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रोजगार की मांग को लेकर भूविस्थापितों ने घेरा कुसमुंडा और गेवरा जीएम का कार्यालय - Land Displaced Employment Integration Association

कोरबा में रोजगार की मांग (Demand For Employment in Korba) को लेकर भूविस्थापितों (land displaced ) ने कुसमुंडा और गेवरा जीएम कार्यालय का घेराव किया गया. जिसमें महिलाएं भी शामिल हुई हैं.

land displaced protest
भूविस्थापितों का प्रदर्शन
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Published : Dec 13, 2021, 8:38 PM IST

कोरबा: रोजगार और अन्य लंबित मांगों को लेकर भू-विस्थापितों ने सोमवार को एसईसीएल (SECL) के कुसमुंडा और गेवरा स्थित जीएम कार्यालयों का एक साथ घेराव किया है. कुसमुंडा में माकपा की अगुवाई में भू विस्थापित लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं तो गेवरा में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जयसवाल के साथ मिलकर भू-विस्थापितों ने जमकर हंगामा किया. दोनों ही जीएम इस दौरान अपने कार्यालय में संधारण थे, भू-विस्थापितों ने कुसमुंडा और गेवरा में कार्यालय का काम लगभग ठप कर दिया था.

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60 फीसदी कामों में मिले हिस्सेदारी, 10 दिन की मोहल्लत

गेवरा में एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान संचालित है.यहां से लाखों टन कोयले का उत्खनन होता है, लेकिन जिन भू विस्थापितों के जमीन का अधिग्रहण कर कोयला खदान का संचालन शुरू किया गया. वह आज भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं.

जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने कहा कि हमने आज तय कर लिया था कि सीजीएम कार्यालय में कोई भी काम नहीं होने देंगे. कार्यालय खुलने के पहले ही हम गेट पर धरना देकर बैठ गए थे. एसईसीएल से हमारी मांग है कि खदान व इससे संबंधित इलाकों में जो भी काम ठेका पद्धति से किए जाते हैं, उसमें 60 फीसदी हिस्सेदारी भू विस्थापितों की हो, जो योग्य है उन्हें और भी बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं.

प्रदर्शकारी ने 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. इस काम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर रोजगार देने की रूपरेखा तैयार कर लें. यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और भी लंबा खिचेंगा.

यह भी पढ़ें: chhattisgarh municipal elections 2021 : बिलासपुर उपचुनाव में कांग्रेस-भाजपा के कद्दावर नेताओं की साख दांव पर

महिलाओं ने घेरा कुसमुंडा जीएम कार्यालय

कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31अक्टूबर से लगातार जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं. भू विस्थापित रोजगार एकता संघ (Land Displaced Employment Integration Association) के बेनर तले आंदोलन किया जा रहा है. दो बार खदान को बंद भी किया गया. जिसमें एसईसीएल प्रबंधन को अरबों का नुकसान हुआ. धरना प्रदर्शन के 43 वें दिन बड़ी संख्या में भू विस्थापित परिवार की महिलाएं धरना में शामिल हुई. महिलाओं ने धरना के बाद जीएम कार्यालय में जाकर जमीन के बदले रोजगार की जानकारी मांगनी चाहिए लेकिन प्रबंधन ने डर के मारे स्वयं मेनगेट को बंद कर लिया.

महिलाओं ने प्रबंधन को कहा कि जमीन के बदले रोजगार देना होगा. प्रबंधन के द्वारा जवाब नहीं देने पर महिलाओं ने घंटो जीएम कार्यालय का घेराव कर दिया. उसके बाद प्रबंधन को पुलिस की सुरक्षा में आंदोलनकारी महिलाओं से बात करना पड़ा. भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं करेगा तो आंदोलन और तेज होगा.

कोरबा: रोजगार और अन्य लंबित मांगों को लेकर भू-विस्थापितों ने सोमवार को एसईसीएल (SECL) के कुसमुंडा और गेवरा स्थित जीएम कार्यालयों का एक साथ घेराव किया है. कुसमुंडा में माकपा की अगुवाई में भू विस्थापित लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं तो गेवरा में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जयसवाल के साथ मिलकर भू-विस्थापितों ने जमकर हंगामा किया. दोनों ही जीएम इस दौरान अपने कार्यालय में संधारण थे, भू-विस्थापितों ने कुसमुंडा और गेवरा में कार्यालय का काम लगभग ठप कर दिया था.

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60 फीसदी कामों में मिले हिस्सेदारी, 10 दिन की मोहल्लत

गेवरा में एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान संचालित है.यहां से लाखों टन कोयले का उत्खनन होता है, लेकिन जिन भू विस्थापितों के जमीन का अधिग्रहण कर कोयला खदान का संचालन शुरू किया गया. वह आज भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं.

जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष व कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने कहा कि हमने आज तय कर लिया था कि सीजीएम कार्यालय में कोई भी काम नहीं होने देंगे. कार्यालय खुलने के पहले ही हम गेट पर धरना देकर बैठ गए थे. एसईसीएल से हमारी मांग है कि खदान व इससे संबंधित इलाकों में जो भी काम ठेका पद्धति से किए जाते हैं, उसमें 60 फीसदी हिस्सेदारी भू विस्थापितों की हो, जो योग्य है उन्हें और भी बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं.

प्रदर्शकारी ने 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. इस काम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर रोजगार देने की रूपरेखा तैयार कर लें. यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और भी लंबा खिचेंगा.

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महिलाओं ने घेरा कुसमुंडा जीएम कार्यालय

कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31अक्टूबर से लगातार जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं. भू विस्थापित रोजगार एकता संघ (Land Displaced Employment Integration Association) के बेनर तले आंदोलन किया जा रहा है. दो बार खदान को बंद भी किया गया. जिसमें एसईसीएल प्रबंधन को अरबों का नुकसान हुआ. धरना प्रदर्शन के 43 वें दिन बड़ी संख्या में भू विस्थापित परिवार की महिलाएं धरना में शामिल हुई. महिलाओं ने धरना के बाद जीएम कार्यालय में जाकर जमीन के बदले रोजगार की जानकारी मांगनी चाहिए लेकिन प्रबंधन ने डर के मारे स्वयं मेनगेट को बंद कर लिया.

महिलाओं ने प्रबंधन को कहा कि जमीन के बदले रोजगार देना होगा. प्रबंधन के द्वारा जवाब नहीं देने पर महिलाओं ने घंटो जीएम कार्यालय का घेराव कर दिया. उसके बाद प्रबंधन को पुलिस की सुरक्षा में आंदोलनकारी महिलाओं से बात करना पड़ा. भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं करेगा तो आंदोलन और तेज होगा.

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