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Land scam Case in korba: जमीन घोटाला मामले में कलेक्टर के प्रतिवेदन पर कोतवाली थाने में F.I.R दर्ज

Land scam Case in korba: राष्ट्रीय राजमार्ग 149-B चांपा-कोरबा-छूरी-कटघोरा और हरदीबाजार तरदा सड़क के लिए भू-अर्जन से पहले एक बड़े जमीन घोटाला का खुलासा हुआ है. प्रतिवेदन के आधार पर शुक्रवार को कोतवाली में गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करा लेने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है.

Korba land scam
कोरबा जमीन स्कैम
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Published : Jan 21, 2022, 8:33 PM IST

कोरबा: राष्ट्रीय राजमार्ग 149-B चांपा-कोरबा-छूरी-कटघोरा और हरदीबाजार तरदा सड़क के लिए भू-अर्जन से पहले एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है. एक दिन पहले कलेक्टर रानू साहू (Collector Ranu Sahu) ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए एसपी को पत्र लिखा था. इसी प्रतिवेदन के आधार पर शुक्रवार को कोतवाली में गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करा लेने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है. कोतवाली पुलिस ने धारा 420, 120 बी के तहत जुर्म कायम किया है.

यह भी पढ़ें: हड़ताल पर जेडीएस के कर्मचारी: कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चरमराई व्यवस्था, मरीज परेशान

राजस्व मंत्री के गृह जिले में जमीन घोटाला, कांग्रेसी विधायकों ने की शिकायत

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के गृह जिले में जमीन संबंधित घोटाला का उजागर हुआ है. जिसमें शिकायतकर्ता और कोई नहीं बल्कि जिले के दो कांग्रेसी विधायक हैं. जिनकी शिकायत के आधार पर कोरबा कलेक्टर द्वारा एसपी कोरबा को जमीन घोटाले के मामले में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसकी शिकायत पालीतानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा और कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर सप्रमाण शिकायत किया था. कोरबा जिलाधीश रानू साहू इस मामले को गंभीरता से लिया और शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाने पर कोरबा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को निर्देशित भी किया है.

इस संवेदनशील मामले में पुलिस ने आरोपियों के नाम उजागर नहीं किये हैं. एफआईआर को केस सेंसेटिव की श्रेणी में रखा गया है. जबकि आमतौर पर जमीन जायदाद से जुड़े इस तरह के मामलों की रिपोर्ट सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध रहती है. केस सेंसेटिव की श्रेणी में केवल महिला संबंधित पहचान गोपनीय रखे जाने अपराधों को रखा जाता है, लेकिन मौजूदा मामले में कई राजनैतिक रसूख रखने वाले सफेदपोश लोगों के शामिल होने की संभावना है. जिसके कारण पुलिस और प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

इस तरह हुआ घोटाला, धीरे-धीरे खुलेंगी परतें

हरदीबाजार-तरदा बाईपास सड़क के भू-अर्जन मामलों में अनियमितता पर कड़ा रूख दिखाते हुए कलेक्टर ने दोषी भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र भेजा. कलेक्टर ने दूसरी कार्रवाई करते हुए चांपा-कोरबा-कटघोरा फोर लेन सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की जांच के निर्देश पुलिस अधीक्षक को दिए हैं.

कांग्रेस विधायकों ने अपने शिकायती पत्र में चांपा-कोरबा-छुरी-कटघोरा फोर लेन सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की गंभीर शिकायत की है. शिकायत में बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में कोरबा, दर्री व कटघोरा तहसील के 50 ग्रामों में 500-500 वर्ग मीटर से कम के टुकड़े कर जमीनों की खरीदी-बिक्री की गई है. इसके साथ ही ऐसी जमीन के टुकड़ों की रजिस्ट्री भी चौहद्दी निर्धारित किए बिना की गई है. इसके संबंध में जिला पंजीयक कोरबा द्वारा 50 गांवों में 200 से अधिक रजिस्ट्री होने की भी जानकारी दी गई है. इससे उन गांवों में जहां राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) प्रस्तावित है, वहां जमीनों के 500 वर्ग मीटर से कम टुकड़े होने से शासन को वित्तीय क्षति होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें: impact of news of ETV Bharat: फसल की कीमत पाने को किसान हो रहे थे वसूली के शिकार, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

एफआईआर दर्ज

इस संबंध में कोतवाली टीआई रामेंद्र सिंह ने बताया कि कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर फिलहाल हमने अपराध दर्ज कर लिया है. अब जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज जब्त किए जाएंगे. जिसके आधार पर एफआईआर में आरोपियों का नाम जोड़े जाएंगे. फिलहाल किसी को भी आरोपी नहीं बनाया गया है, जांच के बाद यह सारी चीजें स्पष्ट होंगी.

कोरबा: राष्ट्रीय राजमार्ग 149-B चांपा-कोरबा-छूरी-कटघोरा और हरदीबाजार तरदा सड़क के लिए भू-अर्जन से पहले एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है. एक दिन पहले कलेक्टर रानू साहू (Collector Ranu Sahu) ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए एसपी को पत्र लिखा था. इसी प्रतिवेदन के आधार पर शुक्रवार को कोतवाली में गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करा लेने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है. कोतवाली पुलिस ने धारा 420, 120 बी के तहत जुर्म कायम किया है.

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राजस्व मंत्री के गृह जिले में जमीन घोटाला, कांग्रेसी विधायकों ने की शिकायत

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के गृह जिले में जमीन संबंधित घोटाला का उजागर हुआ है. जिसमें शिकायतकर्ता और कोई नहीं बल्कि जिले के दो कांग्रेसी विधायक हैं. जिनकी शिकायत के आधार पर कोरबा कलेक्टर द्वारा एसपी कोरबा को जमीन घोटाले के मामले में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसकी शिकायत पालीतानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा और कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर सप्रमाण शिकायत किया था. कोरबा जिलाधीश रानू साहू इस मामले को गंभीरता से लिया और शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाने पर कोरबा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को निर्देशित भी किया है.

इस संवेदनशील मामले में पुलिस ने आरोपियों के नाम उजागर नहीं किये हैं. एफआईआर को केस सेंसेटिव की श्रेणी में रखा गया है. जबकि आमतौर पर जमीन जायदाद से जुड़े इस तरह के मामलों की रिपोर्ट सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध रहती है. केस सेंसेटिव की श्रेणी में केवल महिला संबंधित पहचान गोपनीय रखे जाने अपराधों को रखा जाता है, लेकिन मौजूदा मामले में कई राजनैतिक रसूख रखने वाले सफेदपोश लोगों के शामिल होने की संभावना है. जिसके कारण पुलिस और प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

इस तरह हुआ घोटाला, धीरे-धीरे खुलेंगी परतें

हरदीबाजार-तरदा बाईपास सड़क के भू-अर्जन मामलों में अनियमितता पर कड़ा रूख दिखाते हुए कलेक्टर ने दोषी भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र भेजा. कलेक्टर ने दूसरी कार्रवाई करते हुए चांपा-कोरबा-कटघोरा फोर लेन सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की जांच के निर्देश पुलिस अधीक्षक को दिए हैं.

कांग्रेस विधायकों ने अपने शिकायती पत्र में चांपा-कोरबा-छुरी-कटघोरा फोर लेन सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की गंभीर शिकायत की है. शिकायत में बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में कोरबा, दर्री व कटघोरा तहसील के 50 ग्रामों में 500-500 वर्ग मीटर से कम के टुकड़े कर जमीनों की खरीदी-बिक्री की गई है. इसके साथ ही ऐसी जमीन के टुकड़ों की रजिस्ट्री भी चौहद्दी निर्धारित किए बिना की गई है. इसके संबंध में जिला पंजीयक कोरबा द्वारा 50 गांवों में 200 से अधिक रजिस्ट्री होने की भी जानकारी दी गई है. इससे उन गांवों में जहां राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) प्रस्तावित है, वहां जमीनों के 500 वर्ग मीटर से कम टुकड़े होने से शासन को वित्तीय क्षति होने की संभावना है.

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एफआईआर दर्ज

इस संबंध में कोतवाली टीआई रामेंद्र सिंह ने बताया कि कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर फिलहाल हमने अपराध दर्ज कर लिया है. अब जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज जब्त किए जाएंगे. जिसके आधार पर एफआईआर में आरोपियों का नाम जोड़े जाएंगे. फिलहाल किसी को भी आरोपी नहीं बनाया गया है, जांच के बाद यह सारी चीजें स्पष्ट होंगी.

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