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धान खरीदी की तारीख तय, समर्थन मूल्य पर अब भी असमंजस

कोरबा में धान खरीदी के लिए 27 समितियां काम कर रही है, जिसके तहत 40 उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी की जाएगी. धान खरीदी 1 नवंबर से की जाएगी, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर अधिकारियों में अभी भी असमंजस है.

धान खरीदी समर्थन मूल्य पर असमंजस
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Published : Nov 16, 2019, 7:44 AM IST

Updated : Nov 16, 2019, 8:36 AM IST

कोरबाः प्रदेश में धान खरीदी को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विभाग को कोई अधिकारिक आदेश नहीं मिला है. जिसके कारण विभाग के अधिकारी अभी भी असमंजस में हैं और समर्थन मूल्य पर बात करने से कतरा रहे हैं.

धान खरीदी समर्थन मूल्य पर असमंजस

बीते साल की तुलना में इस साल ज्यादा किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इससे पहले हर साल 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी में भी देरी हो रही है, छत्तीसगढ़ में इस साल 1 दिसंबर से धान खरीदी होगी.

27 समितियां, 40 उपार्जन केंद्र
धान खरीदी के लिए जिले में 27 समितियां काम कर रही है, जिसके तहत 40 उपार्जन केंद्र बनाये गए हैं. इन उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी की जाएगी. प्रशासन के मुताबिक उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी के लिए सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई है. वर्तमान में 21 समितियां भंग है. धान खरीदी के लिए प्रशासन ने अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है.

पढ़ेंः-जानिए बिलासपुर का रावत महोत्सव क्यों है खास, कल से होगी शुरुआत

पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी
पिछले वर्ष सहकारी बैंक में पंजीकृत किसानों की संख्या 23 हजार थी, जो इस साल बढ़कर 40 हजार हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक पंजीकृत किसानों की संख्या 27 हजार बढ़ी है.

किसानों को दिए गए 40 करोड़ के लोन
खरीफ फसल के लिए साल 2019 में सहकारी बैंकों ने नकद और खाद-बीज को मिलाकर कुल 40 करोड़ 76 लाख रुपये का कर्ज दिया है. सहकारी बैंकों से ये लोन 14 हजार 638 किसानों ने लिए हैं.

पढ़ेंः-कृषि मंत्री ने किया किसान उपभोक्ता बाजार का लोकार्पण

15 फरवरी तक होगी धान खरीदी
इस साल धान खरीदी में 1 महीना देरी होने से धान खरीदी का समय भी बढ़ा दिया गया है. पिछले वर्षों में धान की खरीदी जनवरी के महीने तक खत्म हो जाती थी, लेकिन किसान इस साल 15 फरवरी तक अपना धान सोसायटी में बेंच सकते हैं.

कोरबाः प्रदेश में धान खरीदी को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विभाग को कोई अधिकारिक आदेश नहीं मिला है. जिसके कारण विभाग के अधिकारी अभी भी असमंजस में हैं और समर्थन मूल्य पर बात करने से कतरा रहे हैं.

धान खरीदी समर्थन मूल्य पर असमंजस

बीते साल की तुलना में इस साल ज्यादा किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इससे पहले हर साल 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी में भी देरी हो रही है, छत्तीसगढ़ में इस साल 1 दिसंबर से धान खरीदी होगी.

27 समितियां, 40 उपार्जन केंद्र
धान खरीदी के लिए जिले में 27 समितियां काम कर रही है, जिसके तहत 40 उपार्जन केंद्र बनाये गए हैं. इन उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी की जाएगी. प्रशासन के मुताबिक उपार्जन केंद्रों पर धान खरीदी के लिए सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई है. वर्तमान में 21 समितियां भंग है. धान खरीदी के लिए प्रशासन ने अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है.

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पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी
पिछले वर्ष सहकारी बैंक में पंजीकृत किसानों की संख्या 23 हजार थी, जो इस साल बढ़कर 40 हजार हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक पंजीकृत किसानों की संख्या 27 हजार बढ़ी है.

किसानों को दिए गए 40 करोड़ के लोन
खरीफ फसल के लिए साल 2019 में सहकारी बैंकों ने नकद और खाद-बीज को मिलाकर कुल 40 करोड़ 76 लाख रुपये का कर्ज दिया है. सहकारी बैंकों से ये लोन 14 हजार 638 किसानों ने लिए हैं.

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15 फरवरी तक होगी धान खरीदी
इस साल धान खरीदी में 1 महीना देरी होने से धान खरीदी का समय भी बढ़ा दिया गया है. पिछले वर्षों में धान की खरीदी जनवरी के महीने तक खत्म हो जाती थी, लेकिन किसान इस साल 15 फरवरी तक अपना धान सोसायटी में बेंच सकते हैं.

Intro:कोरबा। धान खरीदी को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन समर्थन मूल्य पर अब तक कोई अधिकारिक आदेश विभाग को नहीं मिला है। जिसके कारण अफसर असमंजस में है, वह समर्थन मूल्य पर बात करने से कतरा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस वर्ष बीते वर्ष की तुलना में किसानों का पंजीयन अधिक तादाद में हुआ है। लेकिन समर्थन मूल्य पर गहराए विवाद से धान खरीदी में विलंब हो रहा है। पूर्व के वर्षों में धान खरीदी 1 नवम्बर से शुरू कर दी जाती थी जबकि इस वर्ष धान खरीदी की शुरुआत 1 दिसंबर से होगी।



Body:जिले में 27 समितियां, 41 उपार्जन केंद्र
धान खरीदी के लिए जिले में 27 समितियां काम कर रही हैं जिनके अंतर्गत 40 उपार्जन केंद्र हैं जहां किसान धान भेजेंगे उपार्जन केंद्रों में धान का सिमरन किया जाता है जहां धान खरीदी के लिए बारदाना की आवश्यकता होती है यही धान को सुरक्षित रखने के लिए व्यवस्था रहती है प्रशासन की मानें तो उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के लिए सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई है। वर्तमान में 21 समितियों को भंग हैं। जिनमें प्रशासन द्वारा नियंत्रण के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गए हैं।

4000 किसान बढ़े
पिछले वर्ष सरकारी बैंक द्वारा पंजीकृत किसानों की संख्या 23000 थी जो कि इस वर्ष 4000 बढ़कर 27000 हो गई है।





Conclusion:किसानों को दिए गए 40 करोड़ के लोन
खरीफ फसल 2019 के लिए इस वर्ष सहकारी बैंक ने नगद और खाद-बीज को मिलाकर कुल 40 करोड़ और 76 लाख रुपए के लोन बांटे हैं। सहकारी बैंकों से यह लोन 14638 किसानों ने लिए हैं। अब सभी किसानों को बेसब्री से धान खरीदी शुरू होने का इंतजार है। ताकि वह बैंकों का लोन चुकता कर सकें।

15 फरवरी तक होगी धान खरीदी
आमतौर पर हर वर्ष धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू होकर जनवरी तक समाप्त हो जाती थी। लेकिन चूंकि इस वर्ष खरीदी 1 महीने देर से 1 दिसंबर को शुरू हो रही है। इसलिए खरीदी बंद करने की तारीख को भी राज्य शासन ने आगे बढ़ा दिया है, किसानों से धान की खरीदी 15 फरवरी तक होगी।

बाइट। अजय उरांव, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी जिला खाद्य अधिकारी
Last Updated : Nov 16, 2019, 8:36 AM IST
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