कोरबा: समय से पहले लगभग 7 माह में जन्म लेने वाली नवजात बेटी को कलयुगी परिजनों ने कड़कड़ाती ठंड में मातृछाया के पालने में छोड़ दिया. सेवा भारती द्वारा मातृ छाया संस्था में लावारिस नवजातों को रखकर उनकी परवरिश की जाती है. पालने में एक स्लोगन अंकित है, जिसमें लिखा होता है कि "फेंके नहीं, हमें दें" कलयुग के निर्दयी परिजनों ने स्लोगन को पढ़कर बच्ची को मातृछाया में पालने में छोड़ दिया लेकिन इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई.Korba Matrachaya
मानवता हुई शर्मसार, 7 दिन तक चला इलाज : बताया जा रहा है कि नवजात बच्ची का जन्म समय से पहले हुआ था. उसे शहर के टीपी नगर बुधवारी बाईपास रोड में संचालित मातृछाया के पालने में छोड़ दिया गया था. बच्ची को 7 दिन पहले रात के लगभग 11:30 बजे पालने में छोड़ा गया था. चुंकि बच्ची का जन्म समय से पहले, 7 माह में हुआ था. इसलिए उसकी स्थिति पहले ही काफी नाजुक थी. मातृछाया के संचालकों ने निजी अस्पताल में रखकर नवजात का इलाज कराया. लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई. सोमवार देर शाम नवजात ने दम तोड़ दिया.
ठंड में एक पतले कपड़े में लपेटकर नवजात को छोड़ा : बच्ची को पालने में छोड़ तो चले गए, इसके बाद पालना घर के कर्मियों द्वारा जब मासूम को पहली बार देखा तब, उसके शरीर पर एक मात्र पतला सा लाल गमछा मौजूद था. ठंड के मौसम में मासूम को बिना कपड़ों के छोड़ दिये जाने से उसकी तबियत और बिगड़ गई. इस बात की निंदा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि आज के दौर में जब लड़के और लड़कियों के समानता की बातें होती हैं. कोई फर्क नहीं करने की बातें हो रही हैं. तब भी समाज में ऐसे निर्दयी और निर्मोही लोग मौजूद हैं. जो बेटी के जन्म के बाद दम तोड़ने के लिए उसे पालने में छोड़, मुंह छुपा कर गुम हो जाते हैं.
पुलिस कर रही मामले की जांच : इस मामले को स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. मातृछाया के संचालकों के साथ मिलकर पुलिस ने मामले की जांच की बात कही है. कोतवाली पुलिस ने परिजनों की तलाश शुरू कर दी है. किन परिस्थितियों में 7 माह की बच्ची को पालने में छोड़ा गया, इसका भी पता लगाने की बात पुलिस ने कही है.