कोरबा: कोयलांचल क्षेत्र से कोयला चोरी का कथित वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है. अब कोयला चोरी के बाद एक और सनसनीखेज वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में डीजल चोर दिनदहाड़े कैंपर वाहन से डीजल चोरी कर रहे हैं. खदान की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं. डीजल चोर के वाहन पर पथराव भी करते हैं. लेकिन चोरों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता. उल्टे वह वाहन बैक कर जवानों को कुचलने का प्रयास करते हुए दिख रहे हैं. जबकि केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान मिट्टी के टीले पर चढ़कर चोरों से अपनी जान बचाने का प्रयास करते हुए दिखाई दिए. इस वीडियो के वायरल होने के बाद एक बार फिर जिले में माफिया राज के हावी होने की चर्चा है तो कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. जानकारों की मानें तो यह वीडियो एशिया के सबसे बड़े कोयला खदान गेवरा का है. हालांकि ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता. इस वीडियो के 2 से 3 दिन पुराना होने की जानकारी है.
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बेखौफ हैं डीजल चोर: खदान के भीतर से वायरल तथकथित वीडियो में हंसी-ठिठोली के साथ ही ''मारो'', ''कुचल दो'' इस तरह के शब्दों का उपयोग किया जा रहा है. अपशब्द का उपयोग करते हुए लोग चिल्ला रहे हैं कि सुरक्षाबलों को कुचल दो. इनके ऊपर वाहन चढ़ाओ. जिससे इस बात का साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीजल चोरों के हौसले किस तरह बुलंद हैं. उन्हें जवानों और पुलिस का किसी भी तरह का कोई खौफ नहीं है.
कोयलांचल में चलता है माफिया राज: श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा कहते हैं कि "कोयलांचल क्षेत्र में पूरी तरह से माफिया राज कायम हो चुका है. डीजल चोर अब रात के अंधेरे में नहीं दिनदहाड़े डकैती वाले अंदाज में डीजल चोरी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में इस तरह का माहौल चिंताजनक है. यह बिना संरक्षण और सेटिंग के संभव नहीं है. ऊपर से नीचे तक इसमें सफेदपोश से लेकर जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं. सेटिंग इतनी तगड़ी है कि इन पर कोई हाथ नहीं डालता. केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को तो हम हटाने की मांग कर चुके हैं. इनकी मौजूदगी से माफियाओं पर किसी भी तरह का कोई लगाम नहीं लग पाया है. पुलिस भी कुछ नहीं करती. ऐसे में जिले में पूरी तरह से माफिया राज कायम हो चुका है.''
सुरक्षाबलों पर हर महीने 8 करोड़ से ज्यादा खर्च: एसईसीएल की मेगा परियोजना गेवरा, कुसमुंडा और दीपका में खदानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पहले सीआईएसएफ की थी. पिछले साल यहां त्रिपुरा रायफल्स को भी तैनात कर दिया गया है. त्रिपुरा राइफल्स के 228 तो सीआईएसएफ के 240 जवान खदानों को सुरक्षा देते हैं. बावजूद इसके डीजल चोर निरंकुश हैं. केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों पर एसईसीएल हर महीने 8 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करती है. बावजूद इसके सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह कायम है.
कोई कुछ बोलने को नहीं है तैयार: खदान के भीतर से वायरल इस वीडियो और माफिया राज के सवाल पर सीआईएसएफ के सक्षम अधिकारी से चर्चा करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने असमर्थता जताते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इधर कोयला चोरी का वीडियो वायरल होने के बाद जिले के कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस के अधिकारी भी इस विषय में कुछ भी कहने से बच रहे हैं. अधिकृत तौर पर किसी ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया.
ईटीवी भारत वीडियो की पुष्टि नहीं करता है...