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EXCLUSIVE: ताबड़तोड़ एक्शन वाले आईजी ने कहा- 'हम जनता के सेवक हैं, राजा नहीं' - रतनलाल डांगी ने ETV भारत से की खास बात

अपने तेजतर्रार और बेबाक अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले IG रतनलाल डांगी ने ETV भारत से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने महिला सुरक्षा और पुलिसिंग के तरीकों से भी अवगत कराया.

IG Ratanlal Dangi
आईजी रतनलाल डांगी
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Published : Jan 11, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 2:34 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ के सीनियर और काबिल आईपीएस अफसरों में शुमार बिलासपुर रेंज के IG रतनलाल डांगी कोरबा जिले के प्रवास पर रहे. हाल ही में उन्हें बिलासपुर रेंज का आईजी बनाया गया है. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद वह अपने रेंज में आने वाले जिलों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताने के साथ ही सोशल मीडिया पर युवाओं को सही दिशा देने के लिए जो मुहिम छेड़ी है, उस पर भी बात की.

रतन लाल डांगी, आईजी, बिलासपुर रेंज

अपने तेजतर्रार और बेबाक अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले रतनलाल डांगी ने बताया कि जब-जब वे पुलिस अधिकारियों की मीटिंग लेते हैं, तब-तब उन्हें बताते हैं कि हमें जनता के टैक्स के पैसों से तनख्वाह मिलती है. हम उनके सेवक हैं, राजा नहीं. यह बात हमेशा दिमाग में होनी चाहिए.

सवाल : आपने सोशल मीडिया पर गाइड यूथ ग्रो नेशन (Guide the youth grow the nation) मुहिम छेड़ रखी है, इसके बारे में बताइए?

जवाब : गाइड यूथ ग्रो नेशन को एक मिशन के तौर पर शुरू किया गया था. जिस परिवार का यूथ सही दिशा में है, वह परिवार सदैव अच्छी दिशा में होता है. यदि देश को भी उन्नति करनी है तो यूथ को सही दिशा देनी होगी. जिस देश का युवा सही दिशा में कार्य कर रहा है. उसकी तरक्की निश्चित है. युवाओं को सही दिशा देने के लिए जितना कर सकता हूं, उतना करता हूं. खासतौर पर टीनएज में युवा यह डिसाइड नहीं कर पाते कि उन्हें किस दिशा में जाना है, इसलिए या तो आर्टिकल के माध्यम से या स्पीच के माध्यम से युवाओं को सही और गलत में फर्क की सीख दी जाती है.

पढ़ें: नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों की खैर नहीं , IG के निर्देश पर कार्रवाई तेज

सवाल: जैसे ही आपको बिलासपुर रेंज के IG की नई जिम्मेदारी मिली, आपने अपने नंबर के साथ एक संदेश शेयर किया, नशे के विरुद्ध आप काफी आक्रामक हैं?
जवाब : जब मैं सरगुजा रेंज में था, तब भी मैंने अपना मोबाइल नंबर शेयर किया था. सरकार ने हमें यह नंबर दिया ही इसलिए है, ताकि जरूरतमंद लोग हमसे संपर्क कर सकें. नशा समाज के लिए कैंसर है. इससे स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, अपराध भी बढ़ते हैं. नशे के कारण कई बार लोगों की संपत्ति चली जाती है. नशा अपराध की जड़ है. उस पर चोट करने की जरूरत है, इसलिए हमने यह संदेश शेयर किया है. नशे का करोबार करने वालों की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. ताकि सूचना देने वालों के ऊपर भी किसी तरह की आंच न आये. सरगुजा में हमें इसके बेहतर परिणाम मिले थे. लोगों के पास जो भी सूचना थी, उन्होंने हमसे साझा की और हमने पूरी ईमानदारी के साथ उस पर कार्रवाई की. यहां भी वही प्रयास करेंगे.

सवाल: आमतौर पर बड़े अधिकारी और नौकरशाह इतने सोशल नहीं होते, लेकिन आप बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. अपने आपको एक्सप्रेस करते हैं, क्या मकसद है इसके पीछे?

जवाब: जो ब्यूरोक्रेट्स होते हैं, वह समाज के लिए रोल मॉडल की तरह होते हैं. जब आप रोल मॉडल है तो लोग आपके जैसा बनना चाहेंगे. बच्चों के माता-पिता भी कहते हैं कि उनकी तरह बनो. जब तक हम उन लोगों के सामने नहीं आएंगे उन्हें बताएंगे नहीं कि हम किस तरह सफल हो पाए, तो हमारे ऐसा बनने का क्या फायदा. कई लोग ऐसे हैं जो लोग मेरे जैसा भी बनना चाहते हैं. मैं उनसे अपने स्ट्रगल अपने अनुभव साझा करता हूं. जब युवा हमें देखते हैं, तो उन्हें भी कॉन्फिडेंस आता है कि जब वह कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता. माता-पिता भी उन्हें कह सकते हैं कि जब उन्होंने विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए सफलता हासिल कर ली है, तो क्यों नहीं कर सकते.

पढ़ें: जनता की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझकर काम करें अधिकारी-कर्मचारी: रतन लाल डांगी

सवाल: क्या बिलासपुर रेंज में भी पुलिसिंग में कोई इनोवेशन होगा?
जवाब : सबसे पहले हमें क्राइम को रोकना होगा. सबसे पहले प्रिवेंशन और फिर डिटेक्शन. यह तभी होगा जब हमारे कांटेक्ट सही होंगे. जब आम लोग हमसे जुड़ेंगे मीडिया के लोग हों या फिर आम लोग. यह सभी पुलिस के आंख और कान की तरह काम करते हैं. सही समय पर यदि सूचना न मिले तो अपराध घटित हो जाते हैं और क्रिमिनल बच के निकल जाते हैं. एक बार जब क्रिमिनल बैच जाता है, तो उसके हौसले बढ़ जाते हैं. फिर वह दोबारा क्राइम करता है. इसलिए हमारा सूचना तंत्र मजबूत होना चाहिए लोगों में हमारी अच्छी पैंठ होनी चाहिए.

सवाल : वर्तमान परिवेश में साइबर क्राइम के जो मामले सामने आ रहे हैं, ऐसा नहीं लगता कि अपराधी पुलिस से कहीं ज्यादा हाईटेक हो चुके हैं?
जवाब : यह बिल्कुल सही है! टेक्नोलॉजी एक तरफ जहां वरदान है, वहीं दूसरी तरफ अभिशाप भी है. वरदान इसलिए भी है कि अपराधी जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके अपराध कर रहे हैं. पुलिस भी उसी टेक्नॉलॉजी के सहारे मुजरिमों को पकड़ने में कामयाब हो रही है. पहले किसी को धमकी देने के लिए आपको उसके सामने जाना होता था, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं है. हजारों किलोमीटर दूर से भी आप किसी को धमका सकते हैं. अश्लील वीडियो या मैसेज फॉरवर्ड कर सकते हैं, तो यह चुनौती भी है. हम अपने विभाग को भी ट्रेनिंग देते हैं तो उन्हें भी जागरूक करते हैं. खास तौर पर महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों पर हमारा फोकस है. हम लगातार उनको टिप्स देते हैं कि किस तरह से सोशल मीडिया पर आप बच सकते हैं.

सवाल: ऊपर तो आप जैसे काबिल अफसर बैठे हुए हैं, लेकिन धरातल की तस्वीर कब बदलेगी, यहां पुलिस की छवि अभी बेहद नकारात्मक है. बिना शिकायत लिए लोगों को लौटा दिया जाता है?
जवाब: निश्चित तौर पर यह सही है, लेकिन कई मामलों में यह पर्सन टू पर्सन पर निर्भर करता है. शत प्रतिशत लोग ऐसे नहीं हैं. यदि सभी लोग ऐसे हो जाएंगे तो व्यवस्था नहीं चलेगी. ऐसे लोगों को हम सुधारने की कोशिश करते हैं. गलत पाए जाने पर उन्हें पनिशमेंट देते हैं. अगर कोई अच्छा काम करता है तो उन्हें रिवॉर्ड भी देते हैं. सोसाइटी में पुलिस की छवि खराब करने वालों को हम दंड देते हैं. पुलिस को हमेशा संवेदनशील बनाने का प्रयास करते हैं. पुलिस पब्लिक के लिए ही है और अगर उनकी हम नहीं सुनेंगे तो फिर कौन सुनेगा? हमें तनख्वाह भी लोगों के टैक्स से मिलती है.यह बात याद रखनी चाहिए.

पढ़ें: सरगुजा आईजी ने महिला सुरक्षा को दी प्राथमिकता, जारी किया अपना मोबाइल नंबर

सवाल : आप काफी हेल्थ कॉन्शियस भी हैं. लोग आपको देखकर प्रेरणा भी लेते हैं. कोई ऐसा किस्सा याद आ रहा है?
जवाब : जब लॉकडाउन लगा तब यह काफी डिप्रेशन वाला समय था. युवा घर पर बैठे थे. पेरेंट्स भी घर पर हैं. कहीं जा नहीं सकते 24 घंटे टीवी के सामने बैठना. डिप्रेशन भरा दौर था. इसके पहले मैं इतना एक्टिव नहीं था. लेकिन फिर हमने वीडियो अपलोड करना शुरू किया तो लोगों का भी अच्छा रिस्पांस मिला. लोग संदेश भेजने लगे कि आपको देखकर हम भी ऐसा कर रहे है. इससे हमारा हौसला बढ़ा है. किसी ने कहा कि हमने 10 किलो वजन कम कर लिया, किसी ने कहा हमने 15 किलो वजन कम कर लिया. कोरबा में तो एक जवान 48 किलो वजन कम कर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है.

कोरबा: छत्तीसगढ़ के सीनियर और काबिल आईपीएस अफसरों में शुमार बिलासपुर रेंज के IG रतनलाल डांगी कोरबा जिले के प्रवास पर रहे. हाल ही में उन्हें बिलासपुर रेंज का आईजी बनाया गया है. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद वह अपने रेंज में आने वाले जिलों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताने के साथ ही सोशल मीडिया पर युवाओं को सही दिशा देने के लिए जो मुहिम छेड़ी है, उस पर भी बात की.

रतन लाल डांगी, आईजी, बिलासपुर रेंज

अपने तेजतर्रार और बेबाक अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले रतनलाल डांगी ने बताया कि जब-जब वे पुलिस अधिकारियों की मीटिंग लेते हैं, तब-तब उन्हें बताते हैं कि हमें जनता के टैक्स के पैसों से तनख्वाह मिलती है. हम उनके सेवक हैं, राजा नहीं. यह बात हमेशा दिमाग में होनी चाहिए.

सवाल : आपने सोशल मीडिया पर गाइड यूथ ग्रो नेशन (Guide the youth grow the nation) मुहिम छेड़ रखी है, इसके बारे में बताइए?

जवाब : गाइड यूथ ग्रो नेशन को एक मिशन के तौर पर शुरू किया गया था. जिस परिवार का यूथ सही दिशा में है, वह परिवार सदैव अच्छी दिशा में होता है. यदि देश को भी उन्नति करनी है तो यूथ को सही दिशा देनी होगी. जिस देश का युवा सही दिशा में कार्य कर रहा है. उसकी तरक्की निश्चित है. युवाओं को सही दिशा देने के लिए जितना कर सकता हूं, उतना करता हूं. खासतौर पर टीनएज में युवा यह डिसाइड नहीं कर पाते कि उन्हें किस दिशा में जाना है, इसलिए या तो आर्टिकल के माध्यम से या स्पीच के माध्यम से युवाओं को सही और गलत में फर्क की सीख दी जाती है.

पढ़ें: नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों की खैर नहीं , IG के निर्देश पर कार्रवाई तेज

सवाल: जैसे ही आपको बिलासपुर रेंज के IG की नई जिम्मेदारी मिली, आपने अपने नंबर के साथ एक संदेश शेयर किया, नशे के विरुद्ध आप काफी आक्रामक हैं?
जवाब : जब मैं सरगुजा रेंज में था, तब भी मैंने अपना मोबाइल नंबर शेयर किया था. सरकार ने हमें यह नंबर दिया ही इसलिए है, ताकि जरूरतमंद लोग हमसे संपर्क कर सकें. नशा समाज के लिए कैंसर है. इससे स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, अपराध भी बढ़ते हैं. नशे के कारण कई बार लोगों की संपत्ति चली जाती है. नशा अपराध की जड़ है. उस पर चोट करने की जरूरत है, इसलिए हमने यह संदेश शेयर किया है. नशे का करोबार करने वालों की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. ताकि सूचना देने वालों के ऊपर भी किसी तरह की आंच न आये. सरगुजा में हमें इसके बेहतर परिणाम मिले थे. लोगों के पास जो भी सूचना थी, उन्होंने हमसे साझा की और हमने पूरी ईमानदारी के साथ उस पर कार्रवाई की. यहां भी वही प्रयास करेंगे.

सवाल: आमतौर पर बड़े अधिकारी और नौकरशाह इतने सोशल नहीं होते, लेकिन आप बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. अपने आपको एक्सप्रेस करते हैं, क्या मकसद है इसके पीछे?

जवाब: जो ब्यूरोक्रेट्स होते हैं, वह समाज के लिए रोल मॉडल की तरह होते हैं. जब आप रोल मॉडल है तो लोग आपके जैसा बनना चाहेंगे. बच्चों के माता-पिता भी कहते हैं कि उनकी तरह बनो. जब तक हम उन लोगों के सामने नहीं आएंगे उन्हें बताएंगे नहीं कि हम किस तरह सफल हो पाए, तो हमारे ऐसा बनने का क्या फायदा. कई लोग ऐसे हैं जो लोग मेरे जैसा भी बनना चाहते हैं. मैं उनसे अपने स्ट्रगल अपने अनुभव साझा करता हूं. जब युवा हमें देखते हैं, तो उन्हें भी कॉन्फिडेंस आता है कि जब वह कर सकता है तो मैं क्यों नहीं कर सकता. माता-पिता भी उन्हें कह सकते हैं कि जब उन्होंने विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए सफलता हासिल कर ली है, तो क्यों नहीं कर सकते.

पढ़ें: जनता की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझकर काम करें अधिकारी-कर्मचारी: रतन लाल डांगी

सवाल: क्या बिलासपुर रेंज में भी पुलिसिंग में कोई इनोवेशन होगा?
जवाब : सबसे पहले हमें क्राइम को रोकना होगा. सबसे पहले प्रिवेंशन और फिर डिटेक्शन. यह तभी होगा जब हमारे कांटेक्ट सही होंगे. जब आम लोग हमसे जुड़ेंगे मीडिया के लोग हों या फिर आम लोग. यह सभी पुलिस के आंख और कान की तरह काम करते हैं. सही समय पर यदि सूचना न मिले तो अपराध घटित हो जाते हैं और क्रिमिनल बच के निकल जाते हैं. एक बार जब क्रिमिनल बैच जाता है, तो उसके हौसले बढ़ जाते हैं. फिर वह दोबारा क्राइम करता है. इसलिए हमारा सूचना तंत्र मजबूत होना चाहिए लोगों में हमारी अच्छी पैंठ होनी चाहिए.

सवाल : वर्तमान परिवेश में साइबर क्राइम के जो मामले सामने आ रहे हैं, ऐसा नहीं लगता कि अपराधी पुलिस से कहीं ज्यादा हाईटेक हो चुके हैं?
जवाब : यह बिल्कुल सही है! टेक्नोलॉजी एक तरफ जहां वरदान है, वहीं दूसरी तरफ अभिशाप भी है. वरदान इसलिए भी है कि अपराधी जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके अपराध कर रहे हैं. पुलिस भी उसी टेक्नॉलॉजी के सहारे मुजरिमों को पकड़ने में कामयाब हो रही है. पहले किसी को धमकी देने के लिए आपको उसके सामने जाना होता था, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं है. हजारों किलोमीटर दूर से भी आप किसी को धमका सकते हैं. अश्लील वीडियो या मैसेज फॉरवर्ड कर सकते हैं, तो यह चुनौती भी है. हम अपने विभाग को भी ट्रेनिंग देते हैं तो उन्हें भी जागरूक करते हैं. खास तौर पर महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों पर हमारा फोकस है. हम लगातार उनको टिप्स देते हैं कि किस तरह से सोशल मीडिया पर आप बच सकते हैं.

सवाल: ऊपर तो आप जैसे काबिल अफसर बैठे हुए हैं, लेकिन धरातल की तस्वीर कब बदलेगी, यहां पुलिस की छवि अभी बेहद नकारात्मक है. बिना शिकायत लिए लोगों को लौटा दिया जाता है?
जवाब: निश्चित तौर पर यह सही है, लेकिन कई मामलों में यह पर्सन टू पर्सन पर निर्भर करता है. शत प्रतिशत लोग ऐसे नहीं हैं. यदि सभी लोग ऐसे हो जाएंगे तो व्यवस्था नहीं चलेगी. ऐसे लोगों को हम सुधारने की कोशिश करते हैं. गलत पाए जाने पर उन्हें पनिशमेंट देते हैं. अगर कोई अच्छा काम करता है तो उन्हें रिवॉर्ड भी देते हैं. सोसाइटी में पुलिस की छवि खराब करने वालों को हम दंड देते हैं. पुलिस को हमेशा संवेदनशील बनाने का प्रयास करते हैं. पुलिस पब्लिक के लिए ही है और अगर उनकी हम नहीं सुनेंगे तो फिर कौन सुनेगा? हमें तनख्वाह भी लोगों के टैक्स से मिलती है.यह बात याद रखनी चाहिए.

पढ़ें: सरगुजा आईजी ने महिला सुरक्षा को दी प्राथमिकता, जारी किया अपना मोबाइल नंबर

सवाल : आप काफी हेल्थ कॉन्शियस भी हैं. लोग आपको देखकर प्रेरणा भी लेते हैं. कोई ऐसा किस्सा याद आ रहा है?
जवाब : जब लॉकडाउन लगा तब यह काफी डिप्रेशन वाला समय था. युवा घर पर बैठे थे. पेरेंट्स भी घर पर हैं. कहीं जा नहीं सकते 24 घंटे टीवी के सामने बैठना. डिप्रेशन भरा दौर था. इसके पहले मैं इतना एक्टिव नहीं था. लेकिन फिर हमने वीडियो अपलोड करना शुरू किया तो लोगों का भी अच्छा रिस्पांस मिला. लोग संदेश भेजने लगे कि आपको देखकर हम भी ऐसा कर रहे है. इससे हमारा हौसला बढ़ा है. किसी ने कहा कि हमने 10 किलो वजन कम कर लिया, किसी ने कहा हमने 15 किलो वजन कम कर लिया. कोरबा में तो एक जवान 48 किलो वजन कम कर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 2:34 PM IST
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