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Exclusive: 10 रुपए में 1 किलो चिकन! वोट के लिए दे रहे प्रलोभन

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Published : Dec 20, 2019, 9:31 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 11:07 PM IST

दुकानदार को एक खास सीरीज का 10 रुपए का नोट देने पर ग्राहक को 1 किलो चिकन दिया जा रहा है जबकी बाजार में इन दिनों चिकन के दाम 150 रुपए प्रति किलो है. ETV भारत को जब इस बारे में जानकारी लगी, तो हमने हकीकत से पर्दा हटाने की ठानी और हम दुकान पर पहुंचे.

etv bharat sting operation of korba election promotions in chicken shop
कोरबा के चुनावी चिकन का सुनिए स्टिंग

कोरबा: खास सीरीज का 10 का नोट लाओ और बदले में एक किलो चिकन ले जाओ... आपके मुंह में भी पानी आ गया होगा... क्या आप भी यही सोच रहे हैं कि भला इतनी महंगाई में ऐसी दरियादिली कोई क्यों दिखा रहा है, तो हम आपको बता दें की भैया मौसम चुनावी है और इस सीजन में ऐसे लुभावने ऑफर्स आते ही रहते हैं.

कोरबा के चुनावी चिकन का सुनिए स्टिंग

मामला कोरबा जिले का है, यहां मौजूद एक चिकन शॉप में इन दिनों ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है, जिसकी वजह यहां चल रही एक अनोखी स्कीम है. दरअसल दुकानदार को एक खास सीरीज का 10 रुपए का नोट देने पर ग्राहक को 1 किलो चिकन दिया जा रहा है, जबकी बाजार में इन दिनों चिकन के दाम 150 रुपये प्रति किलो चल रहा है. ETV भारत की टीम को जब इस बारे में जानकारी लगी, तो हमने हकीकत से पर्दा हटाने की ठानी और हम दुकान पर पहुंचे. जब हमने दुकानकार से 10 के नोट के बदले 1 किलो चिकन देने की स्कीम के बारे में पूछा इस दौरान क्या बातचीत हुई आप भी पढ़िए.

रिपोर्टर- इस 10 का नोट में चिकन मिलेगा?

दुकानदार- इस नोट में नहीं मिल पाएगा, आपको बेवकूफ बनाया गया है, किसी भी नोट में चिकन नहीं मिलता.

रिपोर्टर- इस नोट में नहीं मिलेगा तो फिर किस नोट पर मिलेगा?
दुकानदार- जिस नोट को हमने पैसे ले कर दिया है, केवल उसी नोट पर चिकन मिलेगा.

रिपोर्टर- एक नोट के बदले कितना चिकन दे रहे हैं?
दुकानदार- आप पहले नोट लेकर आ जाओ, जितना भी देना होगा हम दे देंगे.

रिपोर्टर- लेकिन कितना देंगे ये तो बता दीजिए?
दुकानदार- 10 के नोट के बदले 1 किलो देंगे पहले नोट ले आओ.

ग्राहक ने इस तरह का बताया, इन्हें 2 किलो चिकन चाहिए-

रिपोर्टर- नोट मिल गया है ना?
ग्राहक- नोट तो मिल गया है, क्या इसके बदले 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- मुझे तो 1 किलो का ही कहा गया है, दिखाइए नोट कौन सी सीरीज का है?
ग्राहक- डबल 8 सीरीज वाला नोट है, 1 किलो मिलेगा ऐसा बताया गया है। अगर मैं कुछ पैसे ऊपर से दे दूं, तो क्या 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- इस तरह की व्यवस्था के बारे में तो मुझे पता नहीं है आप पता कर लीजिये?
ग्राहक- ठीक है पूछता हूं, मुझे किलो ही बताया गया है.

लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं को मतदान के लिए किसी भी तरह का प्रलोभन देना नियम के खिलाफ है, लेकिन प्रत्याशी हर नियम का तोड़ निकाल लेते हैं. ऐसे में जरूरत है कि निर्वाचन आयोग नियम तोड़ने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि कोई दोबारा कानून तोड़ने की हिमाकत न करे.

कोरबा: खास सीरीज का 10 का नोट लाओ और बदले में एक किलो चिकन ले जाओ... आपके मुंह में भी पानी आ गया होगा... क्या आप भी यही सोच रहे हैं कि भला इतनी महंगाई में ऐसी दरियादिली कोई क्यों दिखा रहा है, तो हम आपको बता दें की भैया मौसम चुनावी है और इस सीजन में ऐसे लुभावने ऑफर्स आते ही रहते हैं.

कोरबा के चुनावी चिकन का सुनिए स्टिंग

मामला कोरबा जिले का है, यहां मौजूद एक चिकन शॉप में इन दिनों ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है, जिसकी वजह यहां चल रही एक अनोखी स्कीम है. दरअसल दुकानदार को एक खास सीरीज का 10 रुपए का नोट देने पर ग्राहक को 1 किलो चिकन दिया जा रहा है, जबकी बाजार में इन दिनों चिकन के दाम 150 रुपये प्रति किलो चल रहा है. ETV भारत की टीम को जब इस बारे में जानकारी लगी, तो हमने हकीकत से पर्दा हटाने की ठानी और हम दुकान पर पहुंचे. जब हमने दुकानकार से 10 के नोट के बदले 1 किलो चिकन देने की स्कीम के बारे में पूछा इस दौरान क्या बातचीत हुई आप भी पढ़िए.

रिपोर्टर- इस 10 का नोट में चिकन मिलेगा?

दुकानदार- इस नोट में नहीं मिल पाएगा, आपको बेवकूफ बनाया गया है, किसी भी नोट में चिकन नहीं मिलता.

रिपोर्टर- इस नोट में नहीं मिलेगा तो फिर किस नोट पर मिलेगा?
दुकानदार- जिस नोट को हमने पैसे ले कर दिया है, केवल उसी नोट पर चिकन मिलेगा.

रिपोर्टर- एक नोट के बदले कितना चिकन दे रहे हैं?
दुकानदार- आप पहले नोट लेकर आ जाओ, जितना भी देना होगा हम दे देंगे.

रिपोर्टर- लेकिन कितना देंगे ये तो बता दीजिए?
दुकानदार- 10 के नोट के बदले 1 किलो देंगे पहले नोट ले आओ.

ग्राहक ने इस तरह का बताया, इन्हें 2 किलो चिकन चाहिए-

रिपोर्टर- नोट मिल गया है ना?
ग्राहक- नोट तो मिल गया है, क्या इसके बदले 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- मुझे तो 1 किलो का ही कहा गया है, दिखाइए नोट कौन सी सीरीज का है?
ग्राहक- डबल 8 सीरीज वाला नोट है, 1 किलो मिलेगा ऐसा बताया गया है। अगर मैं कुछ पैसे ऊपर से दे दूं, तो क्या 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- इस तरह की व्यवस्था के बारे में तो मुझे पता नहीं है आप पता कर लीजिये?
ग्राहक- ठीक है पूछता हूं, मुझे किलो ही बताया गया है.

लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं को मतदान के लिए किसी भी तरह का प्रलोभन देना नियम के खिलाफ है, लेकिन प्रत्याशी हर नियम का तोड़ निकाल लेते हैं. ऐसे में जरूरत है कि निर्वाचन आयोग नियम तोड़ने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि कोई दोबारा कानून तोड़ने की हिमाकत न करे.

Intro:कोरबा। चुनावी मौसम में मुर्गे के दाम गिर गए हैं। 150 रुपए प्रति किलो की दर से मिलने वाला मुर्गा अब सिर्फ 10 रुपए में मिल रहा है, लेकिन यह सभी 10 के नोट में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए खास सीरीज के 10 के नोट राजनैतिक फायदे के लिए लोगों में बंटवाये गए हैं।
चिकन सेंटर के मालिकों से खास तरह से सेटिंग की गई है। जिसके तहत आम लोग एक विशेष सीरीज के 10 के नोट लेकर मुर्गा दुकान पहुंच रहे हैं। इस 10 के नोट के बदले सामान्य दिनों में 150 की कीमत वाला 1 किलो मुर्गा लोगों को दिया जा रहा है।

मतदान के ठीक 1 दिन पहले मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए सुनियोजित तरीके से चुनावी चिकन का बाजार गर्म है। हैरानी वाली बात यह है कि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।


Body:लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इस तरह के चुनावी चिकन बांटे गए थे। तब प्रशासन ने छिटपुट कार्रवाई भी की थी। लेकिन वर्तमान में निकाय चुनाव में कार्रवाई के लिहाज से प्रशासन की झोली खाली है।
जिसका फायदा प्रत्याशी उठा रहे हैं। मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए खुलेआम 10 के नोट को टोकन की तरह इस्तेमाल कर चुनावी चिकन बंटवाए जा रहे हैं। वार्डों में भी दिन रात आयोजन चल रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक झंडा बैनर हटवाने के अलावा कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं की है।

इस तरह बंट रहा चुनावी चिकन
दरअसल प्रत्याशियों ने वार्ड वार्ड में अपने करीबियों को एक खास किस्म के 10 के नए नोट वितरित किए हैं। यह नोट कौन से सीरीज के होंगे, यह चिकन सेंटर के संचालकों को पहले ही बता दिया गया है। लोग यह नोट बताए गए चिकन सेंटर में लेकर पहुंच रहे हैं जहां से उन्हें इस 10 के नोट के बदले 1 किलो चिकन दिया जा रहा है।

इस तरह हुआ खुलासा
इस सेटिंग के तहत चुनावी चिकन वितरित करने के लिए हमने दुकानदार और ग्राहक दोनों से बात की, जिनसे कुछ इस तरह की बातें सुनने को मिली। एक दुकानदार को हम 10 के गलत नोट देकर पूछा गया सुनिए उसने क्या कहा।

रिपोर्टर- इस 10 का नोट में चिकन मिलेगा?
दुकानदार- इस नोट में नहीं मिल पाएगा, आपको बेवकूफ बनाया गया है, किसी भी नोट में चिकन नहीं मिलता।

रिपोर्टर- इस नोट में नहीं मिलेगा तो फिर किस नोट पर मिलेगा?
दुकानदारब- जिस नोट को हमने पैसे ले कर दिया है, केवल उसी नोट पर चिकन मिलेगा।

रिपोर्टर- एक नोट के बदले कितना चिकन दे रहे हैं?
दुकानदार- आप पहले नोट लेकर आ जाओ, जितना भी देना होगा हम दे देंगे।

रिपोर्टर- लेकिन कितना देंगे ये तो बता दीजिए?
दुकानदार- 10 के नोट के बदले 1 किलो देंगे पहले नोट ले आओ।

ग्राहक ने इस तरह का बताया, इन्हें 2 किलो चिकन चाहिए

रिपोर्टर- नोट मिल गया है ना?
ग्राहक- नोट तो मिल गया है, क्या इसके बदले 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- मुझे तो 1 किलो का ही कहा गया है, दिखाइए नोट कौन सी सीरीज का है?
ग्राहक- डबल 8 सीरीज वाला नोट है, 1 किलो मिलेगा ऐसा बताया गया है। अगर मैं कुछ पैसे ऊपर से दे दूं तो क्या 2 किलो मिल सकता है?

रिपोर्टर- इस तरह की व्यवस्था के बारे में तो मुझे पता नहीं है आप पता कर लीजिये?
ग्राहक- ठीक है पूछता हूं, मुझे किलो ही बताया गया है।


Conclusion:गली कूचों में ऐसी व्यवस्था
लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं को मतदान के लिए किसी भी तरह का प्रलोभन देना नियम विरुद्ध है। लेकिन यह नियम सिर्फ किताबों में ही दर्ज हैं। वास्तविकता कुछ और ही है, चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है। गली कूचों में जमकर पार्टियों का दौर चल रहा है। मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर लिए गए हैं, लेकिन प्रशासनिक अमले की उदासीनता की वजह से इस तरह के मामलों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाती।
Last Updated : Dec 20, 2019, 11:07 PM IST
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