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घर-घर विराजेंगे विघ्नहर्ता, बाजारों में छोटी मूर्तियों की डिमांड हाई - बाजारों में छोटी मूर्तियों की डिमांड हाई

छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में शुक्रवार को गणेशोत्सव मनाया जाएगा. इससे पहले लोग बाजारों में गणेश की मूर्ति खरीदने के लिए काफी भीड़ देखी गई. जहां लोग छोटी प्रतिमा खरीद रहे थे.

गणेश की मूर्ति
गणेश की मूर्ति
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Published : Sep 9, 2021, 10:21 PM IST

कोरबा: प्रथम पूज्य भगवान गणपति का उत्सव गणेश चतुर्थी को शुरू हो रहा है. अनंत चतुर्दशी तक विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके लिए कोरबा में तैयारी की जा रही है. उत्सव से पहले गणेश प्रतिमाओं को लेने के लिए लोग काफी उत्साहित दिखे.

कोरबा में गणेशोत्सव को लेकर जरूरी तैयारी
कोरबा शहर के साथ-साथ उपनगरी क्षेत्रों और अंचल में जरूरी तैयारियां की जा रही हैं. उत्सव से ठीक पहले विभिन्न क्षेत्रों में भगवान की प्रतिमा को लेने के लिए लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई. वहीं महाराष्ट्रीयन समाज से संबंधित प्रमोद पटवर्धन ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक ने अपने समय में इस उत्सव को विस्तार देने का काम किया था. वर्तमान में देश और दुनिया में इस उत्सव की धूम है.

कई कारणों से गणेशोत्सव को लेकर इस बार नियम शर्ते तैयार की गई हैं. लोगों को आस्था के साथ-साथ गाइडलाइंस का पालन करने के बारे में भी गंभीरता दिखानी चाहिए. गणेश की पूजा-अर्चना करने के साथ लोग अपने आप को धर्म और संस्कृति से जुड़ेंगे. इस पर्व को पूरी गरिमा के साथ मनाया जाए. इसका ध्यान आयोजन समितियों के साथ-साथ लोगों को रखना होगा.

लोगों ने बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण कई प्रकार की दिक्कतें सामने आई थी. इस बार परिस्थितियां कुछ और है. लेकिन हमें अभी भी संभल कर रहना होगा. इन्हीं कारणों से सार्वजनिक आयोजन के बजाय लोग अपने घरों पर ही भगवान की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करें.

गणेशोत्सव की परंपरा वर्षों नहीं बल्कि सदियों पुरानी है. चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक इस उत्सव को मनाने के साथ अलग-अलग आयाम स्थापित किए जाते हैं. इस पर्व के माध्यम से देश की संस्कृति और परंपरा की जड़ों को मजबूती देने का काम किया जाता है. वहीं धर्म संस्कृति और कला से संबंधित प्रतिभाओं को अपना कौशल दिखाने का अवसर भी प्राप्त होता है.

कोरबा: प्रथम पूज्य भगवान गणपति का उत्सव गणेश चतुर्थी को शुरू हो रहा है. अनंत चतुर्दशी तक विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके लिए कोरबा में तैयारी की जा रही है. उत्सव से पहले गणेश प्रतिमाओं को लेने के लिए लोग काफी उत्साहित दिखे.

कोरबा में गणेशोत्सव को लेकर जरूरी तैयारी
कोरबा शहर के साथ-साथ उपनगरी क्षेत्रों और अंचल में जरूरी तैयारियां की जा रही हैं. उत्सव से ठीक पहले विभिन्न क्षेत्रों में भगवान की प्रतिमा को लेने के लिए लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई. वहीं महाराष्ट्रीयन समाज से संबंधित प्रमोद पटवर्धन ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक ने अपने समय में इस उत्सव को विस्तार देने का काम किया था. वर्तमान में देश और दुनिया में इस उत्सव की धूम है.

कई कारणों से गणेशोत्सव को लेकर इस बार नियम शर्ते तैयार की गई हैं. लोगों को आस्था के साथ-साथ गाइडलाइंस का पालन करने के बारे में भी गंभीरता दिखानी चाहिए. गणेश की पूजा-अर्चना करने के साथ लोग अपने आप को धर्म और संस्कृति से जुड़ेंगे. इस पर्व को पूरी गरिमा के साथ मनाया जाए. इसका ध्यान आयोजन समितियों के साथ-साथ लोगों को रखना होगा.

लोगों ने बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण कई प्रकार की दिक्कतें सामने आई थी. इस बार परिस्थितियां कुछ और है. लेकिन हमें अभी भी संभल कर रहना होगा. इन्हीं कारणों से सार्वजनिक आयोजन के बजाय लोग अपने घरों पर ही भगवान की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करें.

गणेशोत्सव की परंपरा वर्षों नहीं बल्कि सदियों पुरानी है. चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक इस उत्सव को मनाने के साथ अलग-अलग आयाम स्थापित किए जाते हैं. इस पर्व के माध्यम से देश की संस्कृति और परंपरा की जड़ों को मजबूती देने का काम किया जाता है. वहीं धर्म संस्कृति और कला से संबंधित प्रतिभाओं को अपना कौशल दिखाने का अवसर भी प्राप्त होता है.

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