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कोरबा में अव्यवस्था को लेकर सत्तापक्ष के पार्षदों ने की इस्तीफे की पेशकश - नगर निगम आयुक्त

आयुक्त की मनमानी और अव्यवस्थाओं को लेकर कोरबा नगर निगम के पार्षद अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए. पार्षदों ने निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पार्षदों ने इसके लिए इस्तीफे की पेशकश की है.

congress councilors offered to resign in korba
कांग्रेस पार्षदों का धरना
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Published : May 21, 2021, 5:56 PM IST

कोरबा: जिले में नगर निगम के आयुक्त पर मनमानी का आरोप सत्ता पक्ष के पार्षद लगा रहे हैं. लॉकडाउन में राशन कार्ड विहीन गरीब परिवारों को सूखा राशन नहीं देने को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने धरना दिया है. गुस्साए कांग्रेसी पार्षद निगम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. बरसात होने पर भी पार्षद डटे रहे. पार्षदों का कहना था कि निगम में महापौर और सभापति कांग्रेस के हैं. लेकिन इसके बावजूद आयुक्त हमारी नहीं सुनते.

कोरबा में सत्तापक्ष के पार्षदों का धरना प्रदर्शन

पार्षदों ने बताया कि लॉकडाउन के सवा महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक राशनकार्ड विहीन गरीब परिवारों को सूखा राशन नहीं मिल पाया है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम में कमीशनखोरी चल रही है. इसलिए हमने धरना देकर इस्तीफे की पेशकश की है.

पार्षद मद का सामान भी उठा ले गए आयुक्त

कोरबा नगर निगम के वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद अमरजीत सिंह ने निगमायुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उन्होंने पार्षद मद से वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरण खरीद कर कुसमुंडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराए थे. जिससे उनके वार्ड के संक्रमितों को इसका फायदा मिल सके. लेकिन कुछ दिन पहले आयुक्त यहां पहुंचे और इन सामानों को लेकर स्याहीमुड़ी स्थित सीपेट कोविड सेंटर में ले गए.

टूलकिट मामला: पूर्व सीएम रमन सिंह पर FIR के खिलाफ बृजमोहन अग्रवाल का धरना

पार्षद निधि का दुरुपयोग !

अमरजीत का कहना है कि क्या पार्षदों को अधिकार नहीं है कि वह अपने वार्ड के लोगों की सेवा करें. जरूरतों को पूरा करें ? उन्होंने कहा कि पार्षदों के अधिकार पर अतिक्रमण हो रहा है. पार्षद निधि का भी जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है.

संपदा अधिकारी को हटाने की मांग

पार्षदों का आरोप है कि लॉकडाउन में गरीबों को सूखा राशन तो नहीं मिल रहा, लेकिन जो निर्माणाधीन मकान है वहां वसूली जरूर हो रही है. निगम के कर्मचारी राशन कार्ड विहीन लोगों से 3-3 हजार रुपये लेकर राशन कार्ड बना रहे हैं. निगम में कमीशखोरी हावी है. इसलिए या तो अब निगम में कमीशन खोरी चलेगी या फिर हम पार्षद इस्तीफा दे देंगे.

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आयुक्त के आश्वासन पर माने पार्षद

नगर पालिका निगम कार्यालय के सामने सत्तापक्ष के पार्षदों ने 1 घंटे तक प्रदर्शन किया. पार्षदों में से कुछ MIC (मेयर इन काउंसिल) मेंबर भी हैं. पार्षदों को प्रदर्शन करता देख निगम आयुक्त एस जयवर्धन उनसे बात करने पहुंचे. आयुक्त से पार्षदों ने चर्चा की. पार्षद लगातार नारेबाजी कर रहे थे. आयुक्त के राशन किट बांटने का काम तत्काल शुरू किए जाने के आश्वासन पर पार्षद माने और धरना खत्म हुआ.

नेता प्रतिपक्ष ने ली चुटकी

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने इस पूरे घटनाक्रम पर चुटकी ली है. उनका कहना है कि नगर निगम कोरबा के नए कार्यकाल को डेढ़ साल का समय बीत चुका है. इन डेढ़ सालो में नगर निगम के विकास कार्य रुके हैं. भ्रष्टाचार की भरमार है. जिसको लेकर समय-समय पर भाजपा पार्षद दल ने आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के पार्षदों ने इस्तीफे की पेशकश की है. अब सत्तापक्ष के पार्षद विरोध में उतर आए हैं. इसलिए नैतिकता के आधार पर महापौर को इस्तीफा दे देना चाहिए.

जोन कमिश्नरों को दी थी जिम्मेदारी

इस पूरे मामले में नगर पालिक निगम के आयुक्त एस जयवर्धन ने कहा है कि राशन बांटने के मामले में जोन कमिश्नरों को जिम्मेदारी दी थी. एक दिन पहले ही इसके लिए मीटिंग ली थी. कमिश्नरों को राशन किट वार्डों में प्रदाय करने को कहा गया था.

कोरबा: जिले में नगर निगम के आयुक्त पर मनमानी का आरोप सत्ता पक्ष के पार्षद लगा रहे हैं. लॉकडाउन में राशन कार्ड विहीन गरीब परिवारों को सूखा राशन नहीं देने को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने धरना दिया है. गुस्साए कांग्रेसी पार्षद निगम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. बरसात होने पर भी पार्षद डटे रहे. पार्षदों का कहना था कि निगम में महापौर और सभापति कांग्रेस के हैं. लेकिन इसके बावजूद आयुक्त हमारी नहीं सुनते.

कोरबा में सत्तापक्ष के पार्षदों का धरना प्रदर्शन

पार्षदों ने बताया कि लॉकडाउन के सवा महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक राशनकार्ड विहीन गरीब परिवारों को सूखा राशन नहीं मिल पाया है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम में कमीशनखोरी चल रही है. इसलिए हमने धरना देकर इस्तीफे की पेशकश की है.

पार्षद मद का सामान भी उठा ले गए आयुक्त

कोरबा नगर निगम के वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद अमरजीत सिंह ने निगमायुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उन्होंने पार्षद मद से वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरण खरीद कर कुसमुंडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराए थे. जिससे उनके वार्ड के संक्रमितों को इसका फायदा मिल सके. लेकिन कुछ दिन पहले आयुक्त यहां पहुंचे और इन सामानों को लेकर स्याहीमुड़ी स्थित सीपेट कोविड सेंटर में ले गए.

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पार्षद निधि का दुरुपयोग !

अमरजीत का कहना है कि क्या पार्षदों को अधिकार नहीं है कि वह अपने वार्ड के लोगों की सेवा करें. जरूरतों को पूरा करें ? उन्होंने कहा कि पार्षदों के अधिकार पर अतिक्रमण हो रहा है. पार्षद निधि का भी जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है.

संपदा अधिकारी को हटाने की मांग

पार्षदों का आरोप है कि लॉकडाउन में गरीबों को सूखा राशन तो नहीं मिल रहा, लेकिन जो निर्माणाधीन मकान है वहां वसूली जरूर हो रही है. निगम के कर्मचारी राशन कार्ड विहीन लोगों से 3-3 हजार रुपये लेकर राशन कार्ड बना रहे हैं. निगम में कमीशखोरी हावी है. इसलिए या तो अब निगम में कमीशन खोरी चलेगी या फिर हम पार्षद इस्तीफा दे देंगे.

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आयुक्त के आश्वासन पर माने पार्षद

नगर पालिका निगम कार्यालय के सामने सत्तापक्ष के पार्षदों ने 1 घंटे तक प्रदर्शन किया. पार्षदों में से कुछ MIC (मेयर इन काउंसिल) मेंबर भी हैं. पार्षदों को प्रदर्शन करता देख निगम आयुक्त एस जयवर्धन उनसे बात करने पहुंचे. आयुक्त से पार्षदों ने चर्चा की. पार्षद लगातार नारेबाजी कर रहे थे. आयुक्त के राशन किट बांटने का काम तत्काल शुरू किए जाने के आश्वासन पर पार्षद माने और धरना खत्म हुआ.

नेता प्रतिपक्ष ने ली चुटकी

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने इस पूरे घटनाक्रम पर चुटकी ली है. उनका कहना है कि नगर निगम कोरबा के नए कार्यकाल को डेढ़ साल का समय बीत चुका है. इन डेढ़ सालो में नगर निगम के विकास कार्य रुके हैं. भ्रष्टाचार की भरमार है. जिसको लेकर समय-समय पर भाजपा पार्षद दल ने आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के पार्षदों ने इस्तीफे की पेशकश की है. अब सत्तापक्ष के पार्षद विरोध में उतर आए हैं. इसलिए नैतिकता के आधार पर महापौर को इस्तीफा दे देना चाहिए.

जोन कमिश्नरों को दी थी जिम्मेदारी

इस पूरे मामले में नगर पालिक निगम के आयुक्त एस जयवर्धन ने कहा है कि राशन बांटने के मामले में जोन कमिश्नरों को जिम्मेदारी दी थी. एक दिन पहले ही इसके लिए मीटिंग ली थी. कमिश्नरों को राशन किट वार्डों में प्रदाय करने को कहा गया था.

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