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ठंड बढ़ी तो घटी बिजली की डिमांड, छत्तीसगढ़ में सरप्लस बिजली

एक सप्ताह से प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इससे प्रदेश में ठंडी बढ़ गई है. इस कारण बिजली की मांग में भी कमी आई है.

Demand for electricity reduced as winter grew
ठंड बढ़ी तो घटी बिजली की मांग
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Published : Feb 8, 2020, 1:37 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 3:07 PM IST

कोरबा: मौसम खराब होने से ठंड बढ़ते ही प्रदेश में बिजली की मांग में कमी आई है. शुक्रवार को प्रदेश में बिजली की मांग 3200 मेगावाट के आस-पास रही, जो कि आमतौर पर 3500 से 3600 मेगावाट के करीब रहती है.

ठंड बढ़ी तो घटी बिजली की मांग

पिछले 2 दिन से प्रदेश में हो रही बारिश और ठिठुरन से बिजली की मांग में कमी आई है.

यहां से इतना डिमांड

  • जनरेशन कंपनी के कोरबा पूर्व प्लांट से 173
  • एचटीटीपी से 679
  • डीएसपीएम से 436
  • मड़वा प्लांट की एक यूनिट से 435 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
  • मिनी माता बांगो परियोजना के हाइडल पॉवर प्लांट से 39 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
  • सेंट्रल सेक्टर से अब भी 1500 मेगावाट बिजली ली जा रही है.

हालांकि वर्तमान में प्रदेश के पॉवर प्लांट की मांग से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है. अमूमन बहुत कम देखा गया है कि पॉवर प्लांट्स की ओर से मांग से अधिक बिजली का उत्पादन किया जाता हो. बिजली की मांग में कमी होने से ऐसी परिस्थितियां बनी है. इस तरह कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में सरप्लस बिजली है.

कोरबा: मौसम खराब होने से ठंड बढ़ते ही प्रदेश में बिजली की मांग में कमी आई है. शुक्रवार को प्रदेश में बिजली की मांग 3200 मेगावाट के आस-पास रही, जो कि आमतौर पर 3500 से 3600 मेगावाट के करीब रहती है.

ठंड बढ़ी तो घटी बिजली की मांग

पिछले 2 दिन से प्रदेश में हो रही बारिश और ठिठुरन से बिजली की मांग में कमी आई है.

यहां से इतना डिमांड

  • जनरेशन कंपनी के कोरबा पूर्व प्लांट से 173
  • एचटीटीपी से 679
  • डीएसपीएम से 436
  • मड़वा प्लांट की एक यूनिट से 435 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
  • मिनी माता बांगो परियोजना के हाइडल पॉवर प्लांट से 39 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.
  • सेंट्रल सेक्टर से अब भी 1500 मेगावाट बिजली ली जा रही है.

हालांकि वर्तमान में प्रदेश के पॉवर प्लांट की मांग से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है. अमूमन बहुत कम देखा गया है कि पॉवर प्लांट्स की ओर से मांग से अधिक बिजली का उत्पादन किया जाता हो. बिजली की मांग में कमी होने से ऐसी परिस्थितियां बनी है. इस तरह कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में सरप्लस बिजली है.

Intro:कोरबा। ठंड बढ़ते ही प्रदेश में बिजली की मांग में कमी आ गई है। शुक्रवार को प्रदेश भर में बिजली की मांग 3200 मेगावाट के आसपास रही। जोकि आमतौर पर 3500 से 3600 मेगावाट के करीब रहती है।



Body:पिछले 2 दिन से प्रदेश भर में हो रही बारिश और ठिठुरन की वजह से बिजली की मांग में कमी आई है शुक्रवार को पावर के दौरान बिजली की मांग 32 रुपए का हुआ थी
जनरेशन कंपनी के कोरबा पूर्व प्लांट से 173, एचटीटीपी से 679, डीएसपीएम से 436 और मड़वा प्लांट की एक यूनिट से 435 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
जबकि मिनीमाता बांगो परियोजना के हाइडल पावर प्लांट से 39 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
सेंट्रल सेक्टर से अब भी 1500 मेगावाट बिजली ली जा रही है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश के पावर प्लांट मांग से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। जिससे बिजली संकट जैसी स्थिति नहीं है।


Conclusion:अमूमन बेहद कम बार ऐसा देखा गया है कि पावर प्लांट्स द्वार मांग से अधिक बिजली का उत्पादन किया जाता हो।
बिजली की मांग में कमी आने के कारण ही ऐसी परिस्थितियां निर्मित होती हैं।
Last Updated : Feb 8, 2020, 3:07 PM IST
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