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कोरबा: सुरक्षा के अभाव में भी निभा रही जिम्मेदारी, ये मितानिन हैं असली हीरो - बिना मास्क के काम कर रही मितानिन

कोरबा में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू किया है. इस काम के लिए मितानिनों और ANM की मदद ली जा रही है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज इनके लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. मितानिन बिना मास्क के ही स्कॉर्फ लगाकर ही गांव-गांव जाकर अपनी जिम्मेदारी निभाने मजबूर हैं.

mitanin job in corona lockdown korba
मितानिनों को स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा सुरक्षा
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Published : Mar 29, 2020, 12:15 PM IST

Updated : Mar 29, 2020, 1:01 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार की तरफ से पूरी तैयारी है. वहीं प्रदेश के सभी जिलों में इसके लिए प्रशासन सतर्क है. कोरबा में इसे फैलने से रोकने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू किया है. इस काम के लिए मितानिनों और ANM की मदद ली जा रही है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं.

मितानिनों को स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा सुरक्षा

रामपुर विधानसभा में कोरबा ब्लॉक के रजगामार ग्राम पंचायत के डीपरा पारा वार्ड नंबर-11 में मुंह में मितानिन स्कॉर्फ बांध कर ही सर्वे करने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन कार्यकर्ताओं को कोरोना वायरस के बचाव के लिए एक मास्क भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन मामूली मानदेय पर काम करने वाली इन मितानिनों ने बताया कि वे घर-घर जाकर इस बात का पता लगा रही हैं कि घर पर कोई सदस्य विदेश या दूसरे राज्य से आया तो नहीं है, किसी को सर्दी बुखार या बीपी, शुगर तो नहीं है.

एक तरफ जहां शासन-प्रशासन बचाव के लिए संसाधन होने के लाख दावे कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के किसी छोटे से कोने की ये तस्वीर इन लोगों की अलग ही कहानी बयां कर रहीं. अपनी जान की परवाह किए बिना ये महिलाएं अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभा रहीं हैं. ये गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक तो जरूर कर रहीं हैं, लेकिन खुद के बचाव के लिए इनके पास कोई साधन नहीं हैं.

कोरबा: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार की तरफ से पूरी तैयारी है. वहीं प्रदेश के सभी जिलों में इसके लिए प्रशासन सतर्क है. कोरबा में इसे फैलने से रोकने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू किया है. इस काम के लिए मितानिनों और ANM की मदद ली जा रही है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं.

मितानिनों को स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा सुरक्षा

रामपुर विधानसभा में कोरबा ब्लॉक के रजगामार ग्राम पंचायत के डीपरा पारा वार्ड नंबर-11 में मुंह में मितानिन स्कॉर्फ बांध कर ही सर्वे करने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन कार्यकर्ताओं को कोरोना वायरस के बचाव के लिए एक मास्क भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन मामूली मानदेय पर काम करने वाली इन मितानिनों ने बताया कि वे घर-घर जाकर इस बात का पता लगा रही हैं कि घर पर कोई सदस्य विदेश या दूसरे राज्य से आया तो नहीं है, किसी को सर्दी बुखार या बीपी, शुगर तो नहीं है.

एक तरफ जहां शासन-प्रशासन बचाव के लिए संसाधन होने के लाख दावे कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के किसी छोटे से कोने की ये तस्वीर इन लोगों की अलग ही कहानी बयां कर रहीं. अपनी जान की परवाह किए बिना ये महिलाएं अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभा रहीं हैं. ये गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक तो जरूर कर रहीं हैं, लेकिन खुद के बचाव के लिए इनके पास कोई साधन नहीं हैं.

Last Updated : Mar 29, 2020, 1:01 PM IST
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