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कोरबा: इस पार्किंग में पैसा देने वाले लोग हैं नाखुश, खाली ठेकेदार भर रहे अपना पेट - कड़ी धूप में खड़े रहते हैं वाहन

दो साल पहले रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड में अचानक आग लग गई थी. दोपहर 12 बजे के करीब ये घटना हुई थी, जिसमें 250 से ज्यादा गाड़ियां जलकर खाक हो गईं थी. इसी तरह की स्थिति कोरबा रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड की है.

पार्किंग में खड़ी गाड़ियां
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Published : Apr 24, 2019, 9:06 PM IST

कोरबा: जिले के रेलवे स्टेशन पर रोजाना सैकड़ों यात्री अपनी गाड़ी पार्क करते हैं. इन गाड़ियों की सुरक्षा और उचित स्थान व्यवस्था के लिए पार्किंग एरिया बनाया गया है. इस पार्किंग में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पर्याप्त जगह है, इसके बावजूद यहां की व्यवस्था इतनी बदहाल है कि वाहन कड़ी धूप के नीचे यूं ही पड़े रहते हैं, जिनमें किसी दिन आग लग जाए तो पूरा एरिया खाक में बदल जाएगा.

वीडियो.


हर साल पार्किंग के ठेकेदार 80 लाख रुपए रेलवे को देते हैं. इससे साफ जाहिर है कि इन पार्किंग ठेकेदारों की करोड़ों की कमाई हो रही है. ये करोड़ रुपए जो कमाए जा रहे हैं ये लोगों की जेब से ही इन्हें मिलते हैं. यात्री पार्किंग के पैसे अपनी गाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देते हैं, लेकिन जनता के पैसों से ठेकेदार और रेलवे सिर्फ अपना पेट भर रहा है.


पैसे देने के बाद भी खुश नहीं लोग
चिलचिलाती गर्मी में वाहनों में कब आग लग जाए और वो कब विकराल रूप ले-ले कुछ कहा नहीं जा सकता. आम लोगों का भी साफ कहना है कि हम रोज गाड़ियों के लिए पार्किंग में पैसे देते हैं, लेकिन व्यवस्था से खुश नहीं हैं. यात्रियों का कहना है कि इतनी तेज धूप में कभी भी आग लगने का डर बना रहता है.


दो साल पहले हो चुका है हादसा
बता दें, ठीक दो साल पहले रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड में अचानक आग लग गई थी. दोपहर 12 बजे के करीब ये घटना हुई थी, जिसमें 250 से ज्यादा गाड़ियां जलकर खाक हो गईं थी. इसी तरह की स्थिति कोरबा रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड की है. पार्किंग के आस-पास सफाई बिल्कुल भी नहीं है.

कोरबा: जिले के रेलवे स्टेशन पर रोजाना सैकड़ों यात्री अपनी गाड़ी पार्क करते हैं. इन गाड़ियों की सुरक्षा और उचित स्थान व्यवस्था के लिए पार्किंग एरिया बनाया गया है. इस पार्किंग में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पर्याप्त जगह है, इसके बावजूद यहां की व्यवस्था इतनी बदहाल है कि वाहन कड़ी धूप के नीचे यूं ही पड़े रहते हैं, जिनमें किसी दिन आग लग जाए तो पूरा एरिया खाक में बदल जाएगा.

वीडियो.


हर साल पार्किंग के ठेकेदार 80 लाख रुपए रेलवे को देते हैं. इससे साफ जाहिर है कि इन पार्किंग ठेकेदारों की करोड़ों की कमाई हो रही है. ये करोड़ रुपए जो कमाए जा रहे हैं ये लोगों की जेब से ही इन्हें मिलते हैं. यात्री पार्किंग के पैसे अपनी गाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देते हैं, लेकिन जनता के पैसों से ठेकेदार और रेलवे सिर्फ अपना पेट भर रहा है.


पैसे देने के बाद भी खुश नहीं लोग
चिलचिलाती गर्मी में वाहनों में कब आग लग जाए और वो कब विकराल रूप ले-ले कुछ कहा नहीं जा सकता. आम लोगों का भी साफ कहना है कि हम रोज गाड़ियों के लिए पार्किंग में पैसे देते हैं, लेकिन व्यवस्था से खुश नहीं हैं. यात्रियों का कहना है कि इतनी तेज धूप में कभी भी आग लगने का डर बना रहता है.


दो साल पहले हो चुका है हादसा
बता दें, ठीक दो साल पहले रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड में अचानक आग लग गई थी. दोपहर 12 बजे के करीब ये घटना हुई थी, जिसमें 250 से ज्यादा गाड़ियां जलकर खाक हो गईं थी. इसी तरह की स्थिति कोरबा रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड की है. पार्किंग के आस-पास सफाई बिल्कुल भी नहीं है.

Intro:रेलवे स्टेशन पर बने पार्किंग स्टैंड का नज़ारा बेहद खौफनाक है। 40 डिग्री के ऊपर तापमान है और गाड़ियां खुले धूप के नीचे खड़ी हैं। पेट्रोल की बर्बादी के साथ साथ बड़े हादसे को भी यह निमंत्रण दे रहा है।


Body:कोरबा रेलवे स्टेशन पर रोजाना सैंकड़ों यात्री अपनी गाड़ी पार्क करते हैं। इन गाड़ियों की सुरक्षा और उचित स्थान व्यवस्था के लिए पार्किंग एरिया बनाया गया है। इस पार्किंग में दुपहिया और चारपहिया के लिए पर्याप्त जगह है। हर वर्ष पार्किंग के ठेकेदार 80 लाख रेलवे को देते हैं। इससे साफ जाहिर है कि इन पार्किंग ठेकेदारों को करोड़ों की कमाई हो रही है। ये करोड़ों के रुपए पार्किंग में अपनी गाड़ी पार्क कर रहे दैनिक यात्रियों की जेब का है। यात्री पार्किंग के पैसे अपनी गाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देते हैं। लेकिन जनता के पैसों से ठेकेदार और रेलवे सिर्फ अपना पेट भर रहा है। इतनी चिलचिलाती गर्मी में तेज धूप के नीचे सैंकड़ों पेट्रोल की गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इस तेज़ धूप में कब आग लग जाए और विक्राल रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। आम लोगों का भी साफ कहना है कि हम रोज़ गाड़ियों के लिए पार्किंग में पैसे देते हैं लेकिन हम व्यवस्था से खुश नहीं है। यात्रियों का कहना है कि इतनी तेज धूप में कभी भी आग लगने का डर बना रहता है।
आपको बता दें, ठीक 2 साल पहले रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्टैंड में अचानक आग लग गई थी। दोपहर 12 बजे के करीब यह घटना हुई थी जिसमें 250 से ज़्यादा गाड़ियां जल कर खाक हो गई थी। इसी तरह की स्थिति कोरबा रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड की है। पार्किंग के आस पास सफाई भी बिल्कुल नहीं है।

बाइट- शोएब अहमद(बिना चश्मे वाला)
बाइट- मनोहर वर्मा(चश्मे वाले)


Conclusion:
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