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कोरबा पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला, 18 पुलिसकर्मी लाइन अटैच

कोरबा में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में 18 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. सभी पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है. तो वही थाना प्रभारी भी बदले गए हैं.

kartala police station korba
करतला थाना कोरबा
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Published : Jul 31, 2021, 10:51 PM IST

कोरबा: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में पुलिसवालों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. 18 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है. ये सभी ऐसे पुलिसकर्मी हैं जिनके खिलाफ शिकायतें और जांच लंबित हैं. जिस थाने में कस्टडी के दौरान मौत हुई है वहां के थाना प्रभारी भी बदले गए हैं

पुलिस पर तथ्यों को छिपाने का लगा था आरोप

हंसराम के पोस्टमार्टम के दौरान उसकी मां ने पुलिसकर्मियों पर जानकारियों को छिपाने का आरोप लगाया था. जिसके बाद मीडिया में लगातार पुलिस की लापरवाही को लेकर मामला उछल रहा था. मामला आगे बढ़ने पर पुलिस पर दवाब बढ़ा जिसके बाद 18 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है.

10 दिन से था बीमार हंसराम, पुलिस के ले जाने के बाद हुई मौत-परिजन

हंसराम की मां मान कुंवर ने कहा कि हंसाराम 10 दिन से बीमार था. गुरमा के किसी डॉक्टर से इलाज करा रहा था.उसे तेज खांसी आ रही थी. मान कुंवर से जब पूछा गया कि पुलिस कस्टडी में पुत्र की मौत हुई है, आपको क्या लगता है?तब वह निशब्द थी सिसकते हुए उसने यह कहा कि अब मैं क्या कहूं कि पुत्र की मौत कैसे हुई? लेकिन पुलिस बेटे को ले गई है तभी तो उसकी मौत हुई.

जिले में 3600 स्थाई वारंटियों के लिए बनाई गई है विशेष टीम

जिले में स्थाई वारंटियों के 3 हजार 600 प्रकरण लंबित हैं. जिनकी धरपकड़ और गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में तामिली के लिए पुलिस अधीक्षक ने सब डिवीजन स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया है. जोकि स्थाई वारंटियों को पकड़कर थानों को सुपुर्द कर रहे हैं. स्थाई वारंट के लंबित प्रकरणों को समाप्त करने का पुलिस पर बेहद दबाव है. युद्ध स्तर पर वारंट तामिली का काम पुलिस कर रही है.

कस्टडी में युवक की मौत पर घिरी कोरबा पुलिस, 24 घंटे बाद परिजन को जानकारी देने का आरोप

पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया शव

पुलिस कस्टडी में मौत होने के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के तहत निर्धारित प्रोटोकॉल में पोस्टमार्टम कराया जाता है. शनिवार को पूरे दिन पुलिस विभाग में गहमागहमी रही. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मजिस्ट्रेट की निगरानी के अंदर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा किया गया. जिसके बाद शव परिवार को सौंप दिया गया. हालांकि इस प्रकरण के कई सवाल अब भी सुलग रहे हैं. जिनका जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा.

ये है पूरा मामला

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने पुलिस की ओर से आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया है. जिसके अनुसार 29 जुलाई को हंसाराम राठिया पिता सुखसिंघ राठिया 30 साल निवासी ग्राम अलोग थाना सियांग को रात के 11 बजे करताला थाने में लाया गया. आरोपी पर मारपीट और गाली गलौज का आरोप था. जो जमानती धारा के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था. वारंट की तामीली के लिए सुबह जब आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाना था.

इससे पहले उसने अपनी तबीयत खराब होने की बात पुलिस को बताई. जिसके बाद करतला के पुलिस स्टाफ वारंटी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में इलाज के लिए ले गए. जहां वारंटी को खून की कमी, लो ब्लड प्रेशर और पीलिया होने की जानकारी चिकित्सक के द्वारा दी गई. इलाज के दौरान हंसाराम राठिया की मृत्यु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में हो गई.

कोरबा: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में पुलिसवालों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. 18 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है. ये सभी ऐसे पुलिसकर्मी हैं जिनके खिलाफ शिकायतें और जांच लंबित हैं. जिस थाने में कस्टडी के दौरान मौत हुई है वहां के थाना प्रभारी भी बदले गए हैं

पुलिस पर तथ्यों को छिपाने का लगा था आरोप

हंसराम के पोस्टमार्टम के दौरान उसकी मां ने पुलिसकर्मियों पर जानकारियों को छिपाने का आरोप लगाया था. जिसके बाद मीडिया में लगातार पुलिस की लापरवाही को लेकर मामला उछल रहा था. मामला आगे बढ़ने पर पुलिस पर दवाब बढ़ा जिसके बाद 18 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है.

10 दिन से था बीमार हंसराम, पुलिस के ले जाने के बाद हुई मौत-परिजन

हंसराम की मां मान कुंवर ने कहा कि हंसाराम 10 दिन से बीमार था. गुरमा के किसी डॉक्टर से इलाज करा रहा था.उसे तेज खांसी आ रही थी. मान कुंवर से जब पूछा गया कि पुलिस कस्टडी में पुत्र की मौत हुई है, आपको क्या लगता है?तब वह निशब्द थी सिसकते हुए उसने यह कहा कि अब मैं क्या कहूं कि पुत्र की मौत कैसे हुई? लेकिन पुलिस बेटे को ले गई है तभी तो उसकी मौत हुई.

जिले में 3600 स्थाई वारंटियों के लिए बनाई गई है विशेष टीम

जिले में स्थाई वारंटियों के 3 हजार 600 प्रकरण लंबित हैं. जिनकी धरपकड़ और गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में तामिली के लिए पुलिस अधीक्षक ने सब डिवीजन स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया है. जोकि स्थाई वारंटियों को पकड़कर थानों को सुपुर्द कर रहे हैं. स्थाई वारंट के लंबित प्रकरणों को समाप्त करने का पुलिस पर बेहद दबाव है. युद्ध स्तर पर वारंट तामिली का काम पुलिस कर रही है.

कस्टडी में युवक की मौत पर घिरी कोरबा पुलिस, 24 घंटे बाद परिजन को जानकारी देने का आरोप

पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपा गया शव

पुलिस कस्टडी में मौत होने के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के तहत निर्धारित प्रोटोकॉल में पोस्टमार्टम कराया जाता है. शनिवार को पूरे दिन पुलिस विभाग में गहमागहमी रही. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मजिस्ट्रेट की निगरानी के अंदर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा किया गया. जिसके बाद शव परिवार को सौंप दिया गया. हालांकि इस प्रकरण के कई सवाल अब भी सुलग रहे हैं. जिनका जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा.

ये है पूरा मामला

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने पुलिस की ओर से आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया है. जिसके अनुसार 29 जुलाई को हंसाराम राठिया पिता सुखसिंघ राठिया 30 साल निवासी ग्राम अलोग थाना सियांग को रात के 11 बजे करताला थाने में लाया गया. आरोपी पर मारपीट और गाली गलौज का आरोप था. जो जमानती धारा के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था. वारंट की तामीली के लिए सुबह जब आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाना था.

इससे पहले उसने अपनी तबीयत खराब होने की बात पुलिस को बताई. जिसके बाद करतला के पुलिस स्टाफ वारंटी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में इलाज के लिए ले गए. जहां वारंटी को खून की कमी, लो ब्लड प्रेशर और पीलिया होने की जानकारी चिकित्सक के द्वारा दी गई. इलाज के दौरान हंसाराम राठिया की मृत्यु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में हो गई.

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