कोरबाः प्रदेश में धान खरीदी को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विभाग को कोई अधिकारिक आदेश नहीं मिला है. जिसके कारण विभाग के अधिकारी अभी भी असमंजस में हैं और समर्थन मूल्य पर बात करने से कतरा रहे हैं.
बीते साल की तुलना में इस साल ज्यादा किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इससे पहले हर साल 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी में भी देरी हो रही है, छत्तीसगढ़ में इस साल 1 दिसंबर से धान खरीदी होगी.
27 समितियां, 40 उपार्जन केंद्र
धान खरीदी के लिए जिले में 27 समितियां काम कर रही है, जिसके तहत 40 उपार्जन केंद्र बनाये गए हैं. इन उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी की जाएगी. प्रशासन के मुताबिक उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी के लिए सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई है. वर्तमान में 21 समितियां भंग है. धान खरीदी के लिए प्रशासन ने अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है.
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पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी
पिछले वर्ष सहकारी बैंक में पंजीकृत किसानों की संख्या 23 हजार थी, जो इस साल बढ़कर 40 हजार हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक पंजीकृत किसानों की संख्या 27 हजार बढ़ी है.
किसानों को दिए गए 40 करोड़ के लोन
खरीफ फसल के लिए साल 2019 में सहकारी बैंकों ने नकद और खाद-बीज को मिलाकर कुल 40 करोड़ 76 लाख रुपये का कर्ज दिया है. सहकारी बैंकों से ये लोन 14 हजार 638 किसानों ने लिए हैं.
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15 फरवरी तक होगी धान खरीदी
इस साल धान खरीदी में 1 महीना देरी होने से धान खरीदी का समय भी बढ़ा दिया गया है. पिछले वर्षों में धान की खरीदी जनवरी के महीने तक खत्म हो जाती थी, लेकिन किसान इस साल 15 फरवरी तक अपना धान सोसायटी में बेंच सकते हैं.