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कोरबा निगम पुस्तकालय की बत्ती तीन माह से गुल, यहां शहर का स्थाई वैक्सीनेशन केंद्र, गर्मी से लोग परेशान

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Published : Apr 7, 2022, 4:31 PM IST

कोरबा निगम पुस्तकालय में बीते तीन माह से बत्ती गुल है. यहां शहर का एक स्थाई वैक्सीनेशन सेंटर भी है. लेकिन यहां बिजली-पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं.

Korba Corporation library
कोरबा निगम का पुस्तकालय

कोरबा: कोरबा शहर में तहसील कार्यालय के पास डिंगागापुर में बने निगम के नए पुस्तकालय की बिजली 3 महीने से विद्युत विभाग ने काट दी है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग और निगम ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पुस्कालय को स्थाई केंद्र बनाया था. पुस्तकालय का संचालन शुरू नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना वैक्सीन लगवाने लोग हर दिन यहां पहुंचते हैं. ये लोग वैक्सीनेशन के दौरान प्रचंड गर्मी का सामना करते हैं. वैक्सीनेशन ड्यूटी में तैनात कर्मचारी भी व्यवस्था से परेशान हैं. उनका कहना है कि वैक्सीनेशन के लिए यहां पहुंचने वाले लोग उन्हें खरी-खोटी सुनाते हैं जबकि उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है.

निगम पुस्तकालय की बत्ती तीन माह से गुल

स्थाई केंद्र में लगातार जारी है वैक्सीनेशन : कोरबा नगर निगम के पुस्तकालय को स्थाई वैक्सीनेशन केंद्र बनाया गया है. इस भवन में फिलहाल लाइब्रेरी की शुरुआत नहीं हुई है, इसलिए इस भवन का उपयोग वैक्सीनेशन केंद्र के तौर पर किया जा रहा है. शहर में होने की वजह से यह केंद्र सभी की पहुंच में भी है. पिछले 3 महीने से बिजली नहीं होने से लोग यहां आ तो रहे हैं, लेकिन वह परेशान हो रहे हैं. स्वास्थ विभाग के कर्मचारी कुछ बोल नहीं रहे, लेकिन दबी जुबान उन्होंने बताया कि इस अव्यवस्था की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. अब यहां तैनात कर्मचारी भी बिना बिजली पानी के सेवा देने के लिए मजबूर हैं. बिजली नहीं होने के कारण मोटर पंप नहीं चल पा रहा है. लिहाजा यहां पानी का भी बंदोबस्त नहीं है.

स्वास्थ्य कर्मी भी पहुंचते हैं देर से: शहर के रविशंकर शुक्ल नगर निवासी संजय अपनी बूढ़ी मां का वैक्सीनेशन कराने पुस्तकालय भवन पहुंचे थे. संजय कहते हैं कि पुस्तकालय भवन में स्थाई वैक्सीनेशन सेंटर है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है. मैं सुबह अपनी मां का वैक्सीनेशन कराने यहां पहुंचा हूं. लेकिन यहां वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी देर से पहुंचे. हमें 1 घंटे इंतजार करना पड़ा. सेंटर में ना बिजली है ना पानी. सफाई व्यवस्था का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. यहां पहुंचने वाले लोगों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का 40 % बिजली बिल कोरबा में बाकी, अकेले नगर निगम के पास 5 करोड़ का बकाया

8.67 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन : कोरबा जिले की जनसंख्या 14 लाख है. इसमें से 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में से 8.67 लाख लोगों को कोरोना का पहला टीका लग चुका है. जबकि 6.62 लाख लोगों को दोनों डोज दिया जा चुका है. कोरोना वैक्सीनेशन का काम अभी लगातार जारी है. जिन्होंने दूसरा डोज नहीं लिया है, उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है.

लाइब्रेरी में बत्ती गुल होने के मुद्दे पर इन बयानों से समझिए कितने संजीदा हैं जिम्मेदार

1. जानकारी लेकर ही कुछ बता पाऊंगा: इस विषय में जब ईटीवी भारत ने कोरबा के मेयर राज किशोर प्रसाद को जानकारी दी और बताया कि लाइब्रेरी में बिजली नहीं है. लोग परेशान हो गए हैं. तब उनका कहना है कि इस बात की मुझे कोई जानकारी नहीं है. जानकारी देने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा. पुस्तकालय नगर निगम का है, यह लेकिन यह वैक्सीनेशन सेंटर का संचालन स्वास्थ विभाग द्वारा किया जाता है. इसमें निगम का कोई रोल नहीं है. वैक्सीनेशन स्वास्थ विभाग का काम है. फिर भी इस विषय में जानकारी देने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा.

2. बिल बकाया होने से काटी है बिजली : विद्युत विभाग के पाड़ीमार जोन के सहायक अभियंता आर बिसेन ने बताया कि पुस्तकालय का बिजली बिल बकाया था. उन्होंने इस मामले में संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया था. बिजली बिल नहीं चुकाये जाने की वजह से कर्मचारियों ने बिजली काटी है.

3. 1 साल पहले काम पूरा किया, ना अनुमति मिली ना भुगतान : यहां काम करने वाले ठेकेदार नंदकिशोर अग्रवाल ने बताया कि लाइब्रेरी का काम हमने 1 साल पहले ही समाप्त कर दिया है. आगे और भी कुछ काम करना था, लेकिन इसकी अनुमति हमें आज पर्यंत तक नहीं मिली है.काम के एवज में जो भुगतान मुझे किया जाना चाहिए था, वह भी मुझे निगम से नहीं मिला है. काम बंद जिसके कारण मेरा भार बढ़ गया. बिजली विभाग से टेंपरेरी कनेक्शन लिया था. बिजली, चौकीदार सब खर्च मिलाकर इसका करीब एक लाख का बिल मेरे नाम पर भेजा गया है. जिसे चुकता करने में असमर्थ हूं. मैंने उच्च अधिकारी और बिजली विभाग को भी सूचना दे दी है. अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया इसलिए बिजली कट गई है. मेरा काम खत्म हो गया है. लेकिन पैसे नहीं मिले इससे मैं खुद ही परेशान हूं.

कोरबा: कोरबा शहर में तहसील कार्यालय के पास डिंगागापुर में बने निगम के नए पुस्तकालय की बिजली 3 महीने से विद्युत विभाग ने काट दी है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग और निगम ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पुस्कालय को स्थाई केंद्र बनाया था. पुस्तकालय का संचालन शुरू नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना वैक्सीन लगवाने लोग हर दिन यहां पहुंचते हैं. ये लोग वैक्सीनेशन के दौरान प्रचंड गर्मी का सामना करते हैं. वैक्सीनेशन ड्यूटी में तैनात कर्मचारी भी व्यवस्था से परेशान हैं. उनका कहना है कि वैक्सीनेशन के लिए यहां पहुंचने वाले लोग उन्हें खरी-खोटी सुनाते हैं जबकि उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है.

निगम पुस्तकालय की बत्ती तीन माह से गुल

स्थाई केंद्र में लगातार जारी है वैक्सीनेशन : कोरबा नगर निगम के पुस्तकालय को स्थाई वैक्सीनेशन केंद्र बनाया गया है. इस भवन में फिलहाल लाइब्रेरी की शुरुआत नहीं हुई है, इसलिए इस भवन का उपयोग वैक्सीनेशन केंद्र के तौर पर किया जा रहा है. शहर में होने की वजह से यह केंद्र सभी की पहुंच में भी है. पिछले 3 महीने से बिजली नहीं होने से लोग यहां आ तो रहे हैं, लेकिन वह परेशान हो रहे हैं. स्वास्थ विभाग के कर्मचारी कुछ बोल नहीं रहे, लेकिन दबी जुबान उन्होंने बताया कि इस अव्यवस्था की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. अब यहां तैनात कर्मचारी भी बिना बिजली पानी के सेवा देने के लिए मजबूर हैं. बिजली नहीं होने के कारण मोटर पंप नहीं चल पा रहा है. लिहाजा यहां पानी का भी बंदोबस्त नहीं है.

स्वास्थ्य कर्मी भी पहुंचते हैं देर से: शहर के रविशंकर शुक्ल नगर निवासी संजय अपनी बूढ़ी मां का वैक्सीनेशन कराने पुस्तकालय भवन पहुंचे थे. संजय कहते हैं कि पुस्तकालय भवन में स्थाई वैक्सीनेशन सेंटर है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है. मैं सुबह अपनी मां का वैक्सीनेशन कराने यहां पहुंचा हूं. लेकिन यहां वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी देर से पहुंचे. हमें 1 घंटे इंतजार करना पड़ा. सेंटर में ना बिजली है ना पानी. सफाई व्यवस्था का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. यहां पहुंचने वाले लोगों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का 40 % बिजली बिल कोरबा में बाकी, अकेले नगर निगम के पास 5 करोड़ का बकाया

8.67 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन : कोरबा जिले की जनसंख्या 14 लाख है. इसमें से 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में से 8.67 लाख लोगों को कोरोना का पहला टीका लग चुका है. जबकि 6.62 लाख लोगों को दोनों डोज दिया जा चुका है. कोरोना वैक्सीनेशन का काम अभी लगातार जारी है. जिन्होंने दूसरा डोज नहीं लिया है, उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है.

लाइब्रेरी में बत्ती गुल होने के मुद्दे पर इन बयानों से समझिए कितने संजीदा हैं जिम्मेदार

1. जानकारी लेकर ही कुछ बता पाऊंगा: इस विषय में जब ईटीवी भारत ने कोरबा के मेयर राज किशोर प्रसाद को जानकारी दी और बताया कि लाइब्रेरी में बिजली नहीं है. लोग परेशान हो गए हैं. तब उनका कहना है कि इस बात की मुझे कोई जानकारी नहीं है. जानकारी देने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा. पुस्तकालय नगर निगम का है, यह लेकिन यह वैक्सीनेशन सेंटर का संचालन स्वास्थ विभाग द्वारा किया जाता है. इसमें निगम का कोई रोल नहीं है. वैक्सीनेशन स्वास्थ विभाग का काम है. फिर भी इस विषय में जानकारी देने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा.

2. बिल बकाया होने से काटी है बिजली : विद्युत विभाग के पाड़ीमार जोन के सहायक अभियंता आर बिसेन ने बताया कि पुस्तकालय का बिजली बिल बकाया था. उन्होंने इस मामले में संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया था. बिजली बिल नहीं चुकाये जाने की वजह से कर्मचारियों ने बिजली काटी है.

3. 1 साल पहले काम पूरा किया, ना अनुमति मिली ना भुगतान : यहां काम करने वाले ठेकेदार नंदकिशोर अग्रवाल ने बताया कि लाइब्रेरी का काम हमने 1 साल पहले ही समाप्त कर दिया है. आगे और भी कुछ काम करना था, लेकिन इसकी अनुमति हमें आज पर्यंत तक नहीं मिली है.काम के एवज में जो भुगतान मुझे किया जाना चाहिए था, वह भी मुझे निगम से नहीं मिला है. काम बंद जिसके कारण मेरा भार बढ़ गया. बिजली विभाग से टेंपरेरी कनेक्शन लिया था. बिजली, चौकीदार सब खर्च मिलाकर इसका करीब एक लाख का बिल मेरे नाम पर भेजा गया है. जिसे चुकता करने में असमर्थ हूं. मैंने उच्च अधिकारी और बिजली विभाग को भी सूचना दे दी है. अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया इसलिए बिजली कट गई है. मेरा काम खत्म हो गया है. लेकिन पैसे नहीं मिले इससे मैं खुद ही परेशान हूं.

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