कोरबा: कोरबा कलेक्टर ने जिले में अल्प वर्षा, खंड वर्षा और अवर्षा की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने तहसील दर्री के स्याहीमुड़ी और तहसील पोड़ी उपरोड़ा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया. विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के तानाखार और कोरबी गांव में किसानों के खेतों में फसलों की स्थिति का जायजा लिया.
वैकल्पिक उपाय पर किसानों से चर्चा: कम वर्षा के कारण प्रभावित फसल की पूर्ति के लिए वैकल्पिक रूप में कुल्थी, रामतिल, उड़द, तोरिया आदि फसल लेने के लिए किसानों से कलेक्टर ने चर्चा की. कलेक्टर ने वैकल्पिक फसल लेने के लिए गांवों में किसानों की बैठक आयोजित करने व किसानों को वैकल्पिक फसलों के बीज आदि प्रदान करने के निर्देश उपसंचालक कृषि को दिए. तानाखार में किसानों ने कलेक्टर झा को बताया कि "खंड वर्षा और कम बारिश के कारण रोपा और बोता विधि से लगाए गए धान के फसल प्रभावित हो रहे हैं." कलेक्टर ने किसानों के खेतों में जाकर फसलों की स्थिति का जायजा लिया.
किसानों ने लिफ्ट इरिगेशन की मांग की: कोरबा के कुछ किसानों ने गांव में ही हसदेव नदी पर बने लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पानी आपूर्ति करने की मांग की. किसानों ने लिफ्ट इरिगेशन में आवश्यक क्षमता के पम्प लगाकर और पाइप के माध्यम से खेतों तक पहुंचाने की मांग कलेक्टर से की. कलेक्टर ने किसानों की मांग को संज्ञान में लेते हुए लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम से पंप और पाइप लगाकर खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश उप संचालक कृषि और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए हैं. हालांकि यह मांग क्षेत्र के लिए काफी पुरानी है, जिस पर अब तक कोई काम नहीं हो सका है. इस कार्य के पूर्ण रूप से संचालित होने से लगभग 200-250 एकड़ में सिंचाई हो सकेगी. इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कंवर, एसडीएम पोंडी उपरोड़ा नंदजी पांडे, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला सहित राजस्व एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.
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राजस्व मंत्री ने भी कलेक्टरों को लिखा है पत्र: बता दें कि प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी हाल ही में सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है जिसमें सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद कलेक्टर संजीव झा ने कोरबा जिले में वर्तमान मानसून सीजन के दौरान कम वर्षा, खण्ड वर्षा और अवर्षा के कारण प्रभावित हो रहे खरीफ फसल के आंकलन के लिए जिले में विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं. उन्होंने राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का एक सप्ताह के भीतर सर्वे करने के निर्देश दिये है.