली खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर के बाद विधुत मंडल के अधिकारी अहिरन नदी का निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने नदी में बहाए जा रहे राखड़ को तुरंत बंद करने की बात कही. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि राखड़ डैम में पहुंचे CSEB पश्चिम के मुख्य अभियंता फोन पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दे रहे थे. लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश देख वह वापस लौट गए.
पढ़े:देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, लेकिन रायपुर में धड़ल्ले से हो रहा उपयोग
प्रदूषण का स्तर बढ़ा
कटघोरा विकासखंड के डिंडोलभाठा में 4-5 गांव की जमीन का अधिग्रहण कर CSEB ने राखड़ डैम का निर्माण किया है. यहां से नियमित तौर पर राखड़ नदी में बहाने की शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण अक्सर नदी में प्लांट की राख बहती है. जिससे अहिरन के साथ ही हसदेव नदी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.