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लेमरू ट्रिपल मर्डर केस: राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम पहुंची बरपानी

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम कोरबा के पहाड़ी गांव बरपानी पहुंची. टीम लेमरू ट्रिपल मर्डर केस के पीड़ित परिवार से मिली. उन्हें सहायता राशि दी. इसके साथ ही परिवार के एक शख्स को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी देने की अनुशंसा की.

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लेमरू ट्रिपल मर्डर केस
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Published : Feb 8, 2021, 12:07 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम कोरबा के पहाड़ी कोरवा गांव बरपानी पहुंची.आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान के नेतृत्व में टीम के सदस्य पीड़ित परिवार से मिले. उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी. पीड़ित परिवार को चार लाख 12 हजार 500 रुपये की सहायता राशि का चेक भी दिया. परिवार के एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार शासकीय नियोजन की अनुशंसा भी की. टीम में नितिन पोटाई सचिव एचके सिंह उईके भी मौजूद रहे.

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम पहुंची बरपानी

लेमरू ट्रिपल मर्डर केस

आयोग के सदस्यों ने इस दुःखद हत्याकांड पर प्रशासन की तरफ से अबतक की गई कार्रवाई की भी सिलसिलेवार जानकारी ली.आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार को संबल प्रदान करते हुए कहा कि इस घटना क्रम को अंजाम देने वाले आरोपियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें इस घिनौने कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी. टीम ने परिजनों से शासन व पुलिस के अधिकारियों से तथ्यों के बारे में पूछा.

पढ़ें: लेमरू ट्रिपल मर्डर केस: हिन्दू क्रांति सेना ने जताया आक्रोश

परिवार को दी सहायता राशि

टीम ने पीड़ित परिवार को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दी जाने वाली सहायता राशि की 50 प्रतिशत राशि चार लाख 12 हजार 500 रुपये का चेक भी सौंपा. बाकी राशि कोर्ट में चालान पेश करने के बाद दी जाएगी. इस दौरान एसडीएम आशीष देवांगन, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष कुमार वाहने, नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल, जनपद पंचायत के सीईओ जीके मिश्रा, पुलिस अधिकारी एसएस पटेल, सहायक अनुसंधान अधिकारी एसके भुवाल मौजूद रहे.

नौकरी की भी अनुशंसा
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से घटना के बाद प्रशासन की तरफ से दी जा रही सहायता की जानकारी ली. परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन ने राशन के साथ 25 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराई. दीवान ने परिवार से खेतीहर भूमि, आजीविका आदि के बारे में भी पूछा. उन्होंने पीड़ित परिवार के पांचवी पास बेटे को आदिम जाति कल्याण विभाग की तरफ से संचालित नजदीकी आश्रम या छात्रावास में योग्यता अनुसार काम दिलाने की अनुशंसा मौके पर की.

आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने पीड़ित परिवार को वनाधिकार मान्यता पत्र से मिली ढाई एकड़ खेतीहर भूमि पर सौर सुजला योजना के तहत नलकूप खनन कराने की अनुशंसा भी की. ताकि पीड़ित परिवार को खेती के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सके. इसके साथ ही आयोग के सदस्यों ने पहाड़ी कोरवा बस्ती बरपानी में सौर ऊर्जा संचालित लाइट लगाने की भी अनुशंसा की. इसके साथ ही सड़क के लिए भी प्रशासनिक अधिकारियों से बात की.आयोग की उपाध्यक्ष ने सभी अनुशंसाओं पर 31 मार्च तक अमल करते हुए कार्य पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम कोरबा के पहाड़ी कोरवा गांव बरपानी पहुंची.आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान के नेतृत्व में टीम के सदस्य पीड़ित परिवार से मिले. उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी. पीड़ित परिवार को चार लाख 12 हजार 500 रुपये की सहायता राशि का चेक भी दिया. परिवार के एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार शासकीय नियोजन की अनुशंसा भी की. टीम में नितिन पोटाई सचिव एचके सिंह उईके भी मौजूद रहे.

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम पहुंची बरपानी

लेमरू ट्रिपल मर्डर केस

आयोग के सदस्यों ने इस दुःखद हत्याकांड पर प्रशासन की तरफ से अबतक की गई कार्रवाई की भी सिलसिलेवार जानकारी ली.आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार को संबल प्रदान करते हुए कहा कि इस घटना क्रम को अंजाम देने वाले आरोपियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें इस घिनौने कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी. टीम ने परिजनों से शासन व पुलिस के अधिकारियों से तथ्यों के बारे में पूछा.

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परिवार को दी सहायता राशि

टीम ने पीड़ित परिवार को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दी जाने वाली सहायता राशि की 50 प्रतिशत राशि चार लाख 12 हजार 500 रुपये का चेक भी सौंपा. बाकी राशि कोर्ट में चालान पेश करने के बाद दी जाएगी. इस दौरान एसडीएम आशीष देवांगन, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष कुमार वाहने, नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल, जनपद पंचायत के सीईओ जीके मिश्रा, पुलिस अधिकारी एसएस पटेल, सहायक अनुसंधान अधिकारी एसके भुवाल मौजूद रहे.

नौकरी की भी अनुशंसा
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से घटना के बाद प्रशासन की तरफ से दी जा रही सहायता की जानकारी ली. परिवार के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन ने राशन के साथ 25 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराई. दीवान ने परिवार से खेतीहर भूमि, आजीविका आदि के बारे में भी पूछा. उन्होंने पीड़ित परिवार के पांचवी पास बेटे को आदिम जाति कल्याण विभाग की तरफ से संचालित नजदीकी आश्रम या छात्रावास में योग्यता अनुसार काम दिलाने की अनुशंसा मौके पर की.

आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने पीड़ित परिवार को वनाधिकार मान्यता पत्र से मिली ढाई एकड़ खेतीहर भूमि पर सौर सुजला योजना के तहत नलकूप खनन कराने की अनुशंसा भी की. ताकि पीड़ित परिवार को खेती के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सके. इसके साथ ही आयोग के सदस्यों ने पहाड़ी कोरवा बस्ती बरपानी में सौर ऊर्जा संचालित लाइट लगाने की भी अनुशंसा की. इसके साथ ही सड़क के लिए भी प्रशासनिक अधिकारियों से बात की.आयोग की उपाध्यक्ष ने सभी अनुशंसाओं पर 31 मार्च तक अमल करते हुए कार्य पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

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