जिले के पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता समीर के गौर ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत अब जिले में स्थापित सभी जल स्त्रोत के साधनों पर कार्यालय से बैठे बैठे नजर रखी जाएगी. इस योजना से जल स्त्रोत के साधन जैसे हैंड पंप और नल जल योजना के तहत बनाई गई पानी टंकियों पर नजर रखी जा सकेगी. इसके अलावा इन जल स्त्रोत के साधनों का रखरखाव और किसी नई योजना के लिए जगह तलाशने और हैंडपंप के लिए खनन में भी सुविधा होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
जल स्त्रोत के साधनों को मोबाइल ट्रैकिंग से जोड़ने के लिए अधिकारियों को फील्ड पर जाकर चिन्ह लगाना होगा, इसके बाद इनका डाटा ऐप में अपलोड किया जाएगा. ऐप में डाटा अपलोड होते ही अधिकारियों को सारी जानकारी घर बैठे मिल जाएगी.
पीएचई विभाग ने बताया कि इससे सबसे बड़ी सुविधा यह होगी कि किसी भी परेशानी या योजना के लिए बार-बार फील्ड पर नहीं जाना होगा. अगर किसी हैंडपंप की समस्या है या कहीं नया हैंडपंप लगाना है या कोई अन्य जल स्त्रोत के साधन के लिए जमीन तलाशनी है, उसकी जानकारी इस ऐप के जरिए मिल जाएगी. इससे विभाग की कार्यशैली में तेजी आएगी.
हैंडपंप की चोरी पर भी रखी जा सकेगी नजर
विभाग ने बताया कि इस योजना से हैंडपंप की चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी और अन्य जल स्त्रोत के साधनों से हो रही छेड़छाड़ पर भी नजर रखी जा सकेगी.