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कोरबा के बच्चे अब दुबई में दिखाएंगे अपना जलवा !

कोरबा के बच्चों ने अखिल भारतीय सांस्कृतिक मंच पुणे के माध्यम से आयोजित प्रतियोगिता में 11 पुरस्कार जीते (Korba Children won All India Cultural Forum in Pune) हैं. अब ये बच्चे दुबई में जाकर राष्ट्रीय स्तर पर कोरबा का नाम रौशन करेंगे.

korba children won
कोरबा के बच्चों ने किया फतह
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Published : Jun 7, 2022, 10:29 PM IST

कोरबा: अखिल भारतीय सांस्कृतिक मंच पुणे के माध्यम से आयोजित प्रतियोगिता में कोरबा के बच्चों ने 11 पुरस्कार जीते (Korba Children won All India Cultural Forum in Pune) हैं. कथक और तबला वादन जैसे पारंपरिक विधाओं में इनाम जीत कर बच्चे हाल ही में लौटे हैं. यह आयोजन यूनेस्को की सहायक संस्था ने कराया था. अब सभी विजेता बच्चे आगे की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने दुबई जाएंगे. बालको के मोरध्वज वैष्णव इन सभी बच्चों के मेंटर हैं, जिनका कहना है कि प्रतियोगिता में 28 राज्यों से 1200 प्रतियोगी हिस्सा लेने आए थे. जहां हमारे बच्चों ने प्रथम इनाम जीता है. यह बड़े गर्व की बात है. कोरबा के साथ ही प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन हुआ है.

ऊर्जाधानी के बच्चे दुबई में करेंगे परफॉर्म

सोचा नहीं था मिलेगा पहला इनाम : इस विषय में कथक नृत्यांगना प्रीति चंद्रा ने बताया कि "यह आयोजन पुणे में हुआ था. जहां देशभर के प्रतियोगी हिस्सा लेने आए थे. आयोजन बेहद भव्य था, जो कि 10 दिनों तक चला. जिनके द्वारा यह प्रतियोगिता कराई गई थी. वह यूनेस्को की सहायक संस्थाएं हैं. इसलिए यह हमारे लिए खास अवसर था कि हमें इतना बड़ा मंच मिला. सीनियर वर्ग में जब मुझे पहला इनाम मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. मैंने और मेरे गुरु ने कभी नहीं सोचा था कि हमें पहला पुरस्कार मिलेगा. क्योंकि सीनियर वर्ग में दूसरा, तीसरा और चौथा इनाम नहीं दिया गया है. इसमें केवल विनर घोषित किया गया था. खासतौर पर सीनियर वर्ग में देश भर से आए प्रतियोगिताओं के बीच प्रथम पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बेहद खास रहा. कोशिश करूंगी कि दुबई में भी और बेहतर प्रदर्शन करूं".



बड़ी प्रतियोगिताओं का माहौल अलग: जिले के तबला वादक अद्वैत फिलहाल स्कूल में हैं. अद्वैत ने अपने वर्ग में तबला वादन में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. अद्वैत कहते हैं कि "बड़ी प्रतियोगिताओं का माहौल अलग होता है. लेकिन हम जैसे छोटे शहर के बच्चे भी वहां परफॉर्म कर सकते हैं. हमें यह विश्वास दिलाया गया, मुझे तबला वादन में पुरस्कार मिला. अब दुबई में भी अच्छा परफॉर्मेंस देना है". केंद्रीय विद्यालय में पढ़ रही नन्हीं इशिता कश्यप ने भी अपने जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है. इशिता ने बताया कि "पुणे में जहां हमने परफॉर्म किया. यहां स्टेज काफी बड़ा था. परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद जजेस ने खूब तारीफ की. कहा कि आपने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस दिया है".

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: शिक्षकों की हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी, छात्र बने गुरुजी

सालों की मेहनत रंग लाई : संगीत और डांस एकेडमी का संचालन करने वाले मोरध्वज वैष्णव बीते दो दशक से बच्चों को कथक और तबला सिखा रहे हैं. वैष्णव कहते हैं कि "पुणे में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए हमें निमंत्रण मिला था. जहां हमने अपने बच्चों को भेजा था.अलग-अलग विधाओं में हमारे 11 बच्चों ने पुरस्कार जीते हैं. यह हमारे लिए बेहद गर्व का विषय है. इस प्रतियोगिता में देश भर से लोग आए थे. 28 राज्यों से 1200 प्रतियोगियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. हमारे बच्चों ने वहां शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला और राज्य का नाम रोशन किया है. उम्मीद है कि दुबई में भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे, जिसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाला है. लगभग 7 से 8 देशों के वहां पहुंचने की संभावना है, जो कि अगस्त महीने में आयोजित होगा".

टैलेंट की नहीं है कोई कमी :कोरबा जैसे जिले से जाकर पुणे में अपनी छाप छोड़ने के बाद बच्चे बेहद उत्साहित हैं. बच्चों ने यह भी कहा कि उन्हें और भी बेहतर मंच मिले तो वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे. छोटे शहरों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो उस टैलेंट को सही मार्गदर्शन की.

कोरबा: अखिल भारतीय सांस्कृतिक मंच पुणे के माध्यम से आयोजित प्रतियोगिता में कोरबा के बच्चों ने 11 पुरस्कार जीते (Korba Children won All India Cultural Forum in Pune) हैं. कथक और तबला वादन जैसे पारंपरिक विधाओं में इनाम जीत कर बच्चे हाल ही में लौटे हैं. यह आयोजन यूनेस्को की सहायक संस्था ने कराया था. अब सभी विजेता बच्चे आगे की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने दुबई जाएंगे. बालको के मोरध्वज वैष्णव इन सभी बच्चों के मेंटर हैं, जिनका कहना है कि प्रतियोगिता में 28 राज्यों से 1200 प्रतियोगी हिस्सा लेने आए थे. जहां हमारे बच्चों ने प्रथम इनाम जीता है. यह बड़े गर्व की बात है. कोरबा के साथ ही प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन हुआ है.

ऊर्जाधानी के बच्चे दुबई में करेंगे परफॉर्म

सोचा नहीं था मिलेगा पहला इनाम : इस विषय में कथक नृत्यांगना प्रीति चंद्रा ने बताया कि "यह आयोजन पुणे में हुआ था. जहां देशभर के प्रतियोगी हिस्सा लेने आए थे. आयोजन बेहद भव्य था, जो कि 10 दिनों तक चला. जिनके द्वारा यह प्रतियोगिता कराई गई थी. वह यूनेस्को की सहायक संस्थाएं हैं. इसलिए यह हमारे लिए खास अवसर था कि हमें इतना बड़ा मंच मिला. सीनियर वर्ग में जब मुझे पहला इनाम मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. मैंने और मेरे गुरु ने कभी नहीं सोचा था कि हमें पहला पुरस्कार मिलेगा. क्योंकि सीनियर वर्ग में दूसरा, तीसरा और चौथा इनाम नहीं दिया गया है. इसमें केवल विनर घोषित किया गया था. खासतौर पर सीनियर वर्ग में देश भर से आए प्रतियोगिताओं के बीच प्रथम पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बेहद खास रहा. कोशिश करूंगी कि दुबई में भी और बेहतर प्रदर्शन करूं".



बड़ी प्रतियोगिताओं का माहौल अलग: जिले के तबला वादक अद्वैत फिलहाल स्कूल में हैं. अद्वैत ने अपने वर्ग में तबला वादन में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. अद्वैत कहते हैं कि "बड़ी प्रतियोगिताओं का माहौल अलग होता है. लेकिन हम जैसे छोटे शहर के बच्चे भी वहां परफॉर्म कर सकते हैं. हमें यह विश्वास दिलाया गया, मुझे तबला वादन में पुरस्कार मिला. अब दुबई में भी अच्छा परफॉर्मेंस देना है". केंद्रीय विद्यालय में पढ़ रही नन्हीं इशिता कश्यप ने भी अपने जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है. इशिता ने बताया कि "पुणे में जहां हमने परफॉर्म किया. यहां स्टेज काफी बड़ा था. परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद जजेस ने खूब तारीफ की. कहा कि आपने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस दिया है".

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सालों की मेहनत रंग लाई : संगीत और डांस एकेडमी का संचालन करने वाले मोरध्वज वैष्णव बीते दो दशक से बच्चों को कथक और तबला सिखा रहे हैं. वैष्णव कहते हैं कि "पुणे में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए हमें निमंत्रण मिला था. जहां हमने अपने बच्चों को भेजा था.अलग-अलग विधाओं में हमारे 11 बच्चों ने पुरस्कार जीते हैं. यह हमारे लिए बेहद गर्व का विषय है. इस प्रतियोगिता में देश भर से लोग आए थे. 28 राज्यों से 1200 प्रतियोगियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. हमारे बच्चों ने वहां शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला और राज्य का नाम रोशन किया है. उम्मीद है कि दुबई में भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे, जिसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाला है. लगभग 7 से 8 देशों के वहां पहुंचने की संभावना है, जो कि अगस्त महीने में आयोजित होगा".

टैलेंट की नहीं है कोई कमी :कोरबा जैसे जिले से जाकर पुणे में अपनी छाप छोड़ने के बाद बच्चे बेहद उत्साहित हैं. बच्चों ने यह भी कहा कि उन्हें और भी बेहतर मंच मिले तो वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे. छोटे शहरों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो उस टैलेंट को सही मार्गदर्शन की.

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