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3 दिन बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया घायल गजराज, इलाज में जुटा प्रशासन

कोरबा के एक किसान के आंगन में मिला बीमार हाथी लगातार 3 दिनों के इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पाया है. फिलहाल वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की निगरानी में हाथी का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

Cranes help to save elephant
हाथी को बचाने में क्रेन की मदद
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Published : Jun 17, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 4:49 PM IST

कोरबा: रविवार को गुरमा गांव के एक किसान के आंगन में पाए गए बीमार हाथी का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. 3 दिनों तक लगातार इलाज के बाद भी हाथी अपने पैरो पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. हालांकि वन अमला यह उम्मीद जता रहा है कि हाथी की हालत खतरे से बाहर है और लगातार सुधार हो रहा है, जिसे वह बचा लेंगे. हाथी को खड़ा करने के लिए क्रेन की मदद भी ली जा रही है.

3 दिन बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया घायल गजराज

बता दें कि कोरबा वनमंडल के गुरमा के आश्रित गांव कठारडेरा में किसान के घर पाए गए हाथी की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. रायपुर से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की मदद से हाथी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग को उम्मीद है कि हाथी को बचा लिया जाएगा. कोरबा वनमंडल के गुरमा गांव स्थित कठारडेड़ा में किसान के घर में पाए गए बीमार हाथी का इलाज अभी भी जारी है.

Treatment of sick elephant continues in Korba
कोरबा में बीमार हाथी का इलाज जारी

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट कर रहे हाथी की निगरानी

रायपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट राकेश वर्मा और उनकी टीम मौके पर पहुंच गई है, जो हर 2 घंटे में हाथी के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं. वहीं नियमित अंतराल पर ग्लूकोज देने के बाद हाथी के शरीर के तापमान और सांस की गति पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बीमार हाथी की उम्र 8 से 10 साल के बीच है. इस लिहाज से उसके जल्द ठीक होने की उम्मीद जताई जा रही है.

Administration engaged in elephant treatment
गजराज के इलाज में जुटा प्रशासन

गजराज को कहीं भी शिफ्ट करने की योजना नहीं

हाथी के रेस्क्यू में क्रेन को मौके पर देखकर ऐसी अफवाह थी कि हाथी को ट्रक के माध्यम से दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन डीएफओ गुरुनाथन ने बताया कि ऐसे हालात में हाथी को कहीं भी शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है. गुरमा में ही हाथी का इलाज किया जा रहा है. विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है. वहीं क्रेन के माध्यम से हाथी को खड़ा करने की लगातार कोशिश की जा रही है.

पढ़ें: कोरबा में मिला बीमार हाथी, इलाज में जुटे डॉक्टर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट

हाथी ने किसी को भी नहीं पहुंचाया नुकसान

बीमार हाथी को किसान के आंगन से बाहर निकाल कर कठारडेरा से गुरमा स्थित वन विभाग के कार्यालय लाया गया है. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. शुरुआती समय में स्थानीय वेटनरी डॉक्टर की मदद ली गई थी फिर उसके बाद राजधानी से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने मोर्चा संभाल लिया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हाथी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथी जंगल से घर के आंगन में आकर गिर गया था.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ : करंट लगने से हाथी की मौत, महीनेभर में 6 हाथियों ने गंवाई जान

अब तक प्रदेश में 6 हाथी की मौत

छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने में अब तक 6 हाथियों की मौत हो गई है. मंगलवार को ही धमतरी के अलावा रायगढ़ के धरमजयगढ़ वनमंडल के गेरसा गांव में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई. इससे पहले सूरजपुर जिले के प्रतापपुर फॉरेस्ट रेंज में 9 और 10 जून को हथियों का शव मिला था. वहीं इससे हाथियों के सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

कोरबा: रविवार को गुरमा गांव के एक किसान के आंगन में पाए गए बीमार हाथी का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. 3 दिनों तक लगातार इलाज के बाद भी हाथी अपने पैरो पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. हालांकि वन अमला यह उम्मीद जता रहा है कि हाथी की हालत खतरे से बाहर है और लगातार सुधार हो रहा है, जिसे वह बचा लेंगे. हाथी को खड़ा करने के लिए क्रेन की मदद भी ली जा रही है.

3 दिन बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया घायल गजराज

बता दें कि कोरबा वनमंडल के गुरमा के आश्रित गांव कठारडेरा में किसान के घर पाए गए हाथी की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. रायपुर से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की मदद से हाथी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग को उम्मीद है कि हाथी को बचा लिया जाएगा. कोरबा वनमंडल के गुरमा गांव स्थित कठारडेड़ा में किसान के घर में पाए गए बीमार हाथी का इलाज अभी भी जारी है.

Treatment of sick elephant continues in Korba
कोरबा में बीमार हाथी का इलाज जारी

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट कर रहे हाथी की निगरानी

रायपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट राकेश वर्मा और उनकी टीम मौके पर पहुंच गई है, जो हर 2 घंटे में हाथी के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं. वहीं नियमित अंतराल पर ग्लूकोज देने के बाद हाथी के शरीर के तापमान और सांस की गति पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बीमार हाथी की उम्र 8 से 10 साल के बीच है. इस लिहाज से उसके जल्द ठीक होने की उम्मीद जताई जा रही है.

Administration engaged in elephant treatment
गजराज के इलाज में जुटा प्रशासन

गजराज को कहीं भी शिफ्ट करने की योजना नहीं

हाथी के रेस्क्यू में क्रेन को मौके पर देखकर ऐसी अफवाह थी कि हाथी को ट्रक के माध्यम से दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन डीएफओ गुरुनाथन ने बताया कि ऐसे हालात में हाथी को कहीं भी शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है. गुरमा में ही हाथी का इलाज किया जा रहा है. विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है. वहीं क्रेन के माध्यम से हाथी को खड़ा करने की लगातार कोशिश की जा रही है.

पढ़ें: कोरबा में मिला बीमार हाथी, इलाज में जुटे डॉक्टर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट

हाथी ने किसी को भी नहीं पहुंचाया नुकसान

बीमार हाथी को किसान के आंगन से बाहर निकाल कर कठारडेरा से गुरमा स्थित वन विभाग के कार्यालय लाया गया है. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. शुरुआती समय में स्थानीय वेटनरी डॉक्टर की मदद ली गई थी फिर उसके बाद राजधानी से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने मोर्चा संभाल लिया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हाथी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथी जंगल से घर के आंगन में आकर गिर गया था.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ : करंट लगने से हाथी की मौत, महीनेभर में 6 हाथियों ने गंवाई जान

अब तक प्रदेश में 6 हाथी की मौत

छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने में अब तक 6 हाथियों की मौत हो गई है. मंगलवार को ही धमतरी के अलावा रायगढ़ के धरमजयगढ़ वनमंडल के गेरसा गांव में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई. इससे पहले सूरजपुर जिले के प्रतापपुर फॉरेस्ट रेंज में 9 और 10 जून को हथियों का शव मिला था. वहीं इससे हाथियों के सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

Last Updated : Jun 17, 2020, 4:49 PM IST
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